Politalks.News/MaharashtraPoliticalCrisis/UddhavThackeray. महाराष्ट्र की सियासत में मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. शिवसेना से बागी हुए विधायक गुजरात के सूरत से निकलकर असम के गुवाहाटी पहुंच चुके हैं तो वहीं महाराष्ट्र में मौजूद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपनी सरकार को बचाने की पूरी कवायद में जुटे हैं. बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने शिवसेना द्वारा जारी किये गए व्हिप को गैरकानूनी बताते हुए भरत गोगावले को चीफ व्हिप नियुक्त किया है. यहीं नहीं बागी विधायकों ने राज्यपाल भगत सिंह कोठ्यारी को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने 34 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र भेजा है. वहीं उद्धव ठाकरे सियासी भूचाल को लेकर NCP प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात कर चुके हैं और साथ ही सीएम ठाकरे ने गुवाहाटी में मौजूद पार्टी के बागी विधायकों तक अपना संदेश भी पहुंचा दिया है. सीएम ठाकरे ने बुधवार को सोशल मीडिया के सहारे एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि, ‘अगर आप मुझे मुख्यमंत्री पद पर नहीं देखना चाहते थे तो इसके लिए सूरत जाने की क्या थी जरुरत, एक बार मुझे सामने से बोलते मैं उसी समय दे देता इस्तीफा.’
आपको बता दें, बीते रोज मंगलवार के बाद बुधवार को भी महाराष्ट्र की सियासत में जबरदस्त उठापटक जारी है. जिसके चलते महराष्ट्र के सियासी संकट पर कोरोना के बादल भी मंडराने लगे हैं. सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एवं राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी दोनों ही कोरोना संक्रमित हैं. ऐसे में कुछ दिन तक ये सियासी संकट टल सकता है. हालांकि दोपहर होते होते सीएम ठाकरे की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव होने की खबरें चल रही थी. लेकिन शाम को मुख्यमंत्री ऑफिस की तरफ से साफ़ कर दिया गया कि सीएम ठाकरे की रिपोर्ट पॉजिटिव है.’ वहीं उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र की जनता को संबोधित करते हुए एक वीडियो संदेश जारी किया. सीएम ठाकरे ने अपने इस संदेश के जरिये बागी विधायकों को साधने की भी पूरी कोशिश की. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन कहा कि, ‘जब से ये सियासी संकट की बात चल रही है तभी से कुछ लोग और मीडिया कह रहे थे कि उद्धव ठाकरे का चेहरा गिरा हुआ है लेकिन मैं उन्हें ये साफ़ कर देता हूँ कि ये कोरोना की वजह से है और कुछ नहीं.’
यह भी पढ़े: विधानसभा में बीजेपी विधायकों की सूची से शोभारानी का नाम हटाने के लिए लिखे गए पत्र में ब्लंडर
सीएम ठाकरे ने अपने संबोधन में कहा कि, ‘आज लंबे अरसे बाद मैं प्रदेश के लोगों के सामने आया हूं, बोलने के लिए बहुत कुछ है लेकिन स्थिति ऐसी है कि आप सब जानते हैं. मेरे पास मुख्यमंत्री पद का, प्रशासन चलाने का अनुभव नहीं था लेकिन फिर भी कोरोना के वक़्त हमारी सरकार ने बेहतरीन काम किया. उस वक्त जो सर्वे हो रहे थे, टॉप 5 मुख्यमंत्रियों में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का नाम शामिल था, तब तो किसी ने ऊँगली नहीं उठाई.’ इस दौरान उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व को लेकर उठाए जा रहे सवालों का भी दो टूक जवाब दिया और कहा कि, ‘शिवसेना और हिंदुत्व हमेशा बरकरार है और आगे भी रहेगा. शिवसेना को हिंदुत्व से अलग नहीं किया जा सकता है क्योंकि हिंदुत्व और शिवसेना एक सिक्के के दो पहलु हैं. मैंने शिवसेना प्रमुख को दिया हर वचन पूरा किया, क्योंकि मैं कोई जिम्मेदारी लेता हूं तो उसे पूरी करता हूं. सवाल उठते थे कि शिवसेना कौन चला रहा है? मुख्यमंत्री मिलते क्यों नहीं? मैं खुद नहीं मिल रहा था, क्योंकि मेरी सर्जरी हई थी. मैं जब नहीं मिल रहा था, तब भी काम तो हो ही रहे थे.’
अपने संबोधन के दौरान सीएम ठाकरे ने बागी विधायकों को दो टूक संदेश देते हुए कहा कि, ‘अगर आप मुझे मुख्यमंत्री पद पर नहीं देखना चाहते थे तो इसके लिए सूरत जाने की क्या थी जरुरत. आप एक बार मुझे सामने से बोलते कि हम आपको मुख्यमंत्री पद पर नहीं देखना चाहते तो मैं उसी समय इस्तीफा दे देता. अभी भी मैं इस्तीफा देने को हूं तैयार लेकिन मेरे सामने आकर आपको ये बात बोलनी होगी. मुख्यमंत्री के साथ मैं शिवसेना प्रमुख पद भी छोड़ने को हूं तैयार. जब प्रदेश में महाविकास अघाड़ी सरकार बनी थी तब NCP प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुझे मुख्यमंत्री बनने के लिए कहा और मेरा साथ दिया. लेकिन आज मेरी ही पार्टी के लोग ऐसा नहीं चाहते तो ये है मेरे लिए दुःख की बात.’
यह भी पढ़े: अंतिम दिन तक अखिलेश के प्रचार में न आने से बढ़ी हैरानी तो रामपुर में योगी ने आजम को सुनाई खरी-खरी
सीएम ठाकरे ने विरोधियों को जवाब देते हुए कहा कि, ‘जो ये कहते हैं कि शिवसेना बदल गई है तो वे ये भी जान लें कि 2014 के बाद जब शिवसेना की सरकार बनी थी तो वे सब मंत्री बने थे. मेरे लिए तो सबसे ज्यादा खुशी की बात तब होगी जब एक शिवसैनिक मेरी जगह मुख्यमंत्री बने.’ ठाकरे ने कहा कि, ‘मुझे पता है कि कुछ विधायक यहां नहीं हैं. कुछ लोग फोन कर कह रहे हैं कि वे लौटना चाहते हैं और कुछ को अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया है. एमएलसी चुनाव के बाद मैंने पूछा और देखा कि हमारे विधायक कहां हैं. मैंने हमेशा अपनी जिम्मेदारियों को निभाया है.’
उद्धव ठाकरे ने कहा कि, ‘कई लोगों ने मुझसे कहा कि मैं उनसे परिवार के सदस्य के रूप में बात कर रहा हूं और यही मेरी असली उपलब्धि है. किसके पास नंबर हैं या नहीं, यह महत्वपूर्ण नहीं है. उन्हें नंबर कैसे मिले, यह महत्वपूर्ण है. मैं अभी कोई ड्रामा नहीं कर रहा हूं. अगर एकनाथ शिंदे आकर बोल दें तो मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार हूं. सब लोगों ने मेरा समर्थन किया, लेकिन अपने ही लोगों ने समर्थन नहीं किया. अगर एक भी सदस्य मेरे खिलाफ वोट करता है तो यह मेरे लिए शर्मनाक है. अगर आप लोग चाहते हैं कि मैं इस्तीफा दे दूं तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.’