सियासत में घटनाओं का बड़ा महत्व है. ये घटनाएं ही नेताओं को सियासत में अर्श से फर्श तक और फर्श से अर्श पर ले जाती है. अलवर के थानागाजी में हुए गैंगरेप मामले में भी बीजेपी के भीतर एक तिकड़ी कुछ ऐसे ही सियासी समीकरण पैदा कर रही है. यह जोड़ी बीजेपी के इतर थानागाजी गैंगरेप मामले में जोरदार प्रदर्शन कर पार्टी के मध्य अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में लगी है.

पहले तो इस तिकड़ी के दो किरदारों ने जयपुर मे गैंगरेप मामले को लेकर बड़ा प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन की तस्वीरें राजनीति के जानकारों के साथ-साथ बीजेपी के लिए भी चौंकाने वाली रही. वजह- इस प्रदर्शन में किरोड़ी लाल मीणा और राजेंद्र राठौड़ कंधे से कंधा मिलाए दिखे. कुछ लोग कह सकते हैं कि इसमें चौंकने जैसा क्या है जबकि दोनों नेता बीजेपी के हैं. अगर ऐसा है तो बता दें कि किरोड़ी लाल मीणा और वसुंधरा राजे के बीच अदावत और राजेंद्र राठौड़ की वसुंधरा राजे के साथ नजदीकियों से पूरा प्रदेश वाकिफ है. ऐसे में मीणा और राजेंद्र राठौड़ का साथ एक मंच पर आना ऐसा आभास पैदा कर रहा है जैसे दोनों दिग्गज़ प्रदेश बीजेपी के भीतर कुछ नए समीकरण पैदा करने के प्रयास कर रहे हैं.

गैंगरेप मामले को लेकर किरोड़ी लाल मीणा ने दौसा में विशाल प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन का मुख्य आकर्षण किरोड़ी-राजेंद्र-हनुमान की तिकड़ी रही. बेनीवाल और किरोड़ी तो कई बार एक मंच पर साथ देखे जा चुके हैं लेकिन इस जोड़ी में वसुंधरा गुट के राजेंद्र राठौड़ की एंट्री प्रदेश बीजेपी में नई संभावनाओं को जन्म देता हुआ दिखाई दिया. राजेंद्र राठौड़ प्रदेश की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के काफी नजदीकी माने जाते रहे हैं लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद उनके संबंध उतने मधुर नहीं बचे हैं.

हालांकि इस तिकड़ी के तीसरे किरदार हनुमान बेनीवाल बीजेपी में नहीं है लेकिन उनकी पार्टी रालोपा एनडीए में शामिल है. उन्होंने एनडीए प्रत्याशी के तौर पर नागौर से लोकसभा चुनाव लड़ा है. हनुमान बेनीवाल की राजेंद्र राठौड़ के साथ राजनीतिक अदावत भी रही है लेकिन नागौर चुनाव में राजेंद्र राठौड़ ने बेनीवाल के चुनाव प्रचार में जमकर पसीना बहाया है. हनुमान बेनीवाल पूर्व में बीजेपी से विधायक भी रह चुके है लेकिन उन्हें अनुशासनहीनता के कारण पार्टी से बाहर कर दिया गया था. इसके बाद बेनीवाल खींवसर से निर्दलीय विधायक चुने गए. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल ने ‘आरएलपी’ का गठन कर प्रदेश की अनेक सीटों पर प्रत्याशी उतारे. इनमें तीन उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई थी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस तिकड़ी पर ट्वीट कर हमला बोला है. गहलोत ने कहा, ‘किरोड़ीलालजी, बेनीवालजी और राठौड़जी. ये बेचारे क्या कर सकते हैं जब मोदीजी ही झूठ बोल रहे हैं और थानागाजी प्रकरण को लेकर राजनीति कर रहे हैं. ऐसे में उनको तो करना पड़ेगा क्योंकि बीजेपी में एक-दूसरे को डाउन करने के लिए राजनीति चल रही है कि अब आगे नेता कौन बने. पार्टी के अंदर ये लड़ाई हो रही है. गहलोत ने इस ट्वीट में साफ—साफ कहा कि बीजेपी के भीतर सत्ता संघर्ष चल रहा है. नेता गुट बनाकर प्रदेश बीजेपी की कमान अपने हाथ में लेना चाहते है लेकिन वो इसके लिए पीड़ित परिवार की भावनाओं से खिलवाड़ ना करें.

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