कुछ सालों पहले एक फिल्म आयी थी शाहिद कपूर की. इस फिल्म में सामान्य से शाहिद कपूर पोस्टर फाड़कर सुपर स्टार बन जाते हैं. अमेठी की राजनीतिक कहानी भी कुछ इसी फिल्म में इंस्पायर्ड है. यहां शाहिद कपूर का किरदार निभाया है कांग्रेस के किशोर लाल शर्मा ने, जिन्होंने एकाएक पर्दे के पीछे से निकलकर दो बार की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को धूल चटा दी. 2019 में इसी संसदीय सीट पर स्मृति ने राहुल गांधी को 55 हजार से अधिक वोटों से करारी शिख्स्त दी थी. राहुल गांधी खुद इस हार से इतना घबरा गए थे कि कार्यकर्ताओं के कहने के बाद भी अमेठी से चुनावी मैदान में नहीं उतरे. हालांकि प्रियंका ने पर्दे के पीछे से कांग्रेस के रणनीतिकार किशोरी लाल शर्मा को अमेठी से स्मृति के सामने खड़ा कर दिया. प्रियंका एवं किशोरी लाल की रणनीति में बीजेपी भी ऐसी उलझी कि वायनाड तक राहुल गांधी को चुनौती देने पहुंची स्मृति खुद अपनी सीट तक बचा नहीं पायी.
किशोरी लाल शर्मा की छवि गांधी परिवार में अहमद पटेल की तरह है. अहमद पटेल गांधी परिवार के एक अहम हिस्से की तरह रहे थे. उनकी मौत के बाद किशोरी लाल ने वो किरदार निभाया. हालांकि किशोरी लाल राजनीति में उतना जाना पहचाना चेहरा नहीं है. इसके बावजूद उन्होंने हॉट सीट अमेठी में स्मृति ईरानी को 1.61 लाख वोटों से करारी शिख्स्त दी. इस हार के बाद स्मृति के पास बोलने के लिए कुछ भी नहीं है. इससे पहले स्मृति ईरानी राहुल गांधी को अमेठी में चुनाव लड़ने की चुनौती देने के बाद वायनाड तक उनके पीछे पहुंची थी. राहुल गांधी भी हर बार स्मृति से बचने की कोशिश करते हुए दिखाई दिए. हालांकि इस चुनौती का जवाब स्मृति को प्रियंका गांधी और किशोरी लाल शर्मा ने मिलकर दिया है. किशोरी लाल कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी की ही पसंद थे और उनके कहने पर ही शर्मा को अमेठी जैसी हाई प्रोफाइल सीट से उतारा गया था.
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इससे पहले राहुल गांधी ने 2004, 2009 और 2014 में अमेठी सीट से एक तरफा जीत दर्ज की थी. सोलहवीं लोकसभा चुनाव 2014 में राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी को 1.07 लाख मतों से हराया था. 2019 में हार का बदला देते हुए स्मृति ने राहुल गांधी को हराकर अमेठी में दूसरी बार कमल खिलाया था. इससे पहले संजय गांधी ने 1998 में पहली बार बीजेपी को अमेठी में जीत दिलाई थी. इसके 20 साल बाद बीजेपी ने दूसरी बार यह सीट अपने नाम की थी. अब यह परंपरागत सीट फिर से कांग्रेस के खाते में चली गयी है.
इमेठी वर्षों से गांधी परिवार का गढ़ और कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. अमेठी सीट पर अब तक हुए 17 आम चुनाव/उप चुनाव में से 14 बार कांग्रेस ने यहां अपनी विजय पताका फहरायी है. यहां से राजीव गांधी सबसे ज्यादा 4 बार चुने गए. राहुल गांधी तीन बार यहां से सांसद रहे हैं. इनके अलावा एक बार जनता पार्टी और दो बार बीजेपी के प्रतिनिधि यहां से चुनकर सदन में पहुंचे हैं. संजय गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी यहीं से पहली जीत दर्ज कर संसद पहुंचे हैं.
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बात करें किशोरी लाल शर्मा की, तो वे पंजाब के लुधियाना शहर के रहने वाले हैं. 1983 में राजीव गांधी के साथ वे रायबरेली आए थे और पार्टी में कॉर्डिनेटर की जिम्मेदारी निभाई थी. राजीव गांधी के निधन के बाद गांधी परिवार से नजदीकियां बढ़ी. जब गांधी परिवार ने रायबरेली में चुनाव लड़ना बंद किया, तब भी पार्टी सांसद के साथ काम किया. 1999 में जब सोनिया गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ा तो किशोरी लाल भी अमेठी आ गए. 2004 में जब सोनिया ने रायबरेली और राहुल गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ा तो शर्मा ने दोनों जगह की जिम्मेदारी निभाई और अब तक निभाते आ रहे हैं.
अमेठी की जनता की नब्ज की समझ उन्हें राहुल गांधी से अधिक थी, इसलिए प्रियंका के कहने पर किशोरी लाल शर्मा को नामांकन से केवल एक दिन पहले मैदान में उतारा गया. केवल 13 दिन की कैंपेनिंग में किशोरी लाल शर्मा ने अपनी दशकों पुरानी समझ का फायदा उठाते हुए ऐसा चक्कर घुमाया कि स्मृति के साथ बीजेपी भी सातों खाने चित हो गयी. अब देखना ये होगा कि किशोरी लाल अपने आपको अमेठी तक ही सीमित रखेंगे या फिर से राहुल गांधी एवं प्रियंका के लिए पर्दे के पीछे की भूमिका का निर्वाह भी करेंगे.