जींस-शर्ट में शपथ लेने वाले दीपक प्रकाश: न चुनाव लड़ा, न MLC – फिर भी नीतीश कैबिनेट में मंत्री कैसे?

न बिहार का विधानसभा चुनाव लड़ा, न ही विधान परिषद के सदस्य हैं, फिर भी मंत्री बन गए दीपक प्रकाश, पेशे से इंजीनियरिंग, फिर ज्वॉइन की राजनीति

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बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड और एक तरफा जीत के बाद मंत्रीमंडल का गठन हो चुका है. नीतीश सहित 27 सदस्यों ने मंत्री पद की शपथ ली. इसमें एक नाम देश की राजनीति के नक्शे पर चर्चा में आ रहा है, वो है दीपक प्रकाश. दुबला पतला सा एक युवक, जिसने न कभी चुनाव लड़ा और न जीता..नीले रंग की जींस और सफेद हाफ शर्ट में मंत्री पद की शपथ लेने पहुंचा. गौर करने वाली बात ये रही कि दीपक किसी विधान परिषद के सदस्य भी नहीं हैं. दीपक ने बिना चुनाव लड़े ही मंत्री पद की शपथ ग्रहण की.

दीपक प्रकाश का नाम भले ही बिहार की राजनीति में अनजान हो लेकिन उनके पिता का नाम और उनकी राजनीति समझ से सभी भली भांति परिचित हैं. दीपक एनडीए में शामिल राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के नेता उपेंद्र कुशवाहा के सुपुत्र हैं. कुशवाहा बिहार में ओबीसी कुर्मी और ओबीसी कोईरी कुशवाहा समाज के प्रभावी समीकरण के लिए जाने जाते हैं. उपेंद्र को कुशवाहा समाज का सबसे बड़ा नेता माना जाता है. बिहार में दोनों समाज की खासी तादात है और सीट बंटवारे में मिली 6 में से 4 सीटों पर रालोमो की जीत इस बात का प्रमाण है.

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उपेंद्र कुशवाहा के बढ़िया प्रदर्शन का उपहार नीतीश मंत्रीमंडल में एक मंत्री पद देकर दिया गया. हालांकि उन्होंने पार्टी विधायकों पर भरोसा न जताकर अपने सुपुत्र दीपक को मंत्री पद थमाया और वंशवाद को बढ़ावा देने का स्पष्ट संकेत दिया. उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी भी इस बार विधायक बनकर​ विधानसभा पहुंची हैं. उपेंद्र फिलहाल राज्यसभा से सदस्य हैं. उनकी पार्टी एनडीए में शामिल हैं.

बरहाल पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग दीपक एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर चुके हैं और नौकरी छोड़कर अब राजनीति में सक्रिय हैं. पिता की बदौलत उन्हें पहली बार में ही राजनीति का बड़ा प्लेटफॉर्म मिला है. चूंकि दीपक ने बिहार चुनाव नहीं जीता है और न ही विधान परिषद के सदस्य हैं, अब दीपक को मंत्री बने रहने के लिए छह महीने के भीतर विधानमंडल (विधान परिषद या विधानसभा) का सदस्य बनना अनिवार्य है. माना यही जा रहा है कि उनके लिए विधानसभा परिषद की सीट खाली करायी जाएगी.

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दीपक युवा हैं और अब नीतीश के मंत्रीमंडल में युवा सदस्यों की झलक भी देखने को मिली है. बात करें रालोमा की तो रालोमो ने बिहार में 6 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इसमें बाजपट्टी, मधुबनी, सासाराम, दिनारा, उजियारपुर और पारु शामिल हैं. इनमें से बाजपट्टी से रामेश्वर कुमार महतो, मधुबनी से माधव आनंद, सासाराम से स्नेहलता और दिनारा से आलोक कुमार सिंह ने जीत हासिल की. सासाराम से रालोमो की प्रत्याशी स्नेहलता पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी है और पहली बार विधानसभा पहुंची हैं.

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