Wednesday, January 15, 2025
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क्या सच में रोहिंग्याओं की घुसपैठ को नजरअंदाज कर रही है ममता सरकार?

पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर लगाया जा रहा है घुसपैठियों के प्रति नरमी बरतने का गंभीर आरोप, बांग्लादेश से आने वाले लोगों को आश्रय देने की भी कही जा रही बात, केंद्र के हस्तक्षेप का हो रहा इंतजार.

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‘भारत में रोहिंग्याओं की घुसपैठ काफी बढ़ गई है. रोहिंग्या लगातार बांग्लादेश सीमा के जरिये भारत में प्रवेश कर रहे हैं और बंगाल सरकार इस मामले में नरमी बरत रही है.’ यह कहना है असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का, जिन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर घुसपैठियों के प्रति नरमी बरतने के गंभीर आरोप लगाए हैं. सरमा ने ये भी कहा कि राज्य बांग्लादेश से आने वाले लोगों को आश्रय देगा. असम सीएम के इस बयान के बाद दोनों राज्यों में तल्खी एक बार फिर से बढ़ती नजर आ रही है.

मुख्यमंत्री हिंमत बिस्वा सरमा ने आगे कहा कि घुसपैठ का मुद्दा वास्तविक और गंभीर है. जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहती हैं कि मैं सीमाएं खोलने जा रही हूं, राहत और पुनर्वास दूंगी तो यह इंगित करता है कि स्थिति बहुत गंभीर है. सरमा ने कहा कि जब जनगणना होगी तो भारत के राज्यों की जनसांख्यिकी पर चौंकाने वाली खबरें आएंगी.

यह भी पढ़ें: सक्रिय राजनीति में उतरने को तैयार हैं प्रशांत किशोर! ‘गांधी जयंती’ से होगी दल की शुरूआत

बांग्लादेश सीमा के जरिए प्रवेश कर रहे रोहिंग्या

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने ने कहा कि भारत में रोहिंग्याओं की घुसपैठ काफी बढ़ गई है. इससे गंभीर पैदा हो गया है. रोहिंग्या लगातार बांग्लादेश सीमा के जरिये भारत में प्रवेश कर रहे हैं. वे कई राज्यों में जाकर बस रहे हैं. असम भारत-बांग्लादेश सीमा के केवल एक हिस्से की रक्षा कर रहा है, लेकिन एक बड़ा क्षेत्र अभी भी असुरक्षित है. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए बंगाल की सीमा एक कमजोर कड़ी है. बंगाल और झारखंड सरकारें इन घुसपैठियों के प्रति नरमी बरत रही हैं. दोनों राज्यों ने इसे रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं. बांग्लादेश के साथ सीमा पर खासकर बंगाल की सीमा पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता है. केंद्र सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.

बांग्लादेश से आने वालों को आश्रय देगा बंगाल

सरमा ने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बयान दिया था कि राज्य बांग्लादेश से आने वाले लोगों को आश्रय देगा. इस बयान से यह सवाल खड़ा हो गया है कि घुसपैठ के मुद्दे के समाधान के लिए वे कितनी प्रतिबद्ध हैं. असम ने आगे कहा कि घुसपैठ का मुद्दा वास्तविक और गंभीर है. जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहती हैं कि मैं सीमाएं खोलने जा रही हूं, राहत और पुनर्वास दूंगी तो यह इंगित करता है कि स्थिति बहुत गंभीर है. सरमा ने कहा कि जब जनगणना होगी तो भारत के राज्यों की जनसांख्यिकी पर चौंकाने वाली खबरें आएंगी.

बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा बीजेपी के फायरब्रांड नेता हैं. यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के बाद हिंदूत्व और विशेष समुदाय के प्रति अगर कोई सख्त टिप्पणी करता है, तो वो बिस्वा ही हैं. वे अपने हार्डकोर बयानों से हमेशा ही सुर्खियों में रहते हैं. बंगाल की सीमाओं पर सख्ती के लिए वे कई बार बोल चुके हैं. उनकी और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की राजनीतिक तल्खी जग जाहिर है. अब देखना होगा कि केंद्र इस मामले में कोई हस्तक्षेप करता है या फिर नहीं.

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