Politalks.News/NarendraModi/Japan. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिनों के जापान दौरे पर टोक्यो पहुंच गए हैं. पीएम मोदी इस दौरान क्वाड लीडर्स समिट में हिस्सा लेने के अलावा कई देशों के नेताओं से भी मिलेंगे. पीएम मोदी का ये जापान दौरा कई मायनों में बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इस बैठक मे कोविड, जलवायु परिवर्तन, आपसी संबंधों को मजबूत बनाने जैसे मुद्दों पर चर्चा के साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बात होगी. सोमवार सुबह राजधानी टोक्यो पहुंचे पीएम मोदी का स्थानीय भारतियों ने भव्य स्वागत किया. वहीं पीएम मोदी ने कई उद्योगपतियों से भी मुलाकात की. वहीं अपने काफी व्यस्त कार्यक्रम से समय निकलकर पीएम मोदी ने टोक्यो में भारतीय समुदाय को संबोधित किया. यहां लोगों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाकर किया उनका स्वागत किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, ‘मुझे मक्खन पर लकीर खींचने में मजा नहीं आता, पत्थर पर लकीर खींचता हूं.’
जापान के टोक्यो में स्थित एक होटल में प्रधानमंत्री के आगमन के लिए भारतीय बच्चों के साथ इंतज़ार कर रहे एक जापानी बच्चे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “वाह आपने हिंदी कहां से सीखी?… आप हिंदी अच्छी तरह से जानते हैं?” क्वाड लीडर्स समिट में भाग लेने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो में एनईसी कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. नोबुहिरो एंडो से मुलाकात की. भारत के दूरसंचार क्षेत्र में एनईसी की भूमिका की सराहना की और भारत में नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में अवसरों पर चर्चा की. इसके साथ ही पीएम मोदी ने टोक्यो में सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के सलाहकार ओसामू सुजुकी और सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प के बोर्ड निदेशक मासायोशी सोन से टोक्यो में मुलाकात की.
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इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ टोक्यो में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क इवेंट में भाग लिया. इसके बाद पीएम मोदी ने टोक्यो में जापान के शीर्ष कारोबारी नेताओं के साथ एक गोलमेज बैठक में हिस्सा लिया. वहीं अपने चिर परिचित अंदाज में पीएम नरेंद्र मोदी ने जापान में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि, ‘जब भी मैं जापान आता हूं, तो मैं देखता हूं कि आपकी स्नेह वर्षा हर बार बढ़ती ही जाती है. आप में से कईं साथी अनेक वर्षों से यहां बसे हुए हैं. जापान की भाषा, वेशभूषा, संस्कृति और खानपान एक प्रकार से आपके जीवन का भी हिस्सा बन गया है.’
पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि, ‘ये हम लोगों की विशेषता है कि हम कर्मभूमि से तन मन से जुड़ जाते हैं, खप जाते हैं. लेकिन मातृभूमि की जड़ों से जो जुड़ाव है, उससे कभी दूरी नहीं बनने देते हैं. यही हमारा सबसे बड़ा सामर्थ्य है.’ इस दौरान पीएम मोदी ने स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘विवेकानंद जी जब अपने ऐतिहासिक संबोधन के लिए शिकागो जा रहे थे उससे पहले वो जापान आए थे. जापान में उनके मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव छोड़ा हुआ था. जापान के लोगों की देशभक्ति, जापान के लोगों का आत्मविश्वास, स्वच्छता के लिए जापान के लोगों की जागरूकता की उन्होंने खुलकर प्रशंसा की थी. आज की दुनिया को भगवान बुद्ध के विचारों पर, उनके बताए रास्ते पर चलने की बहुत जरूरत है. यही रास्ता है जो आज दुनिया की हर चुनौती, चाहे वो हिंसा हो, अराजकता हो, आतंकवाद हो, क्लाइमेट चेंज हो, इन सबसे मानवता को बचाने का यही मार्ग है.’
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पीएम मोदी ने स्थानीय भारतियों को सबोधित करते हुए कोरोना के दौरान भारत की भूमिका का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि, ‘कोरोना से दुनिया के सामने 100 साल का सबसे बड़ा संकट पैदा हुआ. ये जब शुरू हुआ तो किसी को पता नहीं था कि आगे क्या होगा. किसी को ये पता तक नहीं था कि इसकी वैक्सीन आएगी भी या नहीं आएगी. लेकिन भारत ने उस समय भी दुनिया के देशों को दवाएं भेजीं.’ भारतीय लोकतंत्र का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ‘भारत में आज सही मायने में आम जनता की सरकार काम कर रही है. गवर्नेंस का यही मॉडल, डिलिवरी को कुशल बना रहा है. यही लोकतंत्र पर निरंतर मजबूत होते विश्वास का सबसे बड़ा कारण है.’
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘आजादी का ये अमृत काल भारत की समृद्धि का, भारत की संपन्नता का एक बुलंद इतिहास लिखने वाला है. मुझे जो संस्कार मिले हैं, जिन-जिन लोगों ने मुझे गढ़ा है उसके कारण मेरी भी एक आदत बन गई है. मुझे मक्खन पर लकीर करने में मजा नहीं आता है, मैं पत्थर पर लकीर करता हूं. आस्था हो या एडवेंचर, जापान के लिए तो भारत एक स्वाभाविक टूरिस्ट डेस्टिनेशन है. इसलिए भारत चलो, भारत देखो, भारत से जुड़ों, इस संकल्प के लिए मैं जापान के हर भारतीय से आग्रह करूंगा कि वो उससे जुड़े. आपने अपनी स्किल्स से, अपने टैलेंट से अपनी एंटरप्रेन्योरशिप से जापान की इस महान धरती को मंत्रमुग्ध किया है. भारतीयता के रंगों और भारत की संभावनाओं से भी आपको जापान को लगातार परिचित कराना है. मुझे विश्वास है कि आपके सार्थक प्रयासों से भारत-जापान की दोस्ती को नई बुलंदी मिले.’