आ जा नहीं तो मैं कर देता हूं क्रियाकर्म भी, सब जानते हैं मेरे बारे में- भड़के ‘माननीय’ के बिगड़े बोल

राजनीति में नहीं थम रहे बिगड़े बोल, एमपी के शिवपुर में भाजपा विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी के बिगड़े बोल का वीडियो वायरल, जनता दरबार में फोन लगाकर रोजगार सहायक को हड़काया, अब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

भड़के 'माननीय' के बिगड़े बोल
भड़के 'माननीय' के बिगड़े बोल

Politalks.News/Madhyapradesh. देश की राजनीति में राजनेताओं के बिगड़े बोल आम हो गए हैं. अबकी बार मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Politics) के शिवपुरी में भाजपा (BJP) विधायक वीरेंद्र रघुवंशी (Virendra Sing Raghuvanshi) की नाराजगी का एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में रघुवंशी जनता दरबार में रोजगार सहायक को फोन पर धमकाते नजर आ रहे हैं, साथ ही कॉल काटने के बाद अपशब्द भी बोल रहे हैं. MLA रघुवंशी ने कहा कि, ‘कितनी देर लगेगी… आ जा नहीं तो मैं क्रिया-कर्म भी कर देता हूं… सब जानते हो मेरे बारे में’ इसके बाद उन्होंने गाली भी दी. विधायक इस बात से नाराज थे कि जानकारी के बाद भी रोजगार सहायक वहां नहीं पहुंचा था. अब विधायक रघुवंशी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है . राजनेताओं के बोल बिगड़ने का मसला नया नहीं है. आए दिन चुनावी सभाओं से लेकर टीवी डिबेट्स में इस तरह की घटना आम है. बड़ा सवाल और मुद्दा यह नहीं है कि किसने क्या कहा? सवाल, उसके हो जाने का इतना नहीं है जितना उसके होने के बाद के रिएक्शन पर है, वर्तमान राजनीति के लिहाज से नेताओं के यह बिगड़े बोल चिंताजनक है.

रांची गांव में जनता दरबार लगाने पहुंचे थे ‘माननीय’ रघुवंशी
आपको बता दें कि वीरेंद्र रघुवंशी मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले की कोलारस सीट से विधायक हैं. यह मामला दो दिन पुराना बताया जा रहा है, जिसका वीडियो अब सामने आया है. विधायर रघुवंशी अपने विधानसभा क्षेत्र के रांची गांव में जनता दरबार लगाने पहुंचे थे. निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विधायक शाम 4 बजे गांव में पहुंच गए. जिसके बाद ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं सुनाईं.

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‘आ जा नहीं मैं तो क्रिया-कर्म भी कर देता हूं, सब जानते हो मेरे बारे में…’
इस जनसुनवाई के दौरान कुछ ग्रामीणों ने विधायक रघुवंशी के सामने रोजगार सहायक शिवराज धाकड़ की शिकायत की. शिवराज को विधायक के दौरे की जानकारी होने के बावजूद वह जनता दरबार में नहीं पहुंचा था. इसी वजह से MLA जनता की समस्याओं को लेकर उससे सवाल-जवाब नहीं कर पा रहे थे. इससे नाराज रघुवंशी ने वहीं खड़े-खड़े शिवराज को फोन लगाया और धमकाते हुए कहा कि, ‘आ जा नहीं मैं तो क्रिया-कर्म भी कर देता हूं, सब जानते हो मेरे बारे में…’. फोन काटने के बाद रघुवंशी ने ग्रामीणों से बात करते हुए रोजगार सहायक को अपशब्द भी कहे.

बोले- दो साल में एक बार आया हूं, रोज-रोज तो आएगा नहीं विधायक
विधायक रघुवंशी ने फोन काटने के बाद फिर ग्रामीणों के बीच गाली देते हुए कहा कि, ‘‘%$#%@ को रुकना चाहिए था ना जब मैं आ रहा हूं, मैं दो साल में एक बार आया हूं. कोई रोज आता है विधायक, 400 गांव में रोज जाएगा क्या? हिम्मत कैसे हुई जाने की?’ इसके बाद विधायक ने लोगों की समस्याएं सुनी और उन्हें जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया.

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बिगड़े बोलों पर लगे तुरंत रोक….!
‘बोल की लब आजाद है तेरे’ मशहूर फ़नकार और शायरी की रोमानी दुनिया के बादशाह फैज़ अहमद फैज़ की, इस कविता को नेपथ्य में रखकर वर्तमान राजनैतिक बयानबाजी के छिछले और निम्न स्तर को देखिए और मातम मनाइए कि किस तरह विश्व की सबसे बड़े लोकतंत्र में हुक्मरानों की अभद्र, असहनशील और असभ्य भाषा, संयमित और स्वस्थ लोकतंत्र की दिन-ब-दिन धज्जियाँ उड़ाती जा रही है. वर्तमान राजनीति में नेताओं के बिगड़े बोल भावी पीड़ी के लिए एक दुखद सबब है. यह बात बहुत साफगोई से हमें समझनी चाहिए कि हमारे सामाजिक एवं राजनैतिक परिवेश में भाषा, हमारी परवरिश का स्तर तय करती है. यह पैमाना होता है कि हमारी सोच का दायरा कितना सीमित और कितना वृह्द है. पर जब आपकी आपके लब आजादी के नाम पर कुछ भी अनियंत्रित कहने लगे तो उन पर लगाम की सख्त आवश्यकता है. जरूरत है कि इस तरह नेताओं के बिगड़े बोल वर्तमान राजनीति से तुरंत प्रभाव से रोक लिये जाए.

 

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