Hanuman Beniwal in Parliament on Paper Leak Case. राजस्थान की राजनीति में सबसे बड़ा सियासी मुद्दा बन चुके भर्ती परीक्षाओं में पेपरलीक मामलों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा पहले सड़कों पर और फिर अपनी पार्टी के विधायकों द्वारा विधानसभा में विरोध प्रदर्शन करने के बाद मंगलवार को लोकसभा में पुरजोर तरीके से इस मामले की पैरवी की. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने नियम 377 के तहत पेपरलीक मामलों की जांच सीबीआई से करवाने की मांग लोकसभा में रखी. सांसद बेनीवाल ने अपने प्रस्ताव में कहा की राजस्थान मे सरकारी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो जाने से अभ्यर्थियो के भविष्य पर हर रोज सवालिया निशान लगता है. इस दौरान सांसद बेनीवाल ने हाल ही में राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा -2022 का पेपर लीक होने का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्ववती सरकार और वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के विगत 12 वर्षो मे 17 बड़ी भर्ती परीक्षाओ के पर्चे लीक हुए, जिसमे पेपर आउट करवाने वाले माफियाओ और गिरोह के मुख्य सरगनाओ के खिलाफ न तो कोई कठोर कार्यवाही की गई और न ही असली गुनेहगाहरो को पकड़ा गया. जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियो के सपनों के साथ खिलवाड़ करने वाले लोग लगातार हर सरकारी भर्ती परीक्षाओ के पेपर आउट कर रहे हैं.
अपने प्रस्ताव में सांसद हनुमान बेनीवाल ने एसआई, पीटीआई ग्रेड 2, एपीपी, क. लेखाकर, आरएएस प्री 2013, जेल प्रहरी 2016, लाइब्रेरियन 2018, कांस्टेबल 2018, जेईएन 2020, रीट 2021, जेईएन 2022, कांस्टेबल 2022, वनरक्षक 2022 जैसी बड़ी सरकारी भर्ती परीक्षाओ के पेपर लीक का मामला उठाते हुए कहा की राजस्थान मे नकल माफियाओं की जड़ें इतनी गहरी होती जा रही है की लाखों रुपये कर्ज़ लेकर नौकरी की आस मे कई वर्षो से तैयारी और कोचिंग करने वाले मेहनतकश अभ्यर्थियों को खुद के सपने तोड़कर इसकी सज़ा चुकानी पड़ रही है. जबकि दोषियों को सज़ा तक नही मिलती, क्योंकि पेपर आउट करवाने वाले लोगों के तार सत्ता में उच्च पदों पर बैठे लोगों और आला ब्यूरोकरेट्स तक जुड़े हुए हैं. इसलिए राजस्थान की कोई भी जांच एजेंसी पूर्ण रूप से निष्पक्ष जाँच भी नही कर सकती.
सांसद हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा की चूँकि ऐसे मामलों में अवैध रकम का भी बड़ा लेन देन हुआ है, इसलिए केंद्र सरकार राजस्थान सरकार की विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करवाने के नाम पर करोड़ो रुपये अर्जित कर चुके लोगो की जाँच ईडी से करवाए और 35 लाख से अधिक युवाओं के भविष्य को देखते हुए ऐसे मामलो की रिपोर्ट राजस्थान सरकार और राजस्थान के राज्यपाल से मंगवाकर पेपर आउट होने के मामलों की सीबीआई से भी जाँच करवाने हेतु आवश्यक हस्तक्षेप करे.
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इसके साथ ही नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा हाल ही में लोकसभा में लंपी स्कीन बीमारी से प्रभावित गौ वंश के संबंध में लगाए गए सवाल का मंगलवार को केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन व डेयरी मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने जवाब देते हुए बताया कि राजस्थान में इस बीमारी से 76030, तो वहीं देश में 184447 गौवंश की मृत्यु हुई है. वहीं सांसद बेनीवाल के मूल सवाल का जवाब देते हुए मंत्री रुपाला ने यह भी बताया की भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से एकत्र की गई जानकारी के अनुसार आईसीएआर द्वारा गोपशुओं और भैंसों में उपयोग के लिए एक होमोलोगस लाइव एटेन्यूएटेड लंपी त्वचा रोग टिका विकसित किया गया है. तब से ही आईसीएआर द्वारा मेसर्स इंडियन इम्यूनोलोजिकल लिमिटेड हैदराबाद और मैसर्स बायोवेट प्राइवेट लिमिटेड मलूर कर्नाटक को वैक्सिन तकनीक दे दी गई और वैक्सिन अपने व्यवसायिक उत्पादन से पहले परीक्षण चरण में है. उड़िसा में वर्ष 2019 में सबसे पहले इस बीमारी संज्ञान में आई वही राजस्थान में सबसे पहले जोधपुर जिले में संज्ञान में आई.
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इस दौरान सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस बीमारी से प्रभावित पशुपालकों के लिए आर्थिक सहायता देने की मांग अपने सवाल में उठाई, जिस पर मंत्री रुपाला ने बताया की लंपी त्वचा रोग से प्रभावित किसानों और गोपशु स्वामियों को धन निधियां करने की कोई योजना नहीं है. वहीं सांसद हनुमान बेनीवाल ने यह भी कहा कि सरकारी आंकड़ों में जो मृत गौवंश की संख्या बताई वो हकीकत में बहुत कम है, क्योंकि बीमारी से लाखों गौ वंश की मृत्यु हुई और केंद्र के साथ राज्य को भी पशुपालकों के लिए आर्थिक सहायता का प्रावधान बनाकर मदद करने की जरूरत है.