अस्पताल में भर्ती देशमुख की कैसे हो सकती है सचिन वाझे से मुलाकात- पवार, परमबीर पहुंचे सुप्रीम द्वार

परमबीर ने लेटर में कहा कि अनिल देशमुख और सचिन वाझे के बीच फरवरी के मध्य में मुलाकात हुई जबकि देशमुख 5 से 15 फरवरी के दौरान कोरोना के इलाज के लिए एडमिट थे, इसके बाद वह 27 फरवरी तक होम क्वारेंटीन में चले गए थे- शरद पवार, उधर परमबीर बोले मेरे द्वारा लगाए आरोपों की करवाई जाए CBI जांच

परमबीर सिंह पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, की CBI जांच की मांग
परमबीर सिंह पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, की CBI जांच की मांग

Politalks.News/Maharashtra. मुम्बई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आया हुआ है. जिसके चलते महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख एक-एक कर कई सवालों में घिरते नजर आ रहे हैं. देशमुख को बचाने उतरे एनसीपी चीफ शरद पवार ने सोमवार को एक बार फिर मीडिया से बातचीत में बताया कि अनिल देशमुख कोरोना से संक्रमित होने के बाद 5 से 15 फरवरी तक अस्पताल में रहे और फिर डिस्चार्ज होने पर 16 से 27 फरवरी तक होम क्वॉरंटीन में थे. पवार ने कहा ऐसे में देशमुख कैसे सचिन वाझे से मुलाकात कर सकते हैं. वहीं दूसरी ओर खुद को पुलिस कमिश्नर पद से हटाकर होम डिपार्टमेंट में लगाए जाने के उद्धव सरकार के फैसले के विरुद्ध परमबीर सिंह आज सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. वहीं परमबीर ने अपने लगाए आरोपों की CBI जांच की मांग की है.

इससे पहले शरद पवार ने अनिल देशमुख का बचाव करते हुए पीसी में कहा कि, ‘पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर ने अपने लेटर में कहा है कि अनिल देशमुख और सचिन वाझे के बीच फरवरी के मध्य में मुलाकात हुई थी. वहीं अस्पताल का यह पर्चा बता रहा है कि अनिल देशमुख 5 से 15 फरवरी के दौरान नागपुर में कोरोना के इलाज के लिए एडमिट थे. इसके बाद वह 27 फरवरी तक होम क्वारेंटीन में चले गए थे.’

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वहीं अनिल देशमुख के बचाव में उतरे शरद पवार की प्रेस कांफ्रेंस में कुछ ही देर बाद में ही सवाल उठ गया कि 15 फरवरी को तो अनिल देशमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. मीडियाकर्मियों ने जब इस संबंध में शरद पवार से सवाल पूछा तो वह झेंप से गए और कहा कि मैं तो इस पर्चे के आधार पर बात कर रहा हूं. बाद में पवार यह कहते भीबदिखे यह लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं थी बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने बातचीत की थी. हालांकि, अब खुद अनिल देशमुख ने इस सवाल का जवाब दिया है.

अनिल देशमुख ने कहा है कि वह 15 से 27 फरवरी तक होम क्वॉरंटीन में ही थे और पहली बार 28 फरवरी को ही घर से बाहर निकले थे. देशमुख ने कहा, ‘जब मैं 15 फरवरी को अस्पताल से डिस्चार्ज हुआ तो कुछ पत्रकार अस्पताल के गेट पर मेरा इंतजार कर रहे थे. मुझे काफी कमजोरी महसूस हो रही थी इसलिए मैं वहीं कुर्सी पर बैठा और उनके सवालों का जवाब देने लगा. इसके बाद मैं सीधे अपनी गाड़ी में बैठा और घर गया.’

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मेरे द्वारा लगाए गए आरोपों की करवाई जाए CBI जांच – परमबीर

उधर मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद अब आईपीएस ऑफिसर परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट दरवाजा खटखटाया है. परमबीर सिंह ने अपना ट्रांसफर होमगार्ड डिपार्टमेंट में किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में यह भी कहा है कि उन्होंने जो भी आरोप लगाए हैं उसकी सीबीआई से जांच करवाई जाए. वहीं अपने तबादले को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए परमबीर सिंह ने कहा है कि उन्होंने जैसे ही अनिल देशमुख की भ्रष्ट नीतियों के बारे में सीएम उद्धव ठाकरे और अन्य वरिष्ठ नेताओं को बताया तो उनका तबादला कर दिया गया. सुप्रीम कोर्ट में परमबीर सिंह की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पैरवी कर सकते हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक सुनवाई की तारीख तय नहीं की है.

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बता दें कि मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से ट्रांसफर के बाद परमबीर सिंह ने चिट्ठी लिखकर सियासी घमासान पैदा कर दिया है. उन्होंने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि देशमुख ने वाझे से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था. मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि परमबीर सिंह ने अपील की है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के घर के सीसीटीवी कैमरे की जांच होनी चाहिए ताकि सारा सच सबके सामने आ जाए.

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