Harish Chaudhary on KC Venugopal. बीते मंगलवार को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों को लेकर हुई कांग्रेस कमेटी की बैठक के दौरान संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बयानबाजी करने वाले नेताओं पर गहरी नाराजगी जताई थी. वेणुगोपाल ने बयानबाजी करने वाले नेताओं को सख्त लहजे में चेतावनी दी थी कि अगर अब किसी ने अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ यबयानबाजी की तो उस नेता को 24 घंटे में पद से हटा दिया जाएगा. वहीं वेणुगोपाल को चेतावनी दिए 24 घंटे भी नहीं हुए कि गहलोत सरकार में पूर्व मंत्री रहे कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने वेणुगोपाल की चेतावनी और फटकार पर इशारों में जोरदार तंज कसकर अपने इरादे जता दिए हैं. चौधरी ने बुधवार को पहले सुबह एक ट्वीट के जरिए जोरदार तंज कसा तो वहीं उसके बाद दोपहर में एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अपने बयान से वेणुगोपाल को जवाब भी दे दिया.
दरअसल, पार्टी सूत्रों की मानें तो मंगलवार को हुई कांग्रेस कमेटी की बैठक के दौरान केसी वेणुगोपाल की फटकार और चेतावनी पर बैठक में ही हरीश चौधरी ने वेणुगोपाल की सलाह पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर किसी को पार्टी नेता को कुछ बात कहनी होगी तो वह कैसे कहेगा? इस पर वेणुगोपाल ने हरीश चौधरी को फटकारने वाले लहजे में कहा था कि जब आप जैसे जिम्मेदार नेता ही इस तरह करेंगे तो कैसे चलेगा. इस पर पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने बीते रोज बुधवार को मशहूर क्रांतिकारी चे ग्वेरा के क्वोट को ट्वीट करते हुए तंज कसते हुए लिखा कि, ‘मैंने कब्रिस्तान में उन लोगों की भी कब्रें देखी हैं, जिन्होंने इसलिए संघर्ष नहीं किया कि कहीं वे मारे नहीं जाएं.’ हरीश चौधरी के इस सियासी ट्वीट को वेणुगोपाल को दिए जवाब के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि वेणुगोपाल की चेतावनी पर सवाल उठाने की हिम्मत चौधरी ने ही दिखाई थी.
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यही नहीं सुबह ट्वीट करने के बाद बुधवार को ही बाड़मेर में एक कार्यक्रम के दौरान ओबीसी मुद्दे पर बयान देकर एक बार फिर पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने वेणुगोपाल को जवाब दे दिया. हरीश चौधरी ने कहा कि, ‘ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर वन मंत्री हेमाराम चौधरी इस्तीफा देने वाले थे, लेकिन मेरे रिक्वेस्ट करने पर उन्होंने इरादा बदल दिया’. चौधरी ने कहा कि पिछली कैबिनेट मीटिंग में ओबीसी आरक्षण मुद्दे को डेफर करने के बाद कैबिनेट के मंत्रियों से मुलाकात की थी. मंत्री हेमाराम चौधरी इसी मुद्दे को लेकर मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले थे, लेकिन मेरे रिक्वेस्ट करने पर उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया.
हरीश चौधरी ने कहा कि, ‘हम लोगों के संरक्षक मंत्री हेमाराम चौधरी ने मुझसे कहा कि हरीश ओबीसी मुद्दे पर आपका फैसला हो सकता है, मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूं?तब मैंने कहा कि यह गलती नहीं करनी है. मैंने रोका कि आपको इस्तीफा नहीं देना है, आपके इस्तीफे से हम लोगों को मदद नहीं मिलेगी. जहां पर यह निर्णय होना है, वहां पर हमारी आवाज कम हो जाएगी. जो कलम पर हाथ इस्तीफे के थे उसको रोकने का अगर कोई गुनहगार था तो वह हरीश चौधरी है. मंत्री हेमाराम चौधरी की जरूरत कैबिनेट मीटिंग में है. इससे पहले कैबिनेट मीटिंग में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा डेफर होने की एक वजह यह भी है कि मजबूत पैरवी करने वाला कोई नहीं था.