अगर संजय गांधी उस समय के सबसे बड़े चापलूस आजाद को हटा देते तो कोई नाम भी नहीं जानता उनका

कांग्रेस ने 42 साल तक उन्हें सब कुछ दिया, प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया, मुख्यमंत्री बनाया, 42 सालों में कुछ न कुछ पद हमेशा उनके पास रहा और आज वो इस तरह के दे रहे हैं बयान, आजाद साहब का जो स्टेटमेंट मैंने पढ़ा है, उससे मुझे बहुत आघात लगा है- अशोक गहलोत

आजाद के इस्तीफे पर बवाल
आजाद के इस्तीफे पर बवाल

Politalks.News/Gehlot/Azad. देश में अगर इस समय सबसे ज्यादा अगर किसी राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा हो रही है तो वो है पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिग्गज नेता रहे नेता गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे की. शुक्रवार को गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के नाम पांच पेजों का पत्र लिख कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. यही नहीं गुलाम नबी आजाद ने अपने पत्र के जरिये कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला. आजाद के राहुल पर लगाए आरोपों पर मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है. कांग्रेस के कुछ नेता गुलाम नबी आजाद के इस फैसले को गलत बता रहे हैं तो वहीं कुछ नेता ये भी कह रहे हैं कि गुलाम नबी के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देना गलत है, उन्होंने कुछ गलत तो नहीं कहा. वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री एवं गुलाम नबी आजाद के करीबी दोस्त रहे अशोक गहलोत ने आजाद के इस्तीफे पर दुःख जताया. यही नहीं सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘सोनिया गांधी इस वक़्त अपने इलाज के लिए देश से बाहर हैं और उनका इस तरह इस्तीफा देना गलत है, मैं इससे आहत हुआ हूं.’

शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के सीतापुरा में महिला समानता दिवस पर एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शिरकत की. कार्यक्रम के पश्चात पत्रकारों से बात करते हुए सीएम गहलोत ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर अपनी प्रतिक्रिया दी. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘आजाद साहब का जो स्टेटमेंट मैंने पढ़ा है, उससे मुझे बहुत आघात लगा है. मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता कि किन शब्दों में मैं उनके आज के पत्र पर कमेंट करूं. आजाद साहब मेरे अच्छे मित्र हैं हम लोग 40-42 साल से साथ में हैं. आजाद साहब को पार्टी ने मौका कई मौके दिए चाहे वो इंदिरा जी थीं या कोई और.’ सीएम गहलोत ने आगे बताया कि, ‘इंदिरा गांधी और संजय गांधी गुलाम नबी आजाद की शादी में श्रीनगर गए. वहां दोनों ने कहा कि भई नौजवान लड़का है ये, आगे बढ़ना चाहिए.’

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सीएम गहलोत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस ने 42 साल तक उन्हें सब कुछ दिया. प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया, मुख्यमंत्री बनाया, इन 42 सालों में कुछ न कुछ पद हमेशा उनके पास रहा और आज वो इस तरह के बयान दे रहे हैं. आज हम लोग जो भी हैं, कांग्रेस और हाईकमान के विश्वास के कारण ही है उन्हीं के कारण हमारी पहचान है. लेकिन गुलाम नबी आजाद से देश में कोई उम्मीद ही नहीं करता था कि आजाद साहब इस प्रकार का पत्र लिखकर इस्तीफा दे देंगे. पहले सोनिया गांधी जी बीमार थीं, तब पत्र लिखा, तो लोगों ने अन्यथा लिया कि जब हमारी नेता बीमार हैं, भर्ती हैं अस्पताल के अंदर, उस वक्त पत्र क्यों लिखा गया? अब वो जब चेकअप के लिए गई हैं अमेरिका, तो उस वक्त पत्र लिखकर आप क्या संदेश देना चाहते हो? ये बड़ी संवेदनशील बात है. मैं कह रहा हूं कि 1996 में जब सीताराम केसरी अध्यक्ष बने थे तब भी लोग बिखरने लग गए थे आज ही की तरह. आप बताइए कि उस वक्त से आज तक सोनिया गांधी ने कांग्रेस को बचाकर रखा न, लेकिन जब आज वो देश से बाहर है तब आप पत्र साझा कर रहे हो. ये मानव स्वभाव के खिलाफ है, संवेदनशीलता के खिलाफ है.’

वहीं संजय गांधी का जिक्र करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘जब संजय गांधी अध्यक्ष थे तो वो भी कइयों की बात नहीं मानते थे. उन्हीं के प्रोडक्ट हैं गुलाम नबी आजाद भी और अन्य नेता भी. संजय गांधी जब यूथ कांग्रेस में थे और उसके माध्यम से उन्होंने राजनीति शुरू की तो देश के अंदर कई आरोप लगे इंदिरा गांधी के ऊपर. एक्स्ट्रा कॉन्स्टीट्यूशनल अथॉरिटी बन गए हैं संजय गांधी. आज जब आंदोलन होते हैं दिल्ली में, तो मुझे वो दिन याद आते हैं कि संजय गांधी के वक्त में भी ऐसे आंदोलन हुआ करते थे. तो हर जो नेता आएगा वो अपने हिसाब से जाजम बिछाता है राजनीति की. उस वक्त संजय गांधी जब राजनीति कर रहे थे, फैसले कर रहे थे, कइयों को पसंद नहीं आते थे, उसमें से एक मैं भी था. मैं उनके फैसलों को लाइक नहीं करता था. तब भी मुझे चांस मिला. आज राहुल गांधी हैं और उनकी अपनी सोच है कि वो कांग्रेस को किस तरह आगे ले जाना चाहते हैं.’

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वहीं जब सीएम गहलोत से सवाल पुछा गया कि गुलाम नबी आजाद ने पत्र में ये कहा कि कांग्रेस में चापलूसों की संख्या बढ़ गई है. इसका जवाब देते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘आज गुलाम नबी आजाद दूसरों को चापलूस कह रहे हैं वो खुद संजय गांधी के वक्त में चापलूस माने जाते थे पर संजय गांधी ने किसी की परवाह नहीं की. तब जाकर आजाद साहब इतने बड़े नेता बने. अगर संजय गांधी उस वक्त जो कहते थे कि ये चापलूसों से घिरे हुए हैं और उन्हें हटा देते वो तो आज इस देश के अंदर गुलाम नबी आजाद का नाम, या जो बाकी नेता जो भी हैं, उनका नाम देश में कोई नहीं जानता.’

वहीं गुलाम नबी आजाद के बीजेपी से संबंधों एवं जाने की अटकलों पर भी सीएम गहलोत ने खुलकर अपनी बात रखी. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘प्रधानमंत्री के नाते नरेंद्र मोदी सदन के अंदर क्या बोले या क्या क्यों बोले होंगे, मैं उसके बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर सकता. मैं तो यही कह सकता हूं कि आजाद साहब जैसे व्यक्ति को जिनको कांग्रेस ने सबकुछ दिया है, आज पहचान उनकी देश में है तो कांग्रेस के कारण से है, इंदिरा गांधी के कारण से है, राजीव गांधी के कारण से है, नरसिम्हा राव जी के कारण से है और सोनिया गांधी जी के कारण से है उन्होंने ये जो जिस प्रकार से भावना प्रकट की है, मैं समझता हूं कि उचित नहीं कही जा सकती है, मैं इतना ही कह सकता हूं.’

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