Politalks.News/PunjabPolitics. पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के पार्टी में आंतरिक कलह बढ़ गई है. 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद आनन् फानन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पांचों राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफा मांग लिया था. वहीं पंजाब में सत्ताधारी पार्टी होने के बावजूद भी कांग्रेस चुनाव हार गई. इस हार की समीक्षा के लिए जब सोनिया गांधी ने पंजाब कांग्रेस के नेताओं से बात की तो आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई.सियासी गलियारों में ये चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेसी दिग्गजों के बयान पंजाब कांग्रेस प्रधान और विधानसभा में LOP की कुर्सी को लेकर भी आ रहे हैं.
कांग्रेस में फैली आंतरिक कलह की एक झलक आज भी देखने को मिली जब कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और प्रताप सिंह बाजवा ने नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया. बिट्टू ने जहां सिद्धू को मिसगाईडेड मिसाइल बताया तो वहीं बाजवा ने कहा कि, ‘पंजाब में पार्टी को अरबी घोड़े दौड़ाने चाहिए.’ वहीं सिद्धू ने भी दोनों नेताओं के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
पंजाब में हार के कारण ढूंढ रहे कांग्रेस आलाकामन की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. पंजाब कांग्रेस में फैली आंतरिक कलह ने मुश्किलें एक बार फिर से बड़ा दी है. पंजाब कांग्रेस में अब हाथी, घोड़े और गधे के बहाने सियासत होने लगी है. कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने नवजोत सिंह सिद्धू और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘कभी सुना था कि गीदड़ों ने शेर का शिकार कर दिया. पंजाब में तो गधों ने शेर मरवा दिए.’
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बिट्टू ने कहा कि, ‘जिनको हाईकमान ने जिम्मेदारी दी, वह कुछ नहीं कर पाए. कुछ लोग कहते थे कि मुझे ऐसा कर दो तो मैं ऐसे कर दूंगा, लेकिन जो गब्बर सिंह बने थे, चुनाव में उन सबकी हवा निकल गई. मिसगाइडेड मिसाइल ने पार्टी को ही तबाह कर दिया.’ इशारों इशारों में कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधते हुए बिट्टू ने कहा कि, ‘हम लोग आज अपनी ही गलती को भोग रहे हैं.’
वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि, ‘डर्बी की रेस में हमें देसी खच्चर की जगह अरबी घोड़े दौड़ाने चाहिए. देसी दौड़ाएंगे तो सबसे लास्ट में ही आएंगे. बाजवा की यह बात सीधे तौर पर चुनाव में अगुवाई करने वाले चरणजीत चन्नी और नवजोत सिद्धू से जोड़कर देखी जा रही है. सिद्धू के भाजपा से आने के बावजूद प्रधान बनाने को लेकर भी बाजवा कई बार इशारों में सवाल उठा चुके हैं. वहीं नवजोत सिंह सिद्धू ने भी इशारों इशारो में खुद को सही साबित कर दिया.
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नवजोत सिंह सिद्धू ने गुरूवार को कांग्रेस द्वारा बढ़ती महंगाई के विरोध में किये जा रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन में मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘हाथी चाहे धूल से सना हो, उस पर धूल पड़ी हो, लेकिन वह फिर भी सम्मानित होता है.’ सियासी गलियारों में चर्चा है कि सिद्धू ने यहां हाथी नाम का उपयोग खुद के लिए किया है. इसके साथ ही सिद्धू ने कांग्रेस छोड़ जाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा था कि, ‘कुत्ते को चाहे सोने की जंजीरें बांध दो, वह सम्मानित नहीं होता.’ सिद्धू ने ये भी कहा कि, ‘वह चुनाव हारे हैं मरे नहीं.’ सिद्धू जिस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं उससे ये साफ़ है कि एक बार फिर से वह आलाकमान पर दबाव बना पंजाब कांग्रेस प्रधान की सीट हासिल करना चाहते हैं.
पंजाब में कांग्रेस नेताओं की नजर प्रदेश प्रधान और विधानसभा में विपक्षी दल के नेता (LOP) की कुर्सी पर है. नवजोत सिद्धू फिर से कांग्रेस प्रधान की कुर्सी चाहते हैं. रवनीत बिट्टू की नजर भी इसी कुर्सी पर है. वहीं प्रताप सिंह बाजवा कादियां से विधायक चुनकर आए हैं तो वह LOP के साथ प्रधान पद को लेकर भी इशारों में दावेदारी ठोक रहे हैं. कांग्रेस को चुनाव में इस बार करारी हार झेलनी पड़ी. 2017 में कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थी. इस बार कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाया गया. कांग्रेस ने चरणजीत चन्नी को CM बना दिया. इसके बावजूद पार्टी सिर्फ 18 सीटों पर सिमटकर रह गई. कांग्रेसी मानते हैं कि लोगों ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में नहीं बल्कि कांग्रेस के विरोध में वोट दिया है.