मैं किसी गरीब को न्याय नहीं दिला सकती तो दे दूंगी मुख्यमंत्री को इस्तीफा- दिव्या मदेरणा की दो टूक

शनिवार को चिरंजीवी योजना के तहत मरीज के उपचार को लेकर धरने पर बैठी दिव्या मदेरणा को देनी पड़ी इस्तीफे की धमकी, जिला प्रशासन पर साधा जमकर निशाना, कहा- यदि कलेक्टर माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्वाचन क्षेत्र "सरदारपुरा" को ही नहीं संभाल सकते हैं तो यह उनकी अक्षमता को दर्शाता है जानें पूरा मामला इस रिपोर्ट में

गरीब को उसका हक मदेरणा की प्राथमिकता
गरीब को उसका हक मदेरणा की प्राथमिकता

Politalks.News/DivyaMaderna. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की मुश्किलें थमती नजर नहीं आ रही हैं. एक तरफ जहां सरकार के मंत्री, विधायक और खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार की बहुचर्चित मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का बखान करते नहीं थकते तो वहीं इसी योजना में दिख रही खामियों को लेकर जोधपुर के ओसियां से कांग्रेस की विधायक दिव्या मदेरणा ने इस्तीफे की धमकी दे डाली. दरअसल, जोधपुर में एक प्राइवेट अस्पताल में शनिवार शाम उस वक़्त हंगामा मच गया जब एक मरीज का चिरंजीवी योजना के तहत इलाज नहीं हुआ. जैसे ही घटना का पता चला तो विधायक दिव्या मदेरणा अस्पताल पहुंच गईं. इस दौरान दिव्या ने तल्ख अंदाज में कहा कि ‘अगर मैं किसी गरीब को न्याय नहीं दिला सकती तो इससे अच्छा मैं इस्तीफा दे दूंगी.’ इस्तीफे की धमकी देने वाला उनका वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. हालांकि इस मामले का पटाक्षेप हो चूका है लेकिन विधायक मदेरणा अपने ट्विटर के जरिए अभी भी जिला प्रशासन पर हमलावर हैं.

आपको बता दें कि जोधपुर जिले के धनारी कलां गांव निवासी 42 वर्षीय जगदीश डूडी को 7 सितम्बर को दिल का दौरा पड़ा था. ऐसे में परिजन मरीज को लेकर एक निजी अस्पताल पहुंचे. उस समय जगदीश की स्थिति बेहद नाजुक थी. डॉक्टरों का कहना था कि उसके शरीर में 25 मिनट तक कोई हरकत नहीं थी लेकिन डॉक्टरों के प्रयास के बेहतर नतीजे निकलकर सामने आए और शरीर में हरकत लौट आई. मरीज ने इलाज शुरू करने के लिए डॉक्टरों ने सवा लाख रुपए जमा करवा लिए. अब उसे डिस्चार्ज करने के साथ कुल साढ़े तीन लाख का बिल थमा शेष राशि की मांग की गई. परिजनों ने कहा कि मरीज चिरंजीवी योजना में पंजीकृत है. ऐसे में लाभ मिलना चाहिए. लेकिन डॉक्टरों ने मना कर दिया. ऐसे में जब स्थानीय विधायक दिव्या मदेरणा को मामले की जानकारी मिली तो अस्पताल पहुंची दिव्या मदेरणा ने प्रशासन पर जमकर निशाना साधा. हालांकि पुरे मामले का अब पटाक्षेप हो चूका है लेकिन विधायक के तेवर वो के वो हैं.

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इससे पहले इस घटनाक्रम को लेकर विधायक दिव्या मदेरणा प्रशासन से इतनी नाराज नजर आईं कि प्रशासन के खिलाफ अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठीं मदेरणा ने इस्तीफे की धमकी तक दे डाली. दिव्या मदेरणा ने कहा कि, ‘जमा कराए गए सवा लाख रुपए भी वापस लेकर जाएंगे. अगर मैं किसी गरीब को न्याय नहीं दिला सकती तो इस्तीफा दे दूंगी.’ वहीं दिव्या मदेरणा ने ट्वीट करते हुए धरने का कारण भी बताया और लिखा कि, ‘मेडिकल माफिया के शोषण व ज़िला कलेक्टर कि अपाहिजता के सामने आम गरीब व्यक्ति को में हारने नहीं दूँगी.’ शनिवार रात को दिव्या ने आरोप लगाया था कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी निजी अस्पताल संचालक को बचा रहे हैं. वे उन्हें उनके सामने बाहर लेकर चले गए, लेकिन जब दिव्या मदेरणा ने इस्तीफे की धमकी दी तो अधिकारियों के होश फाख्ता हो गए.

आगे विधायक मदेरणा ने ट्वीट करते हुए बताया कि, ‘यह अस्पताल न केवल माननीय मुख्यमंत्री के गृह जिले में बल्कि उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र सरदारपुरा में भी है और प्रशासन अस्पताल के मालिक के हाथ में खेल रहा था.’ वहीं अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठाते हुए दिव्या मदेरणा श्रीराम अस्पताल के खिलाफ मिली एक और शिकायत का पत्र ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘श्रीराम अस्पताल के खिलाफ एक और शिकायत चिरंजीवी योजना के तहत मरीज को कवर नहीं करने पर. वे आदतन अपराधी हैं और केवल लाभ कमाने के लिए सेवाएं प्रदान करते हैं. एक बार फिर प्रशासन सो रहा है. जिला कलेक्टर को हाल ही में एक अधिसूचना में नोडल अधिकारी बनाया गया था और योजना का लाभ लेने के लिए जनता को नामांकित करने के लिए जवाबदेह बनाया गया था. यह जिला कलेक्टरों की ओर से पूरी तरह से विफल है. यदि कलेक्टर “सरदारपुरा” माननीय मुख्यमंत्रि के निर्वाचन क्षेत्र को नहीं संभाल सकते हैं तो यह उनकी अक्षमता को दर्शाता है.’

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ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि, ‘यह मेडिकल माफिया है , प्रशासन, नेता व पुलिस तीनों को मैनेज रखते हैं, गरीब जनता को लूटने का यह बडा कारोबार है . सरेआम डाकू की तरह गरीब व्यक्ति का शोषण कर लाखों रुपये लूटने वालों पर सख़्त कार्यवाही क्यों नहीं होती ?’ ट्विटर के माध्यम से दिव्या मदेरणा ने एक अन्य घटना का जिक्र करते हुए लिखा कि, ‘कृष्णा अस्पताल जोधपुर के डॉक्टरों व स्टाफ की लापरवाही से भेरू सिंह इन्दा जोलियाली निवासी व्यक्ति की मौत हो गई. क्या चिकित्सा संघ मृतक परिवार के इलाज का खर्चा वहन करेगा जैसे उन्होंने जमा राशि का भुगतान कर श्रीराम अस्पताल जोधपुर की गलती को छिपाने के लिए किया था. कृष्णा अस्पताल के मालिक डॉ ध्रुव शर्मा कल श्रीराम अस्पताल में चिकित्सा संघ के अंग के रूप में उपस्थित थे. ज़िला प्रशासन इस मामले में तुरंत संज्ञान लेकर मरीज को न्याय दिलाये और निजी अस्पताल के खिलाफ उचित कार्यवाही करें.’

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