Politalks.News/Rajasthan. शुक्रवार को मारवाड़ जाट महासभा संस्थान की ओर से जोधपुर के SN मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में समाज सेवा सम्मान एवं पुस्तक विमोचन कार्यक्रम हुआ. इसमें मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक बतौर अतिथि शामिल हुए. अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले राज्यपाल सत्यपाल मलिक फिर से अपने बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में हैं. सत्यपाल मलिक ने एक बार किसानों का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा. सत्यपाल मलिक ने कहा कि, ‘किसानों को अब और दबाकर नहीं रखा जा सकता. वह अपना हक लेकर रहेंगे.’ वहीं सत्यपाल मलिक ने एक और बयान देकर सबको चौंका दिया. मलिक ने कहा कि, ‘मैं दिल्ली में डेढ़ कमरे के मकान में रहता हूं. इसलिए किसानों के सवालों पर मोदी से पंगा लिया.’ इसके साथ ही मलिक ने महाराणा प्रताप को लेकर भी बयान दिया.
किसान आंदोलन और किसानों की प्रमुख मांगों को लेकर अकसर केंद्र सरकार पर हमलावर रहने वाले सत्यपाल मलिक ने जोधपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए फिर से केंद्र सरकार को सलाह दी है. सत्यपाल मलिक ने कहा कि, ‘किसानों को अब और दबाकर नहीं रखा जा सकता. वह अपना हक लेकर रहेंगे. दिल्ली को मेरी सलाह है कि उनके साथ न भिड़े, वे खतरनाक लोग हैं. किसान जो चाहते हैं, उसे हासिल कर लेंगे. अगर यह बातचीत के जरिये नहीं मिला तो, वे लड़कर ले लेंगे. अगर लड़कर नहीं मिला तो वे हिंसा के माध्यम से ले लेंगे.’ मलिक ने कहा कि, ‘उनका मुंह बंद नहीं किया जा सकता. उन्हें पता है कि अपनी मांगें कैसे मनवानी हैं. अगर ये मांगें नहीं मानी गईं तो, वे अपना आंदोलन फिर शुरू करेंगे.’
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मलिक ने आगे कहा कि, ‘मैं हमेशा सच बोलता हूं. और जब भी मैं ये सब बोलता हूँ तो मेरे हमेशा यह दिमाग में रहता है कि किसी भी भाषण के बाद केंद्र से कॉल आ सकता है. हो सकता है, यहां का भाषण खत्म करने के बाद मुझे फोन आ जाए कि पद छोड़ो. हमारी बेइज्जती करवा रहे हो. मैं वह भी छोड़ने को तैयार हूं. समाज के लोगों से कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद जाटों के लिए ही काम करना चाहता हूं.’ मलिक ने आगे कहा कि, ‘मैं दिल्ली में डेढ़ कमरे के मकान में रहता हूं. इसलिए किसानों के सवालों पर मोदी से पंगा लिया. मैं केंद्र सरकार से कहना चाहता हूँ कि किसान आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है. जब तक सभी मांगें मान नहीं ली जातीं, आंदोलन वापस नहीं हो सकता.’
जोधपुर में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि, ‘मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि सिख व जाट चेहरा नहीं भूलते हैं. आंदोलन खत्म करने से पहले उन्हें कुछ देकर भेजें. उन्होंने इंदिरा का चेहरा भी याद रखा था. केंद्र की सरकार से मुझे बैर नहीं है, लेकिन किसानों के लिए पद तक छोड़ने को तैयार हूं.’
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अपने संबोधन के दौरान सत्यपाल मलिक ने महाराणा प्रताप का भी जिक्र किया. मलिक ने कहा कि, ‘यहां आना अच्छा लगता है, मैं जब भी मारवाड़ में आता हूँ तो यहां से ताकत लेकर जाता हूं. लोगों को राजस्थान में महाराणा प्रताप याद आते होंगे, लेकिन मुझे जाट नेता याद आते हैं.’ मलिक ने राजस्थानी महिलाओं का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘राजस्थान की महिलाओं को सोने का इतना शौक है कि वह सर से पैर तक लदी रहती हैं. मैंने ये बोल रहा हूँ लेकिन इसके लिए मैं माफ़ी मांगना चाहता हूं. मेरी आपसे अपील है कि आप सोना पहनने के शौक को कम कर दो और बालिका शिक्षा पर ध्यान दो. वेस्टर्न UP और दिल्ली के आस-पास दहेज में चार छल्ले की गाड़ी (ऑडी) मांगते हैं, यह गलत है.