मैं उस कुशवाहा की पत्नी हूं जिसने कभी झुकना नहीं– पार्टी से निलंबन के बाद शोभारानी के निशाने पर भाजपा

बीजेपी की तरफ से प्रत्याशी केवल एक थे, हमको विश्वास पात्रों में ना रखते हुए यह बोला गया कि आप लोगों को निर्दलीय उम्मीदवार को करना है, वह भी उस व्यक्ति के लिए जिसने 2014 में हमारे खिलाफ पूरे देश में अपने चैनल पर फैलाई थी झूठी अफवाह, वह व्यक्ति पैसे के दम पर पूरे नंबर ना होने के बावजूद भी खुलेआम क्रॉस वोटिंग की कर रहा था चर्चा, ऐसे व्यक्ति को हमारे समर्थकों ने नहीं किया स्वीकार– शोभारानी कुशवाहा

निलंबन के बाद शोभा की प्रदेश भाजपा कमान को दो टूक
निलंबन के बाद शोभा की प्रदेश भाजपा कमान को दो टूक

Politalks.News/Rajasthan. लगभग एक महीने से जारी राज्यसभा चुनाव का सियासी घमासान खत्म हो चूका हैं. 15 राज्यों की कुल 57 राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनावों के लिए नामांकन वापसी के अंतिम दिन 41 सदस्यों के निर्विरोध निर्वाचन के बाद शुक्रवार को देश के 4 राज्यों की 16 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान संपन्न हुए. बात करे राजस्थान कि तो यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सियासी जादू एक बार फिर चल गया. राजस्थान में कांग्रेस के तीनो उमीदवारो ने जीत दर्ज की है और इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जाता है जिन्होंने अपनी राजनीतिक जादूगरी से तीनों उम्मीदवारों को जिताया हैं. वहीं भाजपा प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी ने जीत दर्ज की है. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी डॉ सुभाष चंद्रा को हार का सामना करना पड़ा. चुनाव में भाजपा विधायक की क्रॉस वोटिंग ने सभी को चौंका दिया. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की करीबी एवं धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाहा ने कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में अपना वोट डाला जिसके बाद पार्टी ने उन्हें निलंबित किया है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है. वहीं पार्टी द्वारा निलंबित किए जाने पर अब बीजेपी विधायक का दर्द भी झलक आया है और उन्होंने सोशल मीडिया के सहारे बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.

दरअसल भाजपा की धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाहा ने शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव के मतदान के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद तिवारी के समर्थन में वोट किया. जिसके बाद भाजपा ने तुरन्त लिया एक्शन लेते हुए विधायक शोभारानी कुशवाहा को निलंबित कर दिया और 7 दिन में उन्होंने जवाब मांगा है. पार्टी ने कुशवाहा से जवाब मांगा हैं कि क्यों ना आपको पार्टी विरोधी गतिविधि के चले प्राथमिक सदस्यता से कर दिया जाए निलंबित? शनिवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि, ‘शोभारानी कुशवाहा ने उनसे कहा कि उनके पति लम्बे समय से जेल में बंद हैं, कई तरह के हम पर हैं दबाव, लेकिन चाहे कुछ भी हो पार्टी के व्हिप जारी करने के बाद इस तरह किसी औऱ पार्टी के प्रत्याशी को वोट देना घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है. मैंने कुशवाहा को नोटिस जारी कर नेता प्रतिपक्ष का काम पूरा कर दिया है. अब पार्टी की सदस्यता से हटाना या नहीं हटाना शीर्ष नेतृत्व पर निर्भर करता है.’ वहीं कटारिया के बयान और पार्टी की तरफ से मिले नोटिस पर शोभारानी कुशवाहा ने अपने फेसबुक पेज के जरिए प्रतिक्रिया दी है.

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क्रॉस वोटिंग के चलते निलंबित हुई BJP विधायक शोभारानी कुशवाहा ने अब खुलकर बगावत करते हुए पार्टी छोड़ने के संकेत दे दिए हैं. कुशवाहा ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट करते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. कुशवाहा ने अपनी पोस्ट में लिखा कि, ‘2017 में धोलपुर उपचुनाव के लिए मैं और मेरा कुशवाहा समाज बीजेपी के पास नहीं गए थे बल्कि यह लोग मेरे परिवार को तबाह करने के बाद जब इन को लगा कि धौलपुर जिले के साथ-साथ पूरे राजस्थान का कुशवाहा समाज बीजेपी के हाथ से निकल सकता है तो खुद चल कर के आए थे. मेरी समाज के प्रदेश अध्यक्ष एवं जिम्मेदार 20 बुजुर्ग और युवाओं के सामने कुछ कमिटमेंट किए थे उनमें से एक भी कमिटमेंट पूरा नहीं हुआ, तो बीजेपी हाई कमान उन महान बड़े लोगों से पूछे जो हमें बीजेपी में लेकर गए थे कि हमारे साथ ऐसा क्यों हुआ.’

शोभारानी कुशवाहा ने पार्टी नेताओं पर आरोप लगते हुए कहा कि, ‘धौलपुर नगर परिषद चेयरमैन चुनाव में मेरे समर्थक और बीजेपी के जन्मजात कार्यकर्ता एवं अग्रवाल समाज के प्रदेश अध्यक्ष सम्माननीय गिरीश गर्ग जी की बहू को बीजेपी की ओर से नगर परिषद चेयरमैन का प्रत्याशी बनाया गया था. हमारे पास में जीतने के लिए संख्या भरपूर थी लेकिन बीजेपी के राष्ट्रीय नेताओं ने हमारे जीते हुए बीजेपी पार्षदों को कांग्रेस को देकर उनका चेयरमैन बनवा दिया और बीजेपी को हरा दिया. जिसकी जानकारी जयपुर से लेकर दिल्ली तक दी गई. लेकिन उन बड़े नेताओं को सस्पेंड करना तो दूर की बात है उनके सामने किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उनको नोटिस भी दे सकें तो ऐसी पार्टी में कौन सा कार्यकर्ता या नेता काम करना चाहेगा.’

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इस दौरान विधायक शोभारानी कुशवाहा ने खुदको विश्वसनीय विधायकों में नहीं रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘बीजेपी की तरफ से प्रत्याशी केवल एक थे माननीय घनश्याम तिवारी और हमको विश्वास पात्रों में ना रखते हुए यह बोला गया कि आप लोगों को निर्दलीय उम्मीदवार को वोट करना है. और वह भी उस व्यक्ति के लिए जिसने 2014 में हमारे खिलाफ पूरे देश में अपने चैनल पर झूठी अफवाह फैलाई थी और वह व्यक्ति पैसे के दम पर पूरे नंबर ना होने के बावजूद भी खुलेआम क्रॉस वोटिंग की चर्चा कर रहा था. ऐसे व्यक्ति को हमारे समर्थकों ने स्वीकार नहीं किया.’

विधायक कुशवाहा ने प्रेस नोट में पार्टी पर बड़ा आरोप लगाते हुए बताया कि, ‘बीजेपी राष्ट्रीय नेता अभी भी मेरी समाज के कुछ गुलाम प्रवृत्ति के ऐसे लालची लोगों को आगे करके समाज की एकता को तोड़कर 2023 के चुनावों में मुझे राजनीति से बाहर करना चाहते हैं क्योंकि इनको पता है कि शोभा रानी कुशवाहा उस कुशवाहा की पत्नी है जिसने कभी झुकना सीखा ही नहीं. चाहे सामने कितनी ही बड़ी ताकत क्यों ना हो और ऊपर से धौलपुर की सीट को हमने लगातार तीन बार जीता है तो यह जानते हैं कि अगर चौथी बार यह जीतेंगे तो इनका कद राजनीति में बहुत ऊपर चला जाएगा. इसलिए यह चाहते हैं कि कोई ऐसा कुशवाहा गुलाम मिल जाए जो इनकी हां में हां मिलाता रहे और यह लोग कुशवाहा समाज के वोटों को लूटते रहे, लेकिन अब तक मैंने मेरी कुशवाहा समाज ने और मेरे सभी सर्व समाज के कार्यकर्ताओं ने धोखा बहुत खा लिया अब कोई हमें दोबारा से धोखा दे यह हमारे कार्यकर्ताओं को और हमें मंजूर नहीं. किसी भी नेता का वजूद उनके कार्यकर्ताओं से होता है. इसलिए हमारे कार्यकर्ताओं ने खुद निर्णय लिया है की वे खुद ऐसी .पार्टी में नहीं रहना चाहते जिसके राष्ट्रीय नेता ही अपने ही प्रत्याशियों को हराने का काम करें.’

अंत में धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाहा ने कहा कि, ‘मुझ पर कार्रवाई करने के लिए बहुत-बहुत आभार लेकिन बीजेपी ने जितनी तत्परता मुझे सस्पेंड करने में दिखाई है अगर इतनी ही इमानदारी से पार्टी के विरोध में काम करने वाले अन्य बड़े नेताओं पर भी दिखाओगे तो आम कार्यकर्ताओं को खुशी होगी.

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