Politalks.News/UttarPradesh. ‘अखिलेश को यह बोलना चाहिए था कि चुनाव आयोग ने उन्हें 125 सीटें जितवा दीं, चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे से लेकर प्रचार अभियान तक उनकी तरफ से हुई गलतियों पर उन्हें बात करनी चाहिए, चुनाव आयोग पर उनका आरोप लगाना गलत है…,’ ये कहना है सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का. राजभर का ये बयान अखिलेश यादव के उस बयान पर आया है जिसमें वे विधानसभा और लोकसभा चुनाव में सपा को मिली हार के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. यह पहली बार नहीं है जब ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश के खिलाफ बयान दिया है. विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. यही नहीं अब तो उन्होंने समाजवादी पार्टी से तलाक भी ले लिया और अब तो वो खुलकर उनके खिलाफ बोलने लगे हैं.
आपको बता दें की गुरूवार को पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि, ‘उनकी पार्टी ने राज्य का पिछला विधानसभा चुनाव लोकतंत्र बचाने की अपील के साथ लड़ा था, मगर नतीजा सबके सामने है. देश में अब कोई भी निष्पक्ष संस्थान बाकी नहीं रह गया है. सरकार दबाव डालकर इन संस्थानों से मनमाफिक काम कराती है. चुनाव आयोग ने बहुत बेईमानी की. बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काट दिये गये. रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा कार्यकर्ताओं को वोट नहीं डालने दिया गया, जबकि आजमगढ़ में सपा कार्यकर्ताओं को रेड कार्ड जारी किये गये. क्या चुनाव आयोग सो रहा था? उसने हमारी शिकायतों पर ध्यान ही नहीं दिया.’ अखिलेश यादव के इन आरोपों पर अब कभी उनके सहयोगी रहे ओमप्रकाश राजभर ने पलटवार किया है.’
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ओमप्रकाश राजभर ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए अखिलेश यादव के बयानों को गलत बताया. राजभर ने आगे कहा कि, ‘अखिलेश यादव आज अब अपनी हार के लिए चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं लेकिन मैं अखिलेश यादव को यह पूछना चाहता हूँ कि अगर वो जो कह रहे हैं वो सच्चे है तो फिर विधानसभा चुनाव में कैसे 125 सीटें जीत गए ? चुनाव आयोग पर गलत आरोप मढ़ने के बजाय अखिलेश को चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे से लेकर प्रचार अभियान तक की अपनी कमियों को उजागर करना चाहिए. सही मायने में अखिलेश यादव को यह बोलना चाहिए कि चुनाव आयोग ने उन्हें 125 सीटें जितवा दीं. नामांकन के अंतिम दिन तक जिस तरह से वह हर घंटे दो घंटे पर प्रत्याशियों के नाम बदल रहे थे उसे देखते हुए 125 सीटों पर मिली जीत भी बड़ी है.’
ओमप्रकाश राजभर ने आगे कहा कि, ‘अखिलेश को पता है कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा की क्या स्थिति होने वाली है. यही वजह है कि वह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को अभी से आगाह कर रहे हैं. बता रहे हैं कि पार्टी की हार का कारण चुनाव आयोग है ताकि 2024 में मिलने वाली हार का ठीकरा वह चुनाव आयोग पर फोड़ सकें.’ वहीं समाजवादी पार्टी से गठबंधन टूटने से जुड़े सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि, ‘गठबंधन टूटने में यदि यह मान लिया जाए कि मैं गलत हो सकता हूं तो फिर बसपा की बहन मायावती और कांग्रेस से उनका गठबंधन कैसे टूट गया. सही बात तो यह है कि अखिलेश को किसी पर भरोसा ही नहीं है.’
वहीं आजम खान का जिक्र करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि, ‘आजम खां जब जेल में बंद थे तब अखिलेश उनसे मिलने जेल में नहीं गए लेकिन रमाकांत यादव से वह जेल में मिलने जाएंगे. उन्हें सिर्फ अपनी बिरादरी के नेताओं की चिंता है बाकी जातियों की कोई चिंता नहीं है.’ अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि, ‘अखिलेश यादव 79 ओबीसी जातियों की सरकारी नौकरियों में स्थिति के आंकलन की प्रदेश सरकार के फैसले में अड़ंगेबाजी कर रहे हैं, वह कह रहे हैं कि पहले जातीय जनगणना कराई जाए. सरकार में रहते हुए अखिलेश ने जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई.’
आपको बता दें कि, 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव ओम प्रकाश राजभर, समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़े थे. उनकी पार्टी सुभासपा 17 सीटों पर उतरी थी, जिसमें से 6 सीटों पर जीत मिली. ओम प्रकाश राजभर को भी जहूराबाद सीट से जीत मिली. 2022 में योगी सरकार की वापसी के बाद से ही ओम प्रकाश राजभर, सपा मुखिया अखिलेश यादव पर हमलावर हैं.