Politalks.News/MadhyaPradesh. देश में पहली बार मेडिकल कॉलेज में हिन्दी भाषा में पढ़ाई प्रारंभ करने की पहल से उत्साहित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि राज्य में असंभव से दिखने वाले इस कार्य को संभव कर दिया गया है और अब सरकार हिन्दी भाषा के और अधिक उपयोग पर जोर देगी. इसके साथ ही सीएम शिवराज सिंह ने डॉक्टर्स से मरीज के पर्चे पर हिंदी में दवाई का नाम लिखने की अपील की जिसमें Rx की जगह पर ‘श्रीहरि’ लिखने को कहा. ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस अपील की मेडिकल और सियासी जगत में जोरदार चर्चा है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को भोपाल में हिंदी की व्यापकता एक विमर्श कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. यहां ”हिन्दी विमर्श” से जुड़े एक आयोजन में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम शिवराज ने कहा कि राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष से संबंधित पाठ्यपुस्तकों को हिन्दी में तैयार कर लिया है. जब हमने इसकी शुरूआत की थी, तब काफी लोगों ने इसे असंभव बताया था, लेकिन सरकार की विशेष टीम ने दिनरात एक कर इस कार्य को संभव कर दिया है.
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शिवराज सिंह ने बताया कि अभी पहले वर्ष की पुस्तकें तैयार हुई हैं, अब द्वितीय, तृतीय और आगे के वर्षों के साथ ही स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रम के लिए भी पुस्तकें तेजी से हिंदी में तैयार की जाएंगी. इसके साथ ही सीएम चौहान ने बताया कि रविवार 16 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में इन पुस्तकों (एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पुस्तकों) का विमोचन करेंगे.
वहीं कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डॉक्टर्स से मरीज के पर्चे पर हिंदी में दवाई का नाम लिखने की अपील की. सीएम चौहान ने डॉक्टर्स से कहा कि हिंदी में लिखने में क्या दिक्कत है. क्रोसिन (दवा) लिखना है तो उसे हिंदी में नहीं लिख सकते हैं? इससे क्या परेशानी होगी? मुख्यमंत्री चौहान ने आगे कहा कि ऊपर Rx की जगह श्री हरि लिखो और दवा का नाम लिख दो हिंदी में. यहां गांव-गांव में डॉक्टर की जरूरत है, हिंदी में लिखेंगे, इसमें क्या दिक्कत है? यहां डॉक्टर मित्र बैठे हैं, वे तरीका निकालेंगे.
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भोपाल में आयोजित हुए इस हिंदी विमर्श कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि सरकार हिंदी भाषा के सरकारी कामकाज में अधिक से अधिक उपयोग को प्राथमिकता दे रही है. इसके तहत स्थानों आदि के नाम भी हिंदी भाषा में ही लिखने पर जोर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री चौहान ने इस कार्य में भोपाल नगरनिगम और अन्य संबंधित विभागों से आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए.