Politalks.News/Rajasthan. दिवाली के तुरंत बाद राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश की जनता को बड़ा झटका दिया है. राजस्थान डिस्कॉम ने बिजली उपभोक्ताओं को फ्यूल सरचार्ज बढ़ाकर जनता को महंगाई का करंट लगा दिया है. बिजली कम्पनियों ने वित्तीय वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के लिए कोयला और परिवहन ने अतिरिक्त खर्च का आकलन किया है, जिसके चलते उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट 21 पैसे की रिकवरी निकाली गई है, यानी की अगले माह नवम्बर और दिसम्बर के महीने बिजली के बिल बढ़े हुए आने वाले हैं. वहीं अब इस मुद्दे को लेकर सियासत गर्म हो गई है. सूबे की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने बढ़े हुए फ्यूल सरचार्ज को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘दीपावली पर तो तोहफे दिए जाते हैं, लेकिन अशोक गहलोत की कांग्रेस पार्टी की सरकार ने बार-बार फ्यूल सरचार्ज बढ़ाकर बिजली के बिलों में झटके दिए हैं.’ तो वहीं राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि, ‘प्रदेश सरकार अपनी चहेती निजी विद्युत उत्पादन कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए उपभोक्ताओं की जेब काट रही है.’
आपको बता दें, राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज का बोझ बढ़ने वाला है. उपभोक्ता को नवंबर और दिसंबर में जारी होने वाली बिल में 21 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त राशि देनी होगी. डिस्कॉम प्रशासन ने गुरुवार को इसके आदेश जारी कर दिए हैं. प्रदेश में 1 करोड़ 47 लाख बिजली उपभोक्ता हैं. इनमें से 15.70 लाख कृषि उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज नहीं लगेगा. बाकि 1 करोड़ 31 लाख 30 हजार उपभोक्ताओं पर यह फ्यूल सरचार्ज लगेगा. अब इस मुद्दे को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. सूबे की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने आज बिजली के एक ट्रांसफार्मर के पास खड़े होकर गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए का एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि, ‘मैं आज बिजली घर के पास खड़ा हूं, मजबूर हूं, विवश हूं और लाचार हूं, लेकिन आमतौर पर दीपावली पर तो तोहफे दिए जाते हैं लेकिन राजस्थान की अशोक गहलोत की कांग्रेस पार्टी की सरकार ने झटके दिए हैं.’
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जारी वीडियो में सतीश पूनियां ने आगे कहा कि, ‘बिजली के झटके तो कम हैं, लेकिन बिल के झटके ज्यादा हैं. फ्यूल सरचार्ज के नाम पर पहली बार नहीं, यह दर्जनों बार हुआ है, जब राजस्थान की जनता को फ्यूल सरचार्ज को लेकर एक बार फिर दो-दो हाथ करने पड़ेंगे. 21 पैसे महज होंगे लेकिन उसका राज्य की जनता पर फर्क पड़ेगा 375 करोड़ का. इससे उपभोक्ताओं पर सीधे-सीधे मार पड़ने वाली है, यह वही सरकार है जिसने कहा था कि हम सस्ती बिजली देंगे, गुणवत्तापूर्ण बिजली देंगे, पूरी बिजली देंगे. भीषण गर्मी में बच्चों से लेकर जिनकी परीक्षाएं थी, आम आदमी उससे रूबरू होता रहा. बिजली मिलती नहीं थी, यह सच है कि कांग्रेस आई और बिजली गई, यह जुमला सच है और चरितार्थ हुआ.’
प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘जिस तरीके से एक बार फिर से जनता पर फ्यूल सरचार्ज की मार पड़ी है, उससे मुझे लगता है कि राजस्थान में खासतौर से महिलाओं का बजट बिगड़ा है. अब महिलाएं और प्रदेश की जनता इस सरकार की शक्ल बिगाड़ देंगे और 2023 में कांग्रेस को हमेशा के लिए सत्ता से विदा कर देंगे.’ वहीं राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी ट्वीट करते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. राजेंद्र राठौड़ ने अपने पहले ट्वीट में लिखा कि, ‘कांग्रेस सरकार ने पिछले दरवाजे से एक बार फिर महंगी दरों पर कोयला खरीदने के नाम पर प्रदेश के 1.42 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को 21 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज के हिसाब से 375 करोड़ रुपये का जोरदार झटका देने का निर्णय लेकर उनकी कमर तोड़ने का काम किया है.’
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कांग्रेस सरकार ने पिछले दरवाजे से एक बार फिर महंगी दरों पर कोयला खरीदने के नाम पर प्रदेश के 1.42 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को 21 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज के हिसाब से 375 करोड़ रुपये का जोरदार झटका देने का निर्णय लेकर उनकी कमर तोड़ने का काम किया है।
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) October 28, 2022
राजेंद्र राठौड़ ने अपने अगले ट्वीट में लिखा, ‘कांग्रेस सरकार के 4 वर्षीय कार्यकाल में अब तक फ्यूल सरचार्ज के रूप में औसतन 69 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त भार प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं पर लादा जा चुका है जबकि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में अतिरिक्त फ्यूल सरचार्ज मात्र 18 पैसे प्रति यूनिट ही था. सरकार महंगी दरों पर बिजली व कोयला खरीद, कोयले की धुलाई में भ्रष्टाचार, कृषि कनेक्शन देने के टर्नकी प्रोजेक्ट में गड़बड़ी और चहेती निजी विद्युत उत्पादन कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए उपभोक्ताओं की जेब काट रही है और संस्थागत भ्रष्टाचार का तांडव मचाकर जमकर चांदी कूट रही है.’