जन आक्रोश रैली का ‘फ्लॉप शो’ बना गले की फांस, बीजेपी के कुछ नेताओं की अटक रही सांस

जन आक्रोश रैली में भीड़ बुलाने में असफल रहे विधायकों एवं नेताओं पर शीर्ष नेतृत्व हुआ नाराज, राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने रैली हुई फ्लॉप तो प्रदेश में क्या होगा हाल, नोटिस दिए जाने की तैयारी, अब एक दूसरे पर बिल फाड़ रहे नेता

jan aakrosh rally from bjp
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Rajasthan News BJP Jan Aakrosh Yatra. राजस्थान की गहलोत सरकार की विफलताओं को गिनाने के लिए बीजेपी प्रदेश में जन आक्रोश रैली निकाल रही है. इस यात्रा को राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के प्रवेश करने से ठीक पहले शुरू किया गया ताकि मीडिया अटेंशन हो सके और कांग्रेस की देशव्यापी यात्रा को राजस्थान में विफल किया जा सके. लेकिन जन आक्रोश रैली का पहला ही दिन फ्लॉप शो बनकर अब राजस्थान बीजेपी के नेताओं की गले की फांस बन गया है. इस रैली के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) को आमंत्रित किया गया था लेकिन बताया जा रहा है कि उनकी रैली में अनुमानित संख्या से आधी भीड़ भी उनका भाषण सुनने नहीं पहुंची. उनके आयोजन में खाली कुर्सियां भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थीं.

इस बात को बीजेपी की राष्ट्रीय समिति ने सीरियस लिया है और जिम्मेदार अधिकारियों एवं विधायकों को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही हैं. आलाकमान के तीखे तैवरों को देखते हुए कई विधायक अब इसका आरोप नीचे तबके के नेताओं पर डालने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें अच्छी तरह पता है कि इसका खामियाजा उन्हें आगामी चुनावों में टिकट खोकर भी चुकाना पड़ सकता है. फिलहाज ऐसे तीन विधायकों का नाम सामने आ रहा है जिनको कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना है.

दरसअल, जेपी नड्डा एक दिसम्बर को जयपुर के दशहरा मैदान में जन आक्रोश रैली को संबोधित करने वाले थे. बताया जा रहा है कि नड्डा की इस सभा में कार्यकर्ताओं और आम लोगों को लाने की जिम्मेदारी शहर अध्यक्ष राघव शर्मा के अलावा मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ, सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी और विधायक नरपत सिंह राजवी के पास थी. जन आक्रोश आंदोलन और रथ यात्रा के तुरंत बाद ही बीजेपी के राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने बीजेपी के शहर अध्यक्ष राघव शर्मा को अपनी नाराजगी जाहिर भी कर दी. सभा में भीड़ नहीं जुटने से शीर्ष नेतृत्व नाखुश है. पिछले एक-दो दशक में ऐसा पहली बार हुआ है जब बीजेपी का कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष जयपुर आया हो और उनकी सभा में कुर्सियां खाली रह गईं. ये भी सामने आ रहा है कि सरदार शहर उप चुनाव निपटने के बाद इसको लेकर इन नेताओं पर नोटिस की तलवार लटक सकती है.

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जैसे ही यह खबर सामने आई, तीनों विधायकों ने इस जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ अपना बिल राघव शर्मा पर फाड़ दिया है. इससे नाराज राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह ने भी प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई है. मालवीय नगर से बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने बताया कि शहर भाजपा संगठन ही सभा की जिम्मेदारी संभाल रहा था. ऐसे में वे ही बता सकते हैं कि सभा स्थल पर लोग बड़ी संख्या में क्यों नहीं जुटे. वहीं पार्टी शहर अध्यक्ष राघव शर्मा के अनुसार, कार्यक्रम के दिन वर्किंग डे पर था और ऐसे में लोगों को जुटाना थोड़ा मुश्किल रहा.

उन्होंने कहा कि कुछ हमारे बीच कम्युनिकेशन गैप कार्यक्रम के समय को लेकर हो गया. कार्यक्रम भीड़ भरे ट्रैफिक वाले इलाके में था. हम सुबह 10.30 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच कार्यक्रम की टाइमिंग को लेकर थोड़े कन्फ्यूज रहे. यही वजह रही कि कम संख्या में ही कार्यकर्ताओं को जुटा सके. हालांकि शर्मा ने ये भी कहा कि एक बार जब राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्‌डा का भाषण शुरू हुआ तो बड़ी संख्या में लोग कार्यक्रम में आ गए थे और कार्यक्रम बहुत सफल रहा.

गौरतलब है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा तो तय समयानुसार जयपुर एयरपोर्ट पहुंच गए थे, लेकिन उनको सभा स्थल पर नहीं लाया गया, क्योंकि उस समय तक सभा स्थल पर लोग नहीं जुटे थे. ऐसे में नड्‌डा को एयरपोर्ट पर ही वीआईपी लाउंज में रोका गया. उनके साथ प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे. अगर नड्‌डा अगर उसी वक्त सभा स्थल पर पहुंच जाते तो शायद पूरा सभा स्थल ही खाली नजर आता.

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दबे स्वर में ये बात भी सामने आ रही है कि जब नड्डा एयरपोर्ट पर रुके तो बीजेपी नेताओं ने इधर-उधर फोन कर लोगों को दशहरा मैदान पर पहुंचने को कहा. सभास्थल पर एक-डेढ़ घंटे बाद थोडे़-बहुत लोग पहुंचने शुरू हुए, तक कहीं जाकर नड्‌डा को एयरपोर्ट से सभा स्थल पर लाया गया. हालांकि कार्यक्रम शुरू होने के बाद भी मैदान पूरा नहीं भरा. इससे जेपी नड्डा सहित कई नेताओं ने नाराजगी जाहिर की. इसके बाद राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह ने प्रदेश बीजेपी के पदाधिकारियों को आड़े हाथ लेते हुए खरी-खोटी सुनाई.

बता दें प्रदेश कांग्रेस सरकार के 4 साल का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर बीजेपी जन आक्रोश रैली निकाल कर सरकार को घेरने का काम करेगी. इस दौरान सरकार की नाकामियों को लेकर 1 दिसम्बर से लेकर 17 दिसंबर तक सभी 200 विधानसभाओं में रथ यात्राएं निकाली जाएगी. यह रथ यात्रा प्रत्येक गांव तक पहुंचेगी. 17 दिसम्बर को गहलोत सरकार के 4 साल पूरा होने के अवसर को बीजेपी काला दिवस के तौर पर मनाएगी. इसी के साथ जन आक्रोश यात्रा का समापन किया जाएगा. ये भी बता दें कि जन आक्रोश रैली के समापन के साथ ही भारत जोड़ो यात्रा का राजस्थान से प्रस्थान होगा.

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