Politalks.News/JaipalPooniaMurderCase. बीते शनिवार नागौर जिले की नावां सिटी में नमक कारोबारी जयपाल पूनिया की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या मामले में सियासत अपने चरम पर है. नमक कारोबारी हत्याकांड में हर दिन नए खुलासे होते जा रहे हैं. राजस्थान पुलिस की सीआईडी अपराध शाखा एवं नागौर जिला पुलिस की टीम ने इस मामले में नावां MLA महेंद्र चौधरी के भाई मोती सिंह चौधरी सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इधर, मंगलवार देर रात सहमति बनने के बाद बुधवार को पोस्टमार्टम करने का निर्णय लिया गया लेकिन, जब पोस्टमार्टम किया तो पता चला मृतक जयपाल के शरीर में एक भी गोली नहीं मिली जो कि कई बड़े सवाल खड़े करता है. तो वहीं RLP मुखिया एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने उच्च अधिकारीयों से बात की और विडियोग्राफी करवाते हुए पोस्टमार्टम करवाने व साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की आशंका की जांच करवाने के निर्देश दिए है.
नमक कारोबारी जयपाल पूनिया हत्याकांड मामले में अब ऐसा मोड़ सामने आ गया है, जिसने इस मामले की दिशा ही बदल दी है, वहीं है किसी को अचरज में भी डाल दिया है. बुधवार को मृतक कारोबारी के परिवार के साथ सहमति के बाद बॉडी का पोस्टमार्टम किया गया. लेकिन पोस्टमार्टम में एक अजीब बात सामने आई कि मृतक जयपाल के शरीर में से एक भी गोली नहीं मिली. जबकि सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार जयपाल पूनियां का मर्डर बाहर से शूटर बुलाकर करवाया गया था. लेकिन इसके बावजूद उनके शरीर से एक भी गोली नहीं निकली जो कि कई सवाल खड़े करता है. करीब 3 घंटे तक चले पोस्टमार्टम के दौरान शरीर में एक भी गोली नहीं मिली तो शव प्राइवेट लैब भेजा गया. इस पुरे मामले के सामने आने के बाद एसपी राममूर्ति जोशी मौके पर पहुंचे. सूत्रों का कहना है कि शव को जयपुर भिजवाया जा सकता है. वहीं पोस्टमार्टम पर उठ रहे सवालों को लेकर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने उच्च अधिकारीयों से बात की है.
सांसद हनुमान बेनीवाल ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि, ‘दिवगंत जयपाल पुनिया के परिजनों द्वारा पोस्टमार्टम को लेकर नावां के चिकित्सा अधिकारियों व कार्मिकों की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े किए है. मामले को लेकर मैंने प्रशासन व पुलिस के उच्च अधिकारीयों से दूरभाष पर वार्ता की है. नावां के अलावा अन्य स्थानों के चिकित्सको की टीम के द्वारा मेडिकल बोर्ड का गठन करके विडियोग्राफी करवाते हुए पोस्टमार्टम करवाने व साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की आशंका की जांच करवाने के निर्देश दिए है.’ वहीं खींवसर MLA नारायण बेनीवाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर जानकारी दी कि वो नावां के लिए रवाना हो गए है.
दूसरी तरफ पुलिस ने आज इस पुरे हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि, ‘मर्डर से पहले मुख्य आरोपी एवं विधायक महेंद्र चौधरी के भाई मोती सिंह ने अपने 11 साथियों के साथ मिलकर कारोबारी जयपाल पूनिया की रेकी की थी. यहीं नहीं फायरिंग के बाद जब पूनिया को जयपुर रेफर किया गया, तो भी मोती सिंह ने उसका पीछा किया था क्योंकि वह जानना चाह रहा था कि जयपाल जिंदा है या फिर मर गया.’
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अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (अपराध) डॉ राहुल प्रकाश ने बताया कि, ‘इस हत्या के पीछे का षड्यंत्र और कहानी पुलिस के सामने आ चुकी है और शीघ्र ही मामले का खुलासा कर घटना में लिप्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा. घटनास्थल के निरीक्षण, साक्ष्य संकलन एवं घटनास्थल के बीटीएस और संदिग्ध मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल विश्लेषण के आधार पर 5 संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. प्रारंभिक पूछताछ में इन व्यक्तियों की घटना में संलिप्तता पाई गई है और मौके पर पर्याप्त पुलिस जाब्ता तैनात है.
आपको बता दें कि इस पुरे मामले को लेकर RLP प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवल की चेतावनी के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और विधायक महेन्द्र चौधरी के भाई मोती सिंह चौधरी सहित 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके साथ ही मामले की जांच के लिए SIT के गठन के निर्णय के बाद सांसद बेनीवाल ने धरना स्थल पर लौटकर 10 दिनों के किए आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की थी. सांसद बेनीवाल ने साथ में ये भी कहा कि, ‘अगर पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला और पूनियां के परिजन चाहेंगे तो यह आंदोलन फिर से होगा.’ इससे पहले बेनीवाल के जयपुर कूच और सीएम आवास को घेरने के एलान के बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए थे. आनन फानन में पहले जोबनेर के नजदीक बेनीवाल के काफिले को रोकने का प्रयास किया गया लेकिन वे नहीं रुके. जिसके बाद महला के नजदीक सरकार की तरफ से कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव को वार्ता के लिए भेजा गया, तब कमिश्नर और डीजीपी के द्वारा 5 लोगों की गिरफ्तारी और SIT के गठन पर सहमति के बाद सांसद बेनीवाल ने जयपुर कूच को टाल दिया था.