Politalks.News/Punjab/Haryana. चंडीगढ़ को लेकर पंजाब विधानसभा में पास हुए प्रस्ताव के बाद एक नई सियासी सुगबुहाट ने जन्म ले लिया है. पंजाब द्वारा चंडीगढ़ पर अपना हक होने की बात कहना हरियाणा को पसंद नहीं आ रहा है. पंजाब की AAP सरकार ने विधानसभा का स्पेशल सेशन बुला शुक्रवार को चंडीगढ़ का पूर्ण अधिकार पंजाब को देने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर दिया गया. कांग्रेस, अकाली दल(बादल) और बसपा ने इसका समर्थन किया. तो वहीं अब हरियाणा सरकार 5 अप्रैल को विधानसभा के विशेष सत्र के जरिए इस प्रस्ताव के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है. वहीं पंजाब सरकार के इस फैसले को लेकर हरियाणा का पक्ष और विपक्ष साथ खड़ा नजर आ रहा है. तो दूसरी तरफ पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इस मामले को लेकर तंज कसा है और कहा है कि, ‘किसान आंदोलन में बना भाईचारा चंडीगढ़ के मुद्दे की भेंट चढ़ेगा.’
शुक्रवार को पंजाब की भगवंत मान सरकार केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर सेंट्रल सर्विस रूल्स लागू किये जाने के बाद भड़क गई. पंजाब की AAP सरकार ने विधानसभा का स्पेशल सेशन बुला चंडीगढ़ का पूर्ण अधिकार पंजाब को देने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर दिया गया. भगवंत मान सरकार के इस फैसले के बाद दोनों राज्यों की सियासत गरमा गई है. पंजाब की मान सरकार द्वारा पास किये गए प्रस्ताव के खिलाफ हरियाणा सरकार ने भी 5 अप्रैल को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. इससे पहले सुबह साढ़े 9.30 बजे बिजनेस एडवाइजरी की कमेटी की मीटिंग है, जिसमें एजेंडे पर चर्चा होगी.
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हालांकि यह तय है कि पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ पंजाब को देने का प्रस्ताव पास किए जाने के बाद अब हरियाणा विधानसभा में पंजाब सरकार की इस कार्रवाई पर निंदा प्रस्ताव पेश किया जाएगा. इस पूरे मामले को लेकर पक्ष और विपक्ष एक नजर आ रहे हैं.
वहीं इस पूरे मामले को लेकर हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं सदन में विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि वह हरियाणा के हितों की रक्षा के लिए कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं.’ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार के प्रस्ताव को राजनीतिक जुमला बताया है. हुड्डा ने कहा कि, ‘चंडीगढ़ हरियाणा का हिस्सा है और रहेगा. किसी को भी हरियाणा के हितों को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. हम राज्य के हितों की रक्षा के लिए कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं.’ हुड्डा ने कहा कि, ‘हरियाणा और पंजाब के बीच तीन मुद्दे हैं, जिनमें राजधानी, हिंदी भाषी क्षेत्रों और सतलुज-यमुना लिंक नहर पर नियंत्रण शामिल है.’
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वहीं इस पुरे मामले को लेकर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने तंज कसा. सुनील जाखड़ ने तंज भरा ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पंजाब और हरियाणा के लोगों का भाईचारा स्थापित हुआ था. लेकिन इस मरे हुए मुद्दे की वजह से भाईचारा भड़के हुए जज्बात की भेंट चढ़ जाएगा. अब हरियाणा भी पंजाब को करारा जवाब देने के लिए विधानसभा सेशन बुला रहा है. ऐसे में हमेशा की तरह 2 बिल्लियों की लड़ाई में बंदर बाजी मार जाएगा.’ सुनील जाखड़ के इस बयान में उन्होंने बंदर किसे कहा है हालांकि यह अभी तक साफ़ नहीं हो पाया है. वहीं सियासी गलियारों में चर्चा है कि दो राज्यों की इस लड़ाई का फायदा केंद्र सरकार उठाने वाली है.