वसुंधरा जी के सामने कटारिया की निकल जाती थी हवा, पहले वे अपना घर संभाल लें- बोले खाचरियावास

अशोक गहलोत पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिसने एमएलए का बजट सांसद के बराबर 5 करोड़ रुपए किया, वसुंधरा जी तो 5 साल में 25 लाख रुपए बढ़ाकर सवा दो करोड़ रुपए कर पाई थीं, हालत ये थी बीजेपी विधायक कोने में सिर देकर रोते रहते थे- प्रताप सिंह खाचरियावास

img 20221122 011425
img 20221122 011425

Pratap Singh Khachariawas on Gulabchand Kataira. अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए जाने जाने वाले कांग्रेस नेता और गहलोत सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने अपने उदयपुर प्रवास के दौरान न सिर्फ भाजपा पर हमला बोला बल्कि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पर उनके गृहक्षेत्र में ही जमकर निशाना साधा. खाचरियावास ने कहा कि कटारिया कई बार बोल चुके हैं कि कांग्रेस के मंत्री कुंठा में रहते हैं, लेकिन परेशानी में तो खुद कटारिया हैं. उनकी वसुंधरा जी के सामने तो हवा निकल जाती थी. हम ईमानदारी से बात कहते हैं, कुंठा में नहीं. ये तो आपका चेहरा बता देता है. इसके साथ ही राहुल गांधी की यात्रा सहित कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात कही.

सोमवार को अपने उदयपुर दौरे के दौरान सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ करते हुए कहा कि, ‘अशोक गहलोत जी पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिसने एमएलए का बजट सांसद के बराबर 5 करोड़ रुपए किया.’ इसके साथ ही पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार पर निशाना साधते हुए खाचरियावास ने कहा कि, ‘वसुंधरा जी तो 5 साल में 25 लाख रुपए बढ़ाकर सवा दो करोड़ रुपए कर पाई थीं. हालत ये थी बीजेपी के विधायक कोने में सर देके रोते थे. वसुंधरा जी सुनती नहीं थीं.’ वहीं हाल ही में कुछ दिनों पहले सचिन पायलट के खाचरियावास के आवास पर आने से जुड़े सवाल पर मंत्री ने कहा कि, ‘पायलट मेरे घर आए. हमारी मुलाकात हुई तो इसमें कोई नुकसान नहीं है. इससे कांग्रेस की ताकत और बढ़ेगी.’

यह भी पढ़ें: संविदा पर नियुक्ति सरकार का शोषण करने का नया तरीका- सीएम सलाहकर संयम लोढा का बड़ा बयान

वहीं सचिन पायलट समर्थक वन मंत्री हेमाराम चौधरी के सचिन पायलट को प्रदेश में जिम्मेदारी देने वाले बयान पर मंत्री प्रताप सिंह खाचरिवास ने बात को टालते हुए कहा कि हेमाराम जी सीनियर लीडर हैं. मैं इस तरह के बयानों पर बोलना नहीं चाहता. इसके साथ ही 25 सितंबर के घटनाक्रम के बाद सीएम गहलोत के करीबी मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी, और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ को मिले नोटिस के सवाल पर भी खाचरियावास ने टालते हुए कहा कि ये मामला एआईसीसी देख रही है.

यह भी पढ़ें: हर मोर्चे पर विफल कांग्रेस सरकार, गहलोत-पायलट की खींचतान में रुके जनता के कार्य- हनुमान बेनीवाल

इसके साथ ही प्रदेश में बहुचर्चित रहे ब्यूरोक्रेसी के हावी होने वाले मुद्दे को लेकर एक बार फिर एसीआर (एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट) पर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि पावर सेंट्रलाइज नहीं, बल्कि डी-सेंट्रलाइज होनी चाहिए. ये बात तब उठी जब गेहूं लैप्स हुआ. चार साल से मैंने एसीआर नहीं लिखी. खाचरियावास सरकार बचाने के लिए फ्रंट फुट पर लड़ता है. यदि झूठ बोले तो राजनीति में नहीं रहना चाहिए. मैं क्षत्रिय हूं और शौर्य के साथ राजनीति करता हूं. मंत्री खाचरियावास ने आगे कहा कि बीजेपी महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है. इसलिए राहुल गांधी जी की यात्रा का विरोध कर रही है. बीजेपी की गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हालत खराब है. वे पहले अपने स्थिति संभाल लें. हम इस वक्त राहुल जी की राजस्थान से गुजरने वाली यात्रा को पूरी तरह सफल बनाने में जुटे हैं.

Google search engine