Politalks.News/Rajasthan/RahulGandhi. केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों से संवाद करने दो दिवसीय दौरे पर राजस्थान आए कांग्रेस नेता राहुल गांधी शनिवार शाम वापस दिल्ली लौट गए. शनिवार को राहुल गांधी ने पहले रूपनगढ़ में ट्रालियों को जोड़कर बनाए गए मंच से राहुल गांधी ने किसानों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार को जमकर घेरा. इस दौरान राहुल गांधी ने काफी देर तक खुद ट्रैक्टर भी चलाया और ऊंट गाड़ी पर भी चढ़े. इसके बाद नागौर के मकराना में हुई किसान महापंचायत में राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमलावर जारी रखा. मकराना में राहुल का 19 मिनट का भाषण नए कृषि क़ानूनों पर ही केंद्रित रहा. राहुल ने कहा कि कोरोना के समय मोदी से लोगों ने रेल व बस का टिकट मांगा. मोदी ने कहा- नहीं, मैं एक रुपया नहीं दूंगा. मगर उसी समय मोदी ने अपने उद्योगपति मित्रों का 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपए का कर्जा माफ कर दिया.
इससे पहले रूपनगढ़ में अपने संबोधन के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि आज कृषि दुनिया में सबसे बड़ा बिजनेस है. देश के 40 प्रतिशत लोग इस बिजनेस से जुड़े हैं. करोड़ो लोग मिलकर इस बिजनेस को चलाते हैं. लेकिन पीएम मोदी चाहते हैं कि यह बिजनेस उनके 2 मित्रों के हाथ में चला जाए. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को आड़े हाथोंं लेते हुए किसानों से कहा कि नए कृषि कानून के लागू होने से बेरोजगारी बढ़ेगी. प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि उन्होंने विकल्प दिया है. मैं मानता हूं कि उन्होंने विकल्प दिया है. उन्होंने विकल्प दिया है भूख का, बेरोजगारी का, खुदकुशी का. राहुल ने इस सभा में कहा कि पीएम मोदी किसानों से बात करना चाहते हैं, पर किसान चाहते हैं कि यह कानून रद्द हो तभी बात की जाए. राहुल गांधी ने फिर दोहराया कि खेती का काम भारत माता से जुड़ा है न कि उद्योगपतियों से.
यह भी पढ़ें: राहुल के आरोपों पर सदन में सीतारमण का पलटवार- ‘Doomsday man’ बनते जा रहे हैं राहुल’
रूपनगढ़ में ट्रॉलियों से बने मंच से सम्बोधन के बाद राहुल गांधी ने मंच के बने घेरे में ट्रैक्टर की ड्राइवर सीट पर बैठ गए. उनके साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी ट्रैक्टर पर बैठे और राहुल गांधी ने वहां मौजूद लोगों का अभिभावदन करते हुए काफी देर तक ट्रैक्टर चलाया. इस दौरान पहले मंच पर बैठने के लिए कुछ नहीं था, लेकिन राहुल गांधी के संबोधन के बाद वहां कुछ चारपाइयां रखी गयीं और मंच के पास पीने के पानी के लिए मिट्टी के मटके रखे गए थे.
परबतसर की सभा रद्द कर हुई सियासत तो गावड़िया ने हाइवे पर कर जोरदार स्वागत दिखाई ताकत
रूपनगढ़ के बाद मकराना जाते हुए परबतसर के पास राहुल गांधी का जबरदस्त स्वागत किया गया. वहां राहुल गांधी ने विशेष रूप से सजाए गए ऊंट गाड़ी पर चढ़कर लोगों का अभिवादन किया. इस अवसर राहुल गांधी का स्वागत गेहूं की बालियों का बना गुच्छ देकर किया गया. पहले परबतसर में राहुल गांधी की सभा प्रस्तावित थी, लेकिन राजनीति के चलते ऐन मौके पर यहां की सभा निरस्त कर दी गई. तब विधायक रामनिवास गावड़िया ने अपनी ताकत दिखाई. गावड़िया ने रूपनगढ़ से भी ज्यादा ट्रैक्टर यहां हाइवे के किनारे खड़े कर दिए. आपको याद दिला दें कि प्रदेश में सियासी संकट के समय सचिन पायलट के साथ खड़े रहे रामनिवास गावड़िया कट्टर पायलट समर्थक माने जाते हैं.
यह भी पढ़ें: ‘मैं भाजपा में तब शामिल होऊंगा, जब हमारे पास कश्मीर में काली बर्फ पड़ेगी’- गुलाम नबी आजाद
मकराना में सम्बोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मोदी उद्योगपतियों को फायदा देना चाहते हैं. वो भूख, बेरोजगारी और आत्महत्या का ऑप्शन दे रहे हैं. मैंने जब कोरोना के बारे में मेरी बात कही तभी भी उसे नहीं सुना गया. जीएसटी के समय भी यही हुआ. यह तीन कानून हिंदुस्तान के सबसे बड़े बिजनेस को 40 प्रतिशत की जनता के हाथ से छीनने का प्रयास किया जा रहा है. कृषि का बिजनेस भारत माता का बिजनेस है.
राहुल गांधी ने आगे कहा कि कृषि एक ऐसा बिजनेस है, जो हिन्दुस्तान की जनता को रोजगार देता है. इसके बिना हिन्दुस्तान रोजगार पैदा नहीं कर पाएगा. जो आपका है वो मोदी 2 लोगों को दे रहे हैं. जो युवा यहां खड़े हैं उनका रोजगार छीना जा रहा है. हिन्दुस्तान की रीढ़ को तोड़ा जा रहा है. कोरोना के समय मोदी से लोगों ने रेल व बस का टिकट मांगा. मोदी ने कहा- नहीं, मैं एक रुपया नहीं दूंगा. मगर उसी समय मोदी ने अपने उद्योगपति मित्रों का 1 लाख 50 हजार करोड़ कर्जा माफ कर दिया.
अगर शहीद किसानों के लिए मौन रखना गलती है तो ऐसी गलती मैं करता जाऊंगा
अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मैं 2004 से लोकसभा में हूं और मैंने देखा है कि जब भी कोई शहीद होता है तो पूरी संसद दो मिनट का मौन रखती है. वहीं किसान आंदोलन में हमारे 200 किसान शहीद हुए मगर संसद में दो मिनट के मौन के लिए सांसद खड़े नहीं हुए. मैंने कहा, ठीक है ऐसा नहीं हुआ तो मैं अपने भाषण के बाद अकेले शांत खड़ा हो जाऊंगा, और जो भी मेरे साथ खड़ा होना चाहता है खड़ा हो जाए. मैंने कहा चाहे वह किसी भी पार्टी का हो और मैं दो मिनट ऐसे चुप हो गया. मैं देश के किसानों को कहना चाहता हूं कि न कोई मंत्री या भाजपा का एमपी खड़ा हुआ. ऐसे में दुनिया के सामने इन लोगों ने किसान का अपमान किया. फिर स्पीकर ने कहा कि आप लिखकर दीजिए, मैं स्पीकर को लिखकर दूंगा. मुझे पूरा भरोसा है कि स्पीकर लोकसभा को दो मिनट मौन के लिए खड़ा होने देंगे. आप बताओ क्या मैंने गलती की? यदि गलती की तो मैं फिर से करूंगा, कर लो जो करना है और करता जाऊंगा ऐसी गलती.
यह भी पढ़ें: नोटबन्दी, GST, लॉकडाउन के बाद कृषि कानूनों को राहुल ने बताया मोदी सरकार की वन-टू का 4 पॉलिटिक्स
मैं सिर्फ किसान पर बोलूंगा, चाहे मुझे बाहर फेंक दो
राहुल गांधी ने कहा मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहा हूं, मेरा काम आपको सच्चाई बताने का है. मैंने कोरोना के समय 10 बार मीडिया से कहा- कोरोना से भारत माता को जबरदस्त नुकसान होने वाला है लेकिन प्रेस वालों ने मेरा मजाक उड़ाया. प्रेस वाले कहते हैं कि ये किसान नहीं हैं, ये देशद्रोही हैं. नरेंद्र मोदी संसद में उनको आंदोलनजीवी कहते हैं. उनका अपमान करते हैं, उनका मजाक उड़ाते हैं. मैंने संसद में अपने भाषण में सिर्फ किसान की बात की. मैंने मना किया, बजट पर नहीं बोलूंगा और कहा कि मैं सिर्फ किसान पर बोलूंगा, चाहे मुझे बाहर फेंक दो.
मोदी सरकार को कोई ललकारने वाला है तो वह राहुल- सचिन पायलट
मकराना में राहुल गांधी के संबोधन से पहले सचिन पायलट ने रैली को संबोधित किया. पायलट ने कहा कि जब लॉकडाउन हो गया था, तब सब बंद था, लेकिन किसानी बंद नहीं थी. केंद्र सरकार ने मानस बना लिया है कि सभी के पेट पर लात मारनी है, लेकिन मुझे विश्वास है कि जो मुहिम राहुल जी ने छेड़ी है, उसका संदेश देश में जाएगा. सचिन पायलट ने आगे कहा कि कांग्रेस ने मन बना लिया है कि ऐसी सरकार को घुटने पर हम जरूर टेकेंगे. राहुलजी का यह दौरा केंद्र की सरकार को हिलाने वाला है. यदि मोदी सरकार को कोई ललकारने वाला है तो वह राहुल गांधी हैं.
आपको बता दें, इस दौरान राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी, अशोक चांदना, लालचंद कटारिया, RCA अध्यक्ष वैभव गहलोत, धर्मेंद्र राठौड़, भूपेंद्र सिंह राठौड़, तरुण कुमार, हारून यूसुफ, नीरज डांगी, गणेश घोघरा मौजूद रहे.