कांग्रेस की बैठक में जोरदार भिड़े डोटासरा और श्रवण कुमार, रंधावा ने लगाई फटकार और कही ये बड़ी बात

गोविंद सिंह डोटासरा को न सिर्फ अपनी पार्टी के पूर्व विधायक श्रवण कुमार की खरी खरी सुनने को मिली बल्कि प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की घुड़की भी सहनी पड़ी, जयपुर संभाग से आने वाले कांग्रेस के करीब 34 मंत्री विधायकों में से सिर्फ 14 ही आए पार्टी की अहम बैठक में, लिया जाएगा एक्सप्लेनेशन

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Sukhjinder Singh Randhawa on Govind Singh Dotasara. हाल ही में अपने अजमेर दौरे के दौरान आगामी विधानसभा चुनाव में पूरी 200 सीटों पर कांग्रेस की जीत का लक्ष्य निर्धारित करने वाले पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में खुद की कितनी पैठ बना पाए हैं इसकी एक बानगी शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई पार्टी की अहम बैठक में नजर आई. जहां डोटासरा को न सिर्फ अपनी पार्टी के पूर्व विधायक की खरी खरी सुनने को मिली बल्कि प्रदेश प्रभारी की घुड़की भी सहनी पड़ी. दरअसल, शनिवार को पीसीसी कार्यालय में कांग्रेस के हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को लेकर हुई बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व विधायक श्रवण कुमार आपस में भिड़ गए. हालात इतने बिगड़ गए कि खुद प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बीच-बचाव कर न सिर्फ दोनों को शांत करवाया बल्कि डोटासरा के हाथ से माइक छीनकर कहना पड़ा कि मैं यहां आपका भाषण सुनने नहीं आया, बल्कि कार्यकर्ताओं को सुनने आया हूं.

आपको बता दें कि पीसीसी में हुई बैठक के दौरान पहले तो बिजली पर अपनी बात रखने वाले सुरेश मोदी को पूर्व एमएलए श्रवण कुमार ने बीच में टोका कि अगर आप विधायक ही यहां बात रखोगे तो हमारा क्या होगा. इसके बाद श्रवण कुमार ने बैठक में डोटासरा पर जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष नहीं बनाए जाने पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि 2 साल हो गए हैं, अब तक संगठन में नियुक्तियां तक नहीं हो सकी हैं. इस पर डोटासरा ने श्रवण कुमार को बैठने के लिए कहते हुए कहा कि यह काम आलाकमान का है और वही करेगा. लेकिन श्रवण कुमार बैठे नहीं और बल्कि नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आप पार्टी नहीं हैं और सरकार एवं संगठन एक जैसे हो गए हैं.

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इस पर गोविंद सिंह डोटासरा ने श्रवण कुमार को डांटते हुए कहा कि केवल मीटिंग में माहौल बनाने से काम नहीं चलता, फील्ड में भी कुछ कर लिया करो. दो साल में संगठन का कोई एक काम किया हो तो बताइए, बैठकों में माहौल बनाना आता है. इस पर श्रवण कुमार ने भी पलटवार करते हुए कहा कि केवल आप ही पार्टी नहीं हो, कार्यकर्ताओं की भी सुना करो, हम भी पार्टी हैं. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच जमकर नोकझोंक हो गई. वहीं जब दोनों नेताओं के बीच गहमागहमी बढ़ने लगी तो प्रदेश प्रभारी रंधावा ने श्रवण कुमार को डांटते हुए चुप करवाया. रंधावा ने श्रवण कुमार को अकेले में मिलकर मुद्दे रखने को कहा, तब जाकर दोनों शांत हुए.

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इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा श्रवण कुमार के साथ ही अन्य नेताओं को भी उनकी बात रखने के दौरान टोका टाकी जारी रखी, तो ऐसे में फिर प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा से भी उनका माइक ले लिया और कहा कि 4 साल हो गए हैं आप लोगों को भाषण करते हुए, लोगों के काम तो करने ही पड़ेंगे. यही नहीं इस दौरान रंधावा ने डोटासरा को दो टूक कहा कि मैं यहां आपकी नहीं, बल्कि ये सब जो बोल रहे हैं उन सब की बातें करने के लिए ही आया हूं.

वहीं पिछले दिनों कांग्रेस के दिग्गज नेताओं द्वारा अपनी ही गहलोत सरकार के खिलाफ पेपरलीक और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर की गई बयानबाजी पर प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में डेमोक्रेसी है और यहां रहकर अगर कोई मर्यादा में अपनी बात रखता है तो उससे उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. साथ ही रंधावा ने यह भी कहा कि वह भी पंजाब में अपनी बात रखते आए हैं और हरीश चौधरी मुझे और मैं हरीश चौधरी को अच्छे से जानता हूं ऐसे में मुझे उम्मीद है कि आगे ऐसी कोई शिकायत नहीं होगी.

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बताया जा रहा है कि शनिवार को हुई पार्टी की इस अहम बैठक में जयपुर संभाग के 5जिलों से आने वाले 34 मंत्री विधायको में से 14 मंत्री व विधायक ही बैठक में पहुंचे जबकि 20 मंत्री और विधायक नहीं पहुंचे, इस पर नाराजगी जताते हुए गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बैठक में नहीं आने नेताओं से एकप्लेनेशन मांगा जाएगा. डोटासरा ने जयपुर संभाग की बैठक में नहीं पहुंचने वाले नेताओं, विधायकों और मंत्रियों को कड़े शब्दों में कहा कि जब राहुल गांधी 3800 किलोमीटर चलकर जनता से जुड़ने की तपस्या कर सकते हैं तो कांग्रेस के नेताओं को भी जनता के बीच जाना होगा. डोटासरा ने कहा कि जिन को नेतागिरी करनी है और चुनाव लड़ना है उसे पूरी सक्रियता से काम करना होगा. वहीं प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी शनिवार की बैठक में नहीं आने वाले नेताओं से एक्सप्लेनेशन मांगने की बात की और कहा कि नेता को जनता के लिए ही तैयार रहना होता है.

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