गुजरात: टिकट न मिलने की आशंका से जय नारायण व्यास ने छोड़ा 32 साल पुराना ‘कमल’ का साथ

कुल 7 बार चुनाव लड़कर 4 बार विधायक रह चुके हें जय नारायण व्यास, एक सर्वे के मुताबिक सिद्धपुर विधानसभा सीट से सबसे लोकप्रिय नेता हैं व्यास, अपने इलाके में है अच्छी पकड़, आप पार्टी में हो सकते हैं शामिल, कांग्रेस भी लेना चाहती है व्यास को अपने पास

jay narayan vyas left bjp before gujarat elections
jay narayan vyas left bjp before gujarat elections

GujaratAssemblyElections. जैसे जैसे गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीख नजदीक आ रही है और पार्टियों द्वारा प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जा रहा है, पार्टियों में जारी खींचतान और बगावत खुलकर सामने आने लगी है. खासकर सत्ताधारी बीजेपी और प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस में दिग्गजों की नाराजगी पार्टियों की टेंशन बढ़ा रही है. गुजरात विस चुनाव से ऐन वक्त पहले जहां कांग्रेस में वरिष्ठ दिग्गज नेता हिमांशु व्यास ने पार्टी पर अनदेखी के आरोप लगाते हुए भाजपा का दामन थाम लिया है तो वहीं बीजेपी के दिग्गज नेता और 4 बार के विधायक जय नारायण व्यास ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है. पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व्यास ने बीजेपी से परेशान होकर इस्तीफा देने की बात कही है. व्यास के आम आदमी पार्टी में शामिल होने की बात कही जा रही है लेकिन अभी तक उन्होंने ऐसा कोई खुलासा नहीं किया है. हालांकि सिद्धपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की बात जरूर कही है.

आपको बता दें जय नारायण व्यास और बीजेपी का 32 सालों का साथ रहा है. दिग्गज नेता व्यास बीजेपी के टिकट पर 4 बार विधायक रह चुके हैं. वे पार्टी के सबसे पुराने नेताओं में से एक हैं. हालांकि अपने इस्तीफे में जय नारायण व्यास ने पार्टी छोड़ने की कोई खास वजह नहीं बताई है, लेकिन माना जा रहा है कि व्यास सिद्धपुर विधानसभा सीट से टिकट की मांग कर रहे थे. इस सीट पर 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के चंदाजी ठाकोर के सामने व्यास हार गए थे. अब बीजेपी इस सीट पर व्यास को टिकट देने के मूड में बिलकुल भी नहीं है.

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जबकि चुनाव से पहले आए एक सर्वे के मुताबिक, जय नारायण व्यास अब भी सिद्धपुर विधानसभा सीट से सबसे लोकप्रिय नेता हैं. वह यहां से 7 बार चुनाव लड़ चुके हैं और 4 बार जीत का स्वाद भी चख चुके हैं. जय नारायण व्यास के कद का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 2007 में सिद्धपुर से कांग्रेस के बलवंत सिंह राजपूत को हराने के बाद उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया था. उस दौरान व्यास फैमिली वेलफेयर ऐंड हेल्थ मिनिस्टर थे. बताया यही जा रहा है कि व्यास भाजपा में टिकट की उम्मीद नहीं कर रहे थे और पार्टी छोड़ने की यही एक वजह है.

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आप और कांग्रेस दोनों पार्टियों से चल रही बातचीत –
आपको बता दें कि सबसे पहले तो दिग्गज भाजपा नेता रहे जय नारायण व्यास के आम आदमी में जाने की बात सामने आ रही है. हालांकि फिलहाल उन्होंने ऐसा कोई खुलासा नहीं किया है. लेकिन व्यास ने सिद्धपुर विस सीट से चुनाव लड़ने की बात जरूर कही है. ऐसे में उन्होंने आप और कांग्रेस दोनों पार्टियों में जाने के अपने विकल्प खुले रखे हैं. आप पार्टी और कांग्रेस दोनों के करीबी सूत्रों का भी कहना है कि व्यास से बात चल रही है. यदि बात सफल होती है तो व्यास को पार्टी में शामिल किया जा सकता है. सरदार सरोवर डैम प्रोजेक्ट का नेतृत्व कर चुके जयनारायण व्यास की मांग सिद्धपुर विस से टिकट की है. आप या कांग्रेस दोनों में से जो भी व्यास की मांग पूरी करेगा, ये उसी पार्टी में शामिल हो जाएंगे.

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