Politalks.News/Loksabha. संसद के बजट सत्र के दौरान इस बार बजट पर चर्चा से ज्यादा केंद्र सरकार द्वारा लाये गए तीनों कृषि कानूनों पर पक्ष और विपक्ष आमने सामने नजर आ रहा है. लोकसभा में सरकार के बजट पर चर्चा के दौरान गुरूवार को कृषि कानूनों के कंटेंट और इंटेंट पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को जमकर घेरा. वायनाड सांसद राहुल गांधी ने सालों पुराने फैमली प्लानिंग के स्लोगन का जिक्र करते हुए मोदी सरकार पर जोरदार निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा कि, “सालों पहले फैमली प्लानिंग के लिए नारा था ‘हम दो हमारे दो‘, आज क्या हो रहा है, ये नारा दूसरे रूप में आया है, आज इस देश को चार लोग चला रहे हैं और वो हैं ‘हम दो-हमारे दो‘.” आपको बता दें, यहां राहुल गांधी का सीधा इशारा पीएम मोदी- अमित शाह और अडानी-अम्बानी की ओर था.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान भाषण देते हुए तीनों कृषि कानूनों के कंटेंट और इंटेंट को समझाते हुए कहा कि, “पहले कानून का कंटेंट है कि कोई भी व्यक्ति देश में कहीं भी कितना भी अनाज, सब्जी, फल खरीद सकता है. अगर खरीदी देश में अनलिमिटेड होगी तो मंडी में कौन जाएगा? पहले कानून का कंटेंट मंडी को खत्म करने का है. दूसरे कानून का कंटेंट है कि बड़े से बड़े उद्योगपति अनाज, फल, सब्जी स्टॉक कर सकते हैं, कोई लिमिट नहीं है,’ और तीसरे कानून का कंटेंट ये है कि किसान जब उद्योगपतियों के सामने जाकर अपनी उपज का पैसा मांगें तो उसे अदालत में नहीं जाने दिया जाएगा. सालों पहले फैमिली प्लानिंग में नारा था- हम दो और हमारे दो. आज क्या हो रहा है, जैसे कोरोना दूसरे रूप में आता है, वैसे ही ये भी नए रूप पर आ रहा है. अब 4 लोग देश चला रहे हैं, उनका नारा है हम दो हमारे दो.’
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए सांसद राहुल गांधी ने कहा कि, “हम दो और हमारे दो इस देश को चलाएंगे तो पहली बार हिंदुस्तान के किसानों को भूख से मरना पड़ेगा. ये देश रोजगार पैदा नहीं कर पाएगा.” राहुल गांधी ने बताया कि, “ये पहली कोशिश नहीं है, ये काम प्रधानमंत्री ने हम दो हमारे दो के लिए पहले नोटबंदी में शुरू किया था. पहली चोट नोटबंदी थी, तब ये मंशा थी कि नोट निकालो और हम दो हमारे दो की जेब में डालो.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सदन में किसानों को ऑप्शन देने की बात पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, “प्रधानमंत्री कहते हैं कि उन्होंने ऑप्शन दिया है, लेकिन उनका पहला ऑप्शन भूख, दूसरा बेरोजगारी और तीसरा आत्महत्या है.” राहुल गाँधी ने कहा कि ‘लॉकडाउन के दौरान जब गरीबों ने बस और ट्रेन का टिकट मांगा तो मना कर दिया और कहा गया कि तुम पैदल घर जाओगे.’
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इस दौरान स्पीकर ओम बिरला लगातार राहुल गांधी को बजट पर बोलने के लिए टोकते रहे. इस पर राहुल गांधी ने कहा, “मैं बजट पर भी बोलूंगा, मैं फाउंडेशन बना रहा हूं अभी. पहले नोटबंदी, फिर जीएसटी और फिर कोरोना के समय उन्हीं 8-10 लोगों का कर्जा माफ कर दिया. हिंदुस्तान का रोजगार का भी सिस्टम है. स्मॉल और मीडियम इंडस्ट्री खत्म हो गई. आज नहीं, कल भी ये देश रोजगार नहीं पैदा कर पाएगा, क्योंकि आपने किसान, मजदूर की और छोटे व्यापार की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी.”
इसके बाद दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, “ये किसानों का आंदोलन नहीं है, ये देश का आंदोलन है. किसान सिर्फ रास्ता दिखा रहा है और वो अंधेरे में टॉर्च दिखा रहा है. एक आवाज में पूरा देश हम दो-हमारे दो के खिलाफ उठने जा रहा है. आप ये लिखकर ले लीजिए, आप सोचते हैं कि हिंदुस्तान के गरीब, मजदूर, किसान को हटा लोगे, पर वो एक इंच पीछे नहीं हटेंगे, बल्कि किसान आपको हटा देगा और आपको कानून वापस लेना ही पड़ेगा.”
कुल मिलाकर बजट भाषण पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने बजट की बजाय तीनों कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर ही बात की. अपने भाषण के अंत में राहुल गाँधी ने कहा कि, ‘अब बात करते हैं बजट की, सरकार ने तब कहा कि चर्चा किसानों के मुद्दे पर नहीं होगी और मैं बजट पर नहीं, सिर्फ किसानों के मुद्दे पर बोलूंगा और उसके बाद अपना मुंह चुप कर लूंगा. आंदोलन के दौरान जो किसान शहीद हुए, उनको इन लोगों ने श्रद्धांजलि नहीं दी, मैं अपने भाषण के बाद उन शहीदों के लिए 2 मिनिट का मौन रखूंगा कोई सांसद चाहे तो मेरे साथ खड़ा हो सकता है.’ इसके बाद तमाम कांग्रेसी सांसदों ने 2 मिनिट का मौन धारण किया.
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आपको याद दिला दें, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए बुधवार को कहा था कि सदन में तीनों कृषि कानूनों के कंटेंट (विषय वस्तु) और इंटेंट (मंशा) पर बात नहीं हुई. इसी बयान पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर पलटवार किया. इस दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया जिसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को शांत रहने का प्रयास किया.