KCR जाएंगे सचिवालय तो खो बैठेंगे मुख्यमंत्री की कुर्सी- तांत्रिक की सलाह का अमित शाह ने किया खुलासा

आंध्र प्रदेश का बंटवारा करवाने के बाद यहां कोई विकास कार्य नहीं किया बल्कि प्रदेश में बोए हैं कटुता के बीज, केसीआर की पार्टी का चिह्न 'कार' है और उस कार का स्टीयरिंग है ओवैसी के पास, ओवैसी जैसा चाहते हैं वैसा ही होता है तेलंगाना में, केसीआर की सरकार केसीआर की बजाय चला रहे हैं ओवैसी, ओवैसी जैसा नेता किसी सरकार को चलाएगा तो प्रदेश का विकास कैसे हो सकता हैं?- अमित शाह

केसीआर ने करवाया आंध्र प्रदेश का बंटवारा
केसीआर ने करवाया आंध्र प्रदेश का बंटवारा

Politalks.News/AmitShahvsKCR. भारतीय जनता पार्टी की नजरें इन दिनों तेलंगाना पर जाकर टिक चुकी हैं, यही कारण है कि बीते दो दिनों तक बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक भी तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में की गई. प्रदेश के प्रमुख दल TRS को बीजेपी ये संदेश देना चाहती है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उसकी राह आसान नहीं रहने वाली है. 2014 में आंध्रप्रदेश से विभाजन के बाद से तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव की पार्टी TRS का राज है. ऐसे में प्रदेश में बीजेपी की बढ़ती सक्रियता के कारण KCR लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और BJP के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. शनिवार को जहां KCR ने पीएम मोदी पर अपने हिंदी भाषण से जमकर निशाना साधा तो वहीं रविवार को हैदराबाद में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए KCR अमित शाह के निशाने पर रहे. अमित शाह ने अपने संबोधन में एक तांत्रिक की सलाह पर KCR के सचिवालय नहीं जाने के रहस्य का खुलासा किया तो वहीं इसके साथ ही शाह ने कहा कि, ‘KCR को तेलंगाना की जनता और प्रदेश के युवाओं की चिंता नहीं है उन्हें तो सिर्फअपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने की चिंता है.’

रविवार को बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समाप्त होने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हैदराबाद में BJP की विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए BJP कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया. इस दौरान अमित शाह ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘अलग तेलंगाना राज्य की मांग प्रदेश के विकास को लेकर की गई थी लेकिन केसीआर नहीं चाहते कि यहां विकास की गंगा बहे. आज KCR इसलिए बोखा रहे हैं क्यों कि तेलंगाना में लगातार भारतीय जनता पार्टी के जनसमर्थन में वृद्धि होती जा रही है. ग्रेटर हैदराबाद के चुनावों में इसकी एक और झलक हमने देखी, जब भाजपा को अभूतपूर्व सफलता मिली.’

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रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने मुख्यमंत्री KCR के सचिवालय ना जाने पर से भी पर्दा उठाया. शाह ने तांत्रिक का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘आपको पता है KCR कभी भी सचिवालय नहीं जाते. क्यों कि किसी तांत्रिक ने केसीआर को सलाह दी है कि अगर तुम सचिवालय जाओगे तो मुख्यमंत्री की कुर्सी से हाथ धो बैठोगे. इसलिए केसीआर तांत्रिक की बात सुनकर सचिवालय नहीं जाते हैं.’ KCR पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि, ‘ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है जो किसी तांत्रिक के कहने पर सचिवालयन नहीं जाता. जहां एक तरफ तो पूरा देश आगे बढ़ रहा है वहीं तेंलगाना पीछे जा रहा है.’

अमित शाह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘KCR ने प्रदेश के विकास के लिए कुछ नहीं किया. ना ही प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए कुछ किया उन्हें तो फिलहाल अपनी सरकार और अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने की सूझ रही है. केसीआर ने आंध्र प्रदेश का बंटवारा करवाने के बाद यहां कोई विकास कार्य नहीं किया बल्कि प्रदेश में कटुता के बीज बोए. जिसके कारण आज आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों राज्यों के संबंध में मिठास की बजाय कड़वाहट है. आने वाले वक़्त में KCR को तेलंगाना की जनता को हिसाब देना होगा. उन्हें हिसाब देना होगा कि आखिर इतने सालों तक मुख्यमंत्री बने रहने के बावजूद भी यहां विकास की गंगा क्यों नहीं बही. वहीं तेलंगाना का चौतरफा विकास, भाजपा की पहली प्राथमिकताओं में से एक है. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चलते हुए हम तेलंगाना के विकास का निरंतर प्रयास कर रहे हैं.’

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वहीं TRS के चुनावी चिन्ह का जिक्र करते हुए अमित शाह ने KCR और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की भी चुटकी ली. अमित शाह ने कहा कि, ‘यहां मौजूद सभी लोग जानते हैं कि केसीआर की पार्टी का चिह्न ‘कार’ है और उस कार का स्टीयरिंग असदुद्दीन ओवैसी के पास है. ओवैसी जैसा चाहते हैं वैसा ही तेलंगाना में होता है. केसीआर की सरकार केसीआर की बजाय ओवैसी चला रहे हैं. ओवैसी जैसा नेता किसी सरकार को चलाएगा तो प्रदेश का विकास कैसे हो सकता हैं? लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा. 2019 के चुनाव में भाजपा ने जितना जनसमर्थन तेलंगाना में हासिल किया था, उसमें अब निरंतर वृद्धि हो रही है.’

अमित शाह ने कहा कि, ‘अगर सरदार पटेल नहीं होते तो आज हैदराबाद भारत का हिस्सा ना होता. केसीआर को ओवैसी से डर लगता है, इसलिए वो हैदराबाद विमोचन दिवस नहीं मनाते. जिस दिन तेंलगाना में बीजेपी की सरकार बनेगी, उस दिन हम डंके की चोट पर हैदराबाद विमोचन दिवस जरूर मनाएंगे क्यों कि हम किसी से नहीं डरते.

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