Wednesday, January 15, 2025
spot_img
Homeबड़ी खबर'खून की बोतल पर नाम देखा है कभी..' नेमप्लेट विवाद पर बोले...

‘खून की बोतल पर नाम देखा है कभी..’ नेमप्लेट विवाद पर बोले इमरान प्रतापगढ़ी

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद थम नहीं रहा कांवड़ यात्रा मार्गों में नेमप्लेट लगाने का विवाद, उच्च सदन में कांग्रेस सांसद ने उठाया मामल, बोले - कोरोना में कांधा देन वालों से भी पूछा था क्या उनका मजहब, पीएम पर भी बोला तीखा हमला.

Google search engineGoogle search engine

पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उसके बाद उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्गों पर स्थित दुकानों, ठेलों, रेस्तरां और ढाबों के मालिकों को अपने नाम की नेमप्लेट लगाने का निर्देश दिया. इसे लेकर काफी ज्यादा विवाद हुआ और मामला उच्चतम न्यायालय तक पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्य सरकारों के निर्देश पर रोक लगा दी. उसके बाद भी यह विवाद काफी गर्मा रहा है और अब इसकी गूंज संसद में भी सुनाई दे रही है. अब उच्च सदन में कांग्रेस के सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने इस विवाद पर ऐसा संबोधन दिया कि बीजेपी के राज्यसभा सांसद भी बगले झांकते नजर आए. विपक्ष के सांसद ने ये भी कहा कि आम के ठेलों, होटलों और ढाबों पर नेमप्लेट लगवाने वाली सरकार से पूछना है कि कभी खून की बोतल पर देखा है किसी का नाम लिखा हुआ है.

यह भी पढ़ें: क्या सच में रोहिंग्याओं की घुसपैठ को नजरअंदाज कर रही है ममता सरकार?

उच्च सदन में बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, ‘यहां बैठ कर के बड़ी-बड़ी बातें करना आसान है. यह चूनर धानी धानी भूल जाते, यह पूर्वा की रवानी भूल जाते. जो आकर चार दिन गांव में रहते तो सारी लंथरानी भूल जाते. इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालो के नाम छिपाने वाली सरकार इन दिनों आम का ठेला लगाने वालों के नाम जानना चाहती है. मुझे तो आम के ठेलों, होटलों और ढाबों पर नेमप्लेट लगवाने वाली सरकार से पूछना है कि कभी खून की बोतल पर देखा है किसी का नाम लिखा हुआ है.’

कांधा देने वाले का मजहब पूछा था

कांग्रेस सांसद ने उन्होंने आगे कहा कि मुझे पूछना है कि क्या कोरोना के दौरान अपनी उखड़ हुई सांसों के लिए ऑक्सीजन तलाशने वाले किसी इंसान ने ऑक्सीजन लाने वाला इंसान से पूछा था कि क्या वो हिंदू है या मुसलमान. मुझे पूछना है कि लावारिस लाशों के लिए कोरोना में कांधा देने वाली चिताओं और लकड़ियां सजाने वाले किसी इंसान से पूछा गया था कि उसका महजब और नाम क्या है. इन दिनों ये पूछा जा रहा है.

पीएम ने साधी न टूटने वाली चुप्पी

सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने आगे कहा कि सरकार ठेला लगाने वाले लोगों से जानना चाहती है कि उनका नाम और मजहब क्या है. मगर क्या कोरोना के टाइम पर ऑक्सीजन लाने वाले लोगों से भी उनका नाम और मजहब पूछा गया था. कांग्रेस राज्यसभा सदस्य ने इस पूरे मामले पर खामोशी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा.

प्रतापगढ़ी ने कहा कि अफसोस की बात ये है कि देश के प्रधानमंत्री ने कभी न टूटने वाली चुप्पी ओढ़ ली है. जनता ने 63 सीटें कम क्या कर दीं, ये सरकार अमृत काल का नाम लेना ही भूल गई है. ये सरकार मनरेगा, मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप, महाराष्ट्र और मणिपुर को भूल गई है.

यह भी पढ़ें: ‘राहुल गांधी को एक्‍सीडेंटल हिन्‍दू, महाभारत ज्ञान भी..’ ठाकुर का ‘चक्रव्यूह’ वार पर पलटवार

गौरतलब है कि इन दिनों लोकसभा और राज्यसभा में बजट सत्र पर चर्चा चल रही है. हालांकि बजट पर बात करने की जगह सांसद एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप और छींटाकशी करते हुए नजर आ रहे हैं. ​बीते दिनों राहुल गांधी ने भी अपने पूरे भाषण में बजट के लिए एक लाइन कहकर इतिश्री कर ली. उसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पूर्व मंत्री अनुराग ठाकुर ने इन बयानों पर प्रतिवार कर केवल अपना बचाव किया है.

Google search engineGoogle search engine
Google search engineGoogle search engine
RELATED ARTICLES

Leave a Reply

विज्ञापन

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img