कहीं पार्टी नेता का श्राप और बद्दुआ तो नहीं ले बैठी राजद को!

राजद के एक नेता द्वारा पार्टी को 25 सीटों पर सिमटने का श्राप सच हुआ, पारिवारिक टूट से भी बिखर रहा लालू परिवार, रोते नेता का वीडियो हो रहा वायरल

तेजस्वी की बढ़ी मुश्किलें
तेजस्वी की बढ़ी मुश्किलें

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के हाल में आए परिणाम राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और महागठबंधन के लिए किसी दुस्वप्न से कम नहीं हैं. पूरा महागठबंधन 37 सीटों पर सिमट गया. पिछले चुनाव में 75 सीट लेकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी राजद इस बार पूरी तरह से घुटनों पर है और आत्म मंथन में जुटी है. वैसे तो राजद प्रमुख लालू यादव का परिवार पहले ही पारिवारिक टूट से जूझ रहा है लेकिन हार का सदमा भी कुछ ऐसा बैठा है कि कहीं किसी अदने से नेता तक का बयान सामने नहीं आ रहा है. ऐसे में पार्टी के एक नेता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से वायरल हो रहा है, जिसमें टिकट न मिल पाने के चलते उक्त व्यक्ति पार्टी को हार की बद्दुआ और श्राप दे रहा है.

हालांकि वीडियो कुछ दिन पुराना है लेकिन बिहार चुनाव के परिणामों के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उक्त व्यक्ति का नाम मदन शाह है जो पार्टी से टिकट की मांग कर रहे थे. इसी मांग को लेकर वे लालू यादव के घर के सामने लेट गए थे, जिनको पुलिस ने हटाया. वीडियो में मदन शाह पार्टी को विधानसभा चुनाव में 25 सीटों पर सिमटने की बद्दुआ दे रहे हैं. उनका ये श्राप एकदम सच साबित हुआ. विधानसभा चुनाव में आरजेडी सच में 25 सीटों पर सिमटकर रह गई.

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वीडियो में मदन शाह कह रहे हैं, ‘तेजस्वी बहुत घमंडी है, लोगों से मिलते नहीं…वे टिकट बांट रहे हैं…संजय यादव ये सब कर रहे हैं…मैं यहाँ मरने आया हूँ. लालू यादव मेरे गुरु हैं…उन्होंने कहा था कि वे मुझे टिकट देंगे…उन्होंने भाजपा के एजेंट संतोष कुशवाहा को टिकट दिया…वे सरकार नहीं बनाएगा.’

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2020 में, लालू जी ने मुझे रांची बुलाया और तेली समुदाय की जनसंख्या का एक सर्वेक्षण करवाया और बताया कि मदन शाह मधुबन विधानसभा क्षेत्र से रणधीर सिंह को हराएंगे. तेजस्वी जी और लालू जी ने मुझे बुलाया था, उन्होंने कहा था कि वे मुझे टिकट देंगे. मैं 90 के दशक से पार्टी के लिए काम कर रहा हूँ. मैं एक गरीब आदमी हूँ, मैंने अपनी ज़मीन तक बेच दी….’

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हालांकि चुनाव में राजद की करारी हार के बाद मदन शाह का एक बयान भी सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा, ‘पार्टी की इस हार से मेरा मन दुखी तो है लेकिन भगवान जो करता है अच्छे के लिए ही करता है.’ उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग पार्टी को बर्बाद करने में लगे हैं और जब तक उन्हें पार्टी से बाहर नहीं निकाला जाता, पार्टी को भला नहीं हो सकता.

खैर, राजद की हार के पीछे मदन शाह के श्राप और बद्दुआ का हाथ है या नहीं, ये तो कह नहीं सकते लेकिन लचर चुनावी प्रचार और पारिवारिक द्वंद्व के चलते राजद की हार पर कहीं न कहीं मदन शाह की झलक तो दिखाई ही दे रही है.

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