Politalks.News/Rajasthan/Beniwal. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोमवार को लोकसभा में नियम 193 के तहत बढ़ती हुई महंगाई पर हुई चर्चा में भाग लिया. इस दौरान सांसद बेनीवाल ने देश में लगातार बढ़ती महंगाई पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से महंगाई पर नियंत्रण के ठोस उपाय करने की मांग की. सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि यह अच्छी बात है कि सदन में महंगाई जैसे गंभीर औए महत्पूर्ण विषय पीकर चर्चा हो रही है, मगर यह चर्चा तभी सार्थक होगी जब सरकार महंगाई कम करने के ठोस कदम तत्काल उठाएगी और सदस्यों के सुझावों को अमल में लाया जाएगा.
सदन में सांसद हनुमान बेनीवाल ने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि एक हजार किसानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों काले कानून वापिस लिए और उस समय स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने सहित कई मुद्दों पर सहमति बनी थी, मगर मोदी सरकार अब तक अपने वादे पर गंभीर नजर नही आ रही है. सांसद बेनीवाल ने एमएसपी पर खरीद का गारंटी कानून बनाने सहित स्वामीनाथन आयोग की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू करने की मांग की.
पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में भी थी महंगाई, इसीलिए जनता ने एक नही दो बार किया मोदी सरकार पर भरोसा
अपनी बात रखते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा कि यह बात सही है की वर्तमान सरकार के कार्यकाल मे महंगाई ने जिस स्तर को छुआ और उससे निर्धन और मध्यम तबके पर जो खराब असर पड़ रहा है वो चिंताजनक है, लेकिन वर्ष 2009 से 2014 कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए के कार्यकाल वाली सरकार मे भी बहुत ज़्यादा महंगाई थी और तब भाजपा वालो ने नारा दिया था की बहुत हुई महंगाई की मार और अबकी बार मोदी सरकार. ऐसे में देश की जनता ने एक बार नही दूसरी बार भरोसा करके एनडीए को सत्ता मे काबिज किया, लेकिन बढ़ती महंगाई की बात करे तो उस पर नियंत्रण के लिए वर्तमान सरकार ने भी कोई ठोस कदम नही उठाए.
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घटती आमदनी और बढ़ती महंगाई चिंता का विषय
सांसद हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा कि कर का बोझ भी उस वर्ग पर डाला जा रहा जिसके हाथ मे करने के लिए काम नही है और जिसकी जेब और पेट खाली है. वहीं दूसरी ओर उस वर्ग को कर मे छूट दी जा रही है जिसकी तिजोरियाँ भरी हुई है. ऐसे में जिस तरह पानी बगैर नदी की कल्पना करना बेमानी है, ठीक उसी प्रकार आमदनी बगैर अर्थव्यवस्था सही नहीं हो सकती. बेनीवाल में अपनी बात समझाते हुए आगे कहा कि यदि स्रोत सुख गये तो समझिए दोनों का अस्तित्व संकट मे है और हमारे देश की अर्थव्यवस्था भी कुछ इस दिशा मे बढ़ रही है. ऐसे में जाहिर है की देश की मौजूदा आर्थिक नीतियाँ आमजन के अनुकूल नही है क्योंकि एक तरफ अरबपतियों की संख्या तो बढ़ रही है लेकिन मध्य वर्ग की जो हालात है और ग़रीबी का दायरा बढ़ रहा है वो चिंताजनक है और प्रतिकूल नीतियों के कारण बाजार मे माँग नही होने के बाद भी महंगाई आसमान पर है, ऐसे में देश की मौजूदा आर्थिक नीतियाँ आमजन के अनुकूल नही है.
आगे सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि अर्थव्यवस्था मे आ रहे निरन्तर उतार चढ़ाव के कारण वास्तव मे भारत मे सभी वस्तुओं का मूल्य तेज़ी से बढ़ा और जिसका वस्तुओ के आयातको पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. इससे वित्तीय बाज़ारो मे भी अस्थिरता देखने को मिली और यह सही है की कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा. यही नहीं उसके बाद हुए रूस-यूक्रेन के युद्द से भी असर पड़ा, लेकिन हम कोरोना की बात को दोहराते हुए आख़िर कब तक देश की जनता को महंगाई की आग मे धकेलते रहेंगे, इस बात पर सरकार को गंभीरता से विचार करना पड़ेगा.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम किया जाए
सांसद हनुमान बेनीवाल ने 2014 में एनडीए सरकार के शुरुआती दौर से वर्तमान समय की स्थिति की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा की जिस प्रकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई उससे आम जन प्रभावित हुआ है. ऐसे में सरकार को तत्काल पेट्रोल व डीजल की कीमतों को और कम करने की जरूरत है, क्योंकि इसका इसका प्रत्यक्ष असर महंगाई पर पड़ा है. सांसद बेनीवाल ने आगे कहा डीजल की कीमतें कम होगी तो किसान आसानी से खेतों में ट्रैक्टर जोतने के लिए डीजल ले सकेगा. आम आदमी कम किराए में सफर कर सकेगा. सांसद ने कहा बढ़ी हुई महंगाई से देश का आम जन प्रभावित हुआ है ऐसे में सरकार को महंगाई नियंत्रित करने के लिए गंभीरता से सोचने की जरूरत है.