Politalks.News/MadhyaPradesh. मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर सियासी घमासान शुरू हो चूका है. मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का ऐलान कर दिया. आयोग के अनुसार तीन चरणों में पंचायत चुनाव होने हैं. ऐसे में चुनावों की तारीखों के एलान के साथ ही कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर हमलावर हो गई है. पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण बहुत बड़ा मुद्दा है और दोनों ही दल अपने अपने तरीके से खुद को OBC वर्ग का हितेश बताने में जुटा है. इसी क्रम में शनिवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने OBC आरक्षण को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. कमलनाथ ने शिवराज सरकार OBC वर्ग को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘पंचायत चुनाव में OBC को 9 से 10% ही आरक्षण दिया जा रहा है, जबकि सरकार 35% का झूठा दावा कर रही है.’ वहीं कमलनाथ के बयां पर बीजेपी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है.
शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित बंजारा समाज प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं के सम्मेलन के दौरान कमलनाथ ने प्रदेश की शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा. कमलनाथ ने कहा कि, ‘प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी अगर झूठ न बोलें, अगर घोषणा न करें और नाटक न करें, तो उनका खाना हजम नहीं होता. कुछ नहीं मिला तो ठेला चलाने लगे, खिलौने इकट्ठा करने लगे अरे भाई ये क्या मजाक बना दिया है आपने.’ वहीं शिवराज सरकार पर आरक्षण के मुद्दे पर OBC वर्ग को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कमलनाथ ने कहा कि, ‘पंचायत चुनाव में OBC को 9 से 10% ही आरक्षण दिया जा रहा है, जबकि सरकार 35% का झूठा दावा कर रही है. यह OBC को ठगने की बड़ी साजिश है और ये पूरा का पूरा खेल ही आंकड़ों का है.’
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सम्मलेन को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री शिवराज सिंह प्रदेश की जनता से छाती ठोंककर धोखा दे रहे हैं. इतना बड़ा झूठ बोलने में उन्हें बिलकुल भी शर्म नहीं आ रही. 1993 में एक कानून पास हुआ था, जिसमें 25% सीट जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए आरक्षित करने का प्रावधान था, लेकिन इतना आरक्षण भी पिछड़ा वर्ग को नहीं मिल रहा है. नए आरक्षण से OBC सीटें आधी हो गई हैं. राज्य सरकार ने OBC आरक्षण रद्द कराने के लिए ये साजिश की है.’ वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा कि, ‘बंजारा समाज को अनुसूचित जनजाति में माना जाए. हमने इसके लिए विधानसभा से प्रस्ताव पास कराकर केंद्र को भेजा था, लेकिन शिवराज सरकार ने कुछ नहीं किया.’
आपको बता दें कि, शुक्रवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की घोषणा कर दी. 25 जून से तीन चरणों में पंचायत चुनाव होने हैं तो वहीं नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा भी 1 जून तक की जाएगी. तीन साल से यह चुनाव अटके हुए थे. सुप्रीम कोर्ट ने पहले बिना OBC आरक्षण के चुनाव कराने का फैसला सुनाया था लेकिन सरकार ने एप्लिकेशन फॉर मॉडिफिकेशन दाखिल की, तो 18 मई को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने OBC आरक्षण के साथ चुनाव कराने को कहा. यह भी आदेश दिए कि ST, SC और OBC को मिलाकर कुल आरक्षण 50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इस मामले को लेकर कोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था- अंतत: सत्य की जीत हुई. हमने OBC को आरक्षण दिलाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. भाजपा नेताओं ने 35% तक आरक्षण OBC को मिलने की बात कही, जिसके जवाब में कमलनाथ ने आज आंकड़े पेश कर दिए.
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पूर्व सीएम कमलनाथ ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि, ‘मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ घोर अन्याय किया है. 2022 के पंचायत चुनाव में भाजपा सरकार ने ओबीसी वर्ग को जिला पंचायत सदस्य की मात्र 11.2 % सीटें, जनपद पंचायत अध्यक्ष की मात्र 9.5 % सीटें, जनपद पंचायत सदस्य की मात्र 11.5 % सीटें और सरपंच की मात्र 12.5 % सीटें दी हैं . यही नहीं..अन्य पिछड़ा वर्ग को 19 जिलों में जिला पंचायत सदस्य के शून्य पद, 28 जिलों में जनपद पंचायत अध्यक्ष के लिए शून्य पद और 10 जिलों में जनपद पंचायत सदस्य के लिए शून्य पद दिए है.
कमलनाथ के आरोपों पर शिवराज सरकार में मंत्री मंत्री भूपेंद्र सिंह ने पलटवार किया है. भूपेंद्र सिंह ने कहा कि, ‘OBC आरक्षण के साथ ही मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव हो रहे थे. इस पर कांग्रेस 5 बार हाईकोर्ट गई और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट भी गई. OBC आरक्षण का विरोध कांग्रेस ने किया. यह हमारी सरकार और मुख्यमंत्री जी का प्रयास है कि पूरी तैयारी करके अपना पक्ष रखा. देश में मध्यप्रदेश पहला राज्य है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने OBC आरक्षण के साथ चुनाव कराने की अनुमति दी है. महाराष्ट्र में जहां कांग्रेस की सरकार हैं वहां ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव हुए हैं. अगर हम ओबीसी आरक्षण की बात करें तो कई जगह ओबीसी आरक्षण में सीटें बढ़ी हैं. कुछ जगह थोड़ी-बहुत कम हुई होंगी. इन्होंने तो आरक्षण ही खत्म करा दिया था. आज जो आरक्षण मिल रहा है वो मुख्यमंत्री और सरकार के प्रयास के कारण मिल रहा है.’