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सुप्रीम कोर्ट ने आज पश्चिम बंगाल के आईपीएस राजीव कुमार प्रचार की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटा दिया है. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से राजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग की थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गिरफ्तारी से रोक तो हटा दी लेकिन अगले एक हफ्ते तक राजीव प्रचार को गिरफ्तार न करने का आदेश दिया है. इस दौरान वह अपने लिए उपलब्ध कानूनी विकल्प तलाश सकते हैं. अगर राजीव कुमार सात दिन के अंदर कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख नहीं करते हैं और उनको वहां से अग्रिम जमानत नहीं मिलती है तो सीबीआई सात दिन बाद राजीव कुमार को गिरफ्तार कर सकती है.

आईपीएस प्रचार पर शारदा चिटफंड घोटाले के सबूत मिटाने के आरोप हैं. सीबीआई इसी मामले में उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाह रही है. राजीव कुमार वही अफसर है जिनका चुनाव आयोग ने बंगाल से तबादला कर गृह मंत्रालय में रिपोर्ट करने के आदेश दिए हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर कहा कि राजीव कुमार जांच में सहयोग करें हालांकि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाए. इसके बाद उनसे शिलॉन्ग में पूछताछ का आदेश दिया गया था. यहां राजीव कुमार से कई दौर की पूछताछ हो चुकी है.

बता दें, फरवरी में सीबीआई की 40 सदस्यों की टीम तत्कालीन कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव प्रचार से पूछताछ के लिए आई थी. लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने सीबीआई की टीम को ही हिरासत में ले लिया. इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसे बदले की कार्रवाई बताते हुए सीबीआई के खिलाफ तीन दिन तक धरने पर बैठ गईं थी.

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