Politalks.News/Maharashtra. लोकतांत्रिक देश में राष्ट्रपति-राज्यपाल और चुनी सरकारों के बीच टकराव होना स्वस्थ राजनीति में अच्छी परंपरा नहीं कही जा सकती है. लेकिन हमारे देश में कई बार ऐसे मौके आए हैं जब राज्यपाल और राज्य सरकारों के बीच टकराव देखा गया. मंगलवार को ‘एक बार फिर महाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच सियासी जंग सड़क पर आ गई‘. इन दोनों का विवाद बुधवार को भी सियासी गलियारों में छाया हुआ है. इससे पहले भी दोनों में कई बार टकराव देखे गए हैं, या यूं कह लें पिछले वर्ष नवंबर में उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद की शपथ के बाद से ही दोनों के बीच तनातनी चली आ रही है. ‘अब राज्यपाल कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे में नए विवाद का मुख्य कारण भारतीय जनता पार्टी बनी है’.
भाजपा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर राज्य में अभी तक मंदिरों को न खोले जाने को लेकर निशाना साधा और सियासत गर्म कर दी. ‘महाराष्ट्र सरकार पर भाजपा के उग्र तेवर को देखकर राज्यपाल भी हिंदुत्व के मुद्दे पर सीएम उद्धव ठाकरे को घेरने के लिए खुलकर सामने आ गए, ऐसे में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर आमने-सामने हैं‘.
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आइए अब आपको एक वर्ष पीछे लिए चलते हैं, बात करेंगे उद्धव ठाकरे सरकार की. पिछले वर्ष नवंबर में जब से उद्धव ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ राज्य में सरकार बनाई थी तब से ही भाजपा उद्धव को हिंदुत्व के मुद्दे पर घेरने में जुटी हुई है. ‘भले ही शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाराष्ट्र में गठबंधन करके सरकार बना ली हो लेकिन अपने हिंदुत्व के एजेंडे पर वह आज भी भाजपा को ललकारती है‘.
भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे सरकार पर मंदिर न खोले जाने पर सवाल खड़े किए–
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा को लेकर घेरा. ‘राज्यपाल ने उद्धव को महाराष्ट्र में अभी तक मंदिरों को न खोले जाने पर सवाल खड़े किए. सही मायने में संवैधानिक पद पर बैठकर भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा की भाषा बोलते हुए महाराष्ट्र सरकार को हिंदुत्व के मामले में कटघरे में खड़ा कर दिया‘. मामला इस प्रकार है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी में कहा कि आपने एक जून को ‘मिशन बिगेन अगेन’ की शुरुआत की थी. लेकिन अब उसे चार महीने हो गए हैं और अभी तक धार्मिक स्थल नहीं खुले हैं. राज्यपाल ने कहा कि दिल्ली में भी धार्मिक स्थल खुले हैं, जबकि वहां पर कोरोना के मामले अभी भी बढ़ रहे हैं.
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क्या आप अचानक से खुद भी ‘सेक्युलर’ हो गए हैं?- कोश्यारी
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने चिट्ठी में लिखा कि, ‘यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन दूसरी तरफ, देवी-देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है. पिछले तीन महीनों में मुझसे कई प्रतिनिधिमंडल मिले, जिन्होंने धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग की है. इनमें धार्मिक नेता, दूसरे लोग और राजनीतिक नेता और एनजीओ शामिल हैं.’ आगे कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए लिखा कि आप हमेशा ही हिंदुत्व की आवाज़ रहे हैं. आपने मुख्यमंत्री बनने के बाद अयोध्या में राम मंदिर जाकर अपनी श्रद्धा का परिचय दिया था. मैं सोच रहा हूं कि क्या आपको दिव्य ज्ञान मिला है जिस कारण से आप धार्मिक स्थलों को खोलने की सीमा बढ़ाते जा रहे हैं, और क्या आप अचानक से खुद भी ‘सेक्युलर’ हो गए है, वो एक शब्द जिससे आप नफ़रत करते थे.’
मेरे हिंदुत्व को आपके प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है – उद्धव ठाकरे
इसके जवाब में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उसी अंदाज में राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘हमें आप और भाजपा से हिंदुत्व विचारधारा का सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है‘ उद्धव ने कहा कि भाजपा के लोग महाराष्ट्र की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर से करते हैं तब उनकी हिंदू विचारधारा कहां चली जाती है. ठाकरे ने कहा कि मंदिर खुलने से ही क्या हिंदुत्व साबित होता है’. उद्धव ने लिखा कि, ‘मेरे हिंदुत्व को आपके प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है… क्या आप अचानक से खुद भी ‘सेक्युलर’ हो गए हैं, ऐसा सवाल आपको क्यों पूछना है? क्या यह आपको स्वीकार्य नहीं है? यही नहीं, मुझे इस संकट से लड़ते समय कुछ दिव्य ज्ञान ज़रूर मिला है…देश की परिस्थिति को देखते हुए, मैं महाराष्ट्र में हर संभव कोशिश कर रहा हूं’
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राज्य में मंदिर न खोले जाने पर भाजपाइयों ने गरमा दी राजनीति-
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उद्धव ठाकरे पर निशाना साधने के बाद भाजपा कार्यकर्ता महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए. मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर के बाहर भाजपाइयों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मुंबई में प्रदर्शन के अलावा भाजपा कार्यकर्ताओं ने शिरडी में भी राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इसके अलावा पुणे में भी सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ मंदिर न खोले जाने पर सड़क पर आकर नारेबाजी की. बीजेपी नेताओं का कहना है कि राज्य में शराब की दुकानें खुल गई हैं, लेकिन मंदिर सात महीने से बंद है, ऐसे में सभी संतों की मांग है कि उद्धव सरकार राज्य में मंदिर खोले.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र देश का वो राज्य है, जो कोरोना संकट के कारण सबसे अधिक प्रभावित है. राज्य में अभी लॉकडाउन के तहत कुछ ही क्षेत्रों में छूट दी गई है. हालांकि अभी किसी बड़े कार्यक्रम की इजाजत नहीं है और धार्मिक स्थलों को नहीं खोला गया है. महाराष्ट्र में मंदिर खोले जाने को लेकर उद्धव सरकार और भाजपा नेताओं के बीच तनातनी के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी कूद पड़े. मामले में शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बचाव करतेे हुए राज्यपाल पर निशाना साधा. ‘शरद पवार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उद्धव ठाकरे के हिंदुत्व भाषा पर आश्चर्य जताया‘ पवार ने कहा कि कोरोना संकट को देखते हुए अभी महाराष्ट्र में बड़े मंदिरों को खोले जाने के हालात नहीं है. वहीं शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने राज्यपाल पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि शिवसेना न हिंदुत्व भूली है और न ही भूलेगी, राउत ने कहा कि हिंदुत्व शिवसेना की आत्मा है.