स्टांप पेपर पर बेटियों की नीलामी रोकने में लाचार CM गहलोत सत्ता बचाने के षड्यंत्रों में हैं व्यस्त- राठौड़

प्रदेश में बहनें एक तरफ भाई दूज जैसा पवित्र त्यौहार मना रही हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सरकार के राज में बच्चियों को बेचा जा रहा है बाजारों में, ऐसी घटनाएं तो होती है आईएसआईएस और तालिबान के राज में, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बिगड़ी कानून व्यवस्था को सुधारने में हैं पूर्णतया असंवेदनशील- राज्यवर्धन सिंह राठौड़

राठौड़ के निशाने पर सीएम गहलोत
राठौड़ के निशाने पर सीएम गहलोत

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में अगले साले के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सूबे की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा प्रदेश की कांग्रेस नीत अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ हमलावर है. प्रदेश में बढ़ते अपराध, महिला अत्याचार एवं बिगड़ती कानून व्यवस्था पहले ही प्रदेश सरकार के लिए मुसीबत बनी हुई है तो वहीं भीलवाड़ा में बच्चियों की नीलामी की खबर ने तो सरकार के साथ आमजन की भी नींद उड़ा दी है. भीलवाड़ा के पंडेर गांव में स्टाम्प पेपर के जरिये हो रही बच्चियों की खरीद फरोख्त को लेकर बीजेपी प्रदेश सरकार पर हमलावर है. शुक्रवार को भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘सीरिया-इराक में जिस तरह मासूम लड़कियों को ‘गुलाम’ बनाया जा रहा है, वैसा ही घिनौना जुर्म राजस्थान के आधा दर्जन जिलों में हो रहा है. जबकि सूबे का मुख्यमंत्री चुनावी प्रचार और सत्ता बचाने के षड्यंत्रों में दे रहा है अपना पूरा समय.’ वहीं बेटियों को बेचे जाने के मामले पर सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘दोषियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.’

आपको बता दें कि राजधानी जयपुर से करीब 340 किलोमीटर दूर भीलवाड़ा जिले के गांव पंडेर में लड़कियों की खरीद-बिक्री का मामला सामने आया है. मिली जानकारी के अनुसार गांव की कई बस्तियों में लड़कियों को बेचकर देह व्यापार करवाया जाता है. भीलवाड़ा के पंडेर गांव की कई बस्तियों में गरीब परिवारों की लड़कियों को दलाल स्टाम्प पेपर पर खरीदकर सौदा करते हैं. गांव में कई ऐसी बस्तियां हैं जहां दो पक्षों के किसी विवाद पर जातीय पंचायत बैठती है यहां से लड़कियों की निलामी का खेल शुरू किया जाता है. बेटियों का सौदा कराने में दलाल की अहम भूमिका होती है. किसी भी विवाद में जातीय पंचायत जिसको दोषी मानती है उस पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है और जुर्माना नहीं होने पर पंचों की ओर से घर की बहन-बेटी को बेचने का दबाव बनाया जाता है. इसके बाद यही पंच दलाल बनकर लड़कियों को खरीदने और बेचने का काम करते हैं और अपना कमीशन लेते हैं. बताया गया है कि पंचों द्वारा किसी भी लड़की को बेचने की पूरी प्रक्रिया स्टांप पेपर पर होती है.

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भीलवाड़ा में चल रहे इस घिनोने कृत्य को लेकर बीजेपी ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा. राठौड़ ने कहा कि, ‘बच्चियों की स्टाम्प पेपर के जरिये हो रही खरीद-फरोख्त, गुलाम बनाना, यौन शोषण के मामले दिखाते हैं कि सरकार बच्चियों की सुरक्षा के प्रति कितनी लापरवाह है? प्रदेश में बहनें एक तरफ भाई दूज जैसा पवित्र त्यौहार मना रही हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सरकार के राज में बच्चियों को बाजारों में बेचा जा रहा है. प्रदेश में नाबालिग बच्चियों को गुलाम बनाने का घृणित अपराध हो रहा है, इन घटनाओं की तुलना करें तो ऐसी घटनाएं आईएसआईएस और तालिबान के राज में होती हैं. सीरिया-इराक जिस तरह मासूम लड़कियों को ‘गुलाम’ बना रहा है, वैसा ही घिनौना जुर्म राजस्थान के आधा दर्जन जिलों में हो रहे हैं.’

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि, ‘नाबालिक लड़कियों को स्टांप पेपर पर नीलामी कर बेचा जा रहा है. कांग्रेस राज में अन्य राज्यो और विदेश तक भेजा जा रहा है. राजस्थान पुलिस ने दबाव और भय के कारण इन मामलों में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की. खरीद फरोख्त में लिप्त अपराधी मासूम बच्चियों को हारमोंस विकसित करने के इंजेक्शन देकर उम्र से पहले व्यस्क बनाने का घिनौना कृत्य कर रहे हैं. ऐसे गंभीर अपराध पर राज्य सरकार को पोक्सो एक्ट लगाकर तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए. प्रदेश के मुखिया बिगड़ी कानून व्यवस्था को सुधारने में पूर्णतया असंवेदनशील हैं.

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इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की असंवेदनशीलता का पता इस बात से लगता है कि जब केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गृह मंत्रियों की मीटिंग बुलाई जाती है तो वह उसमें मुख्यमंत्री हर बार नदारद रहते हैं. जबकि दूसरी और अशोक गहलोत चुनावी प्रचार और सरकार सत्ता बचाने के षड्यंत्रों में पूरा समय देते है. यह बेहद गैर जिम्मेदाराना है. क्योंकि जब प्रदेश के हालात ऐसे हो कि प्रदेश में महिला अपराध व बाल अपराध चरम पर हैं, प्रतिदिन 14 बच्चे मिसिंग हो रहे हैं. प्रदेश लूट, डकैती, बलात्कार, गुंडागर्दी का गढ़ बन चुका है जिससे जनता लाचार है.’ वहीं प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था का जिक्र करते हुए कर्नल राठौड़ ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद स्वीकार कर चुके हैं कि निजी अस्पतालों द्वारा जनता से लूट की जा रही है. मुफ्त दवा योजना के दावे खोखले साबित हो रहे हैं.’

वहीं इस मुद्दे को लेकर खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए वड़ोदरा पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. हमें यह जानकारी मिली है. हर चीज की जांच के लिए टीमें लगाई गई हैं. हम सुनिश्चित करेंगे कि उचित जांच हो. किसी को बख्शा नहीं जाएगा.’ वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस पूरे मामले पर संज्ञान लिया है. आयोग ने लड़कियों की नीलामी के आरोपों की जांच के संबंध में दो सदस्यीय तथ्यान्वेषी टीम का गठन किया है.

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