Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान की गहलोत सरकार कोरोनाकाल में अब शहरी क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य मित्रों की सौगात देने जा रही है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि गांवों के बाद अब शहरी क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य मित्रों के चयन का काम शुरू किया जाएगा. डॉ शर्मा ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य मित्र चयन का काम वैश्विक महामारी कोरोना के चलते नहीं हो पाया था लेकिन अब इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा, ताकि कोरोना काल में स्वास्थ्य मित्रों की सेवाएं ली जा सके.
बता दें, प्रदेश में कोरोना का बढ़ता संक्रमण बेकाबू हो गया है. प्रदेश में अब लगातार प्रतिदिन 1200 से ज्यादा नये केसेज सामने आने लगे हैं. बीते दिन मंगलवार को को प्रदेश में एक ही दिन में सबसे ज्यादा संक्रमित सामने का रिकॉर्ड कायम हो गया है. सोमवार को यहां रिकॉर्ड 1347 नये पॉजिटिव पाये गये हैं. प्रदेश में अब तक पाये गये कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 64 हजार के पास यानि 63977 हो गया है. वहीं मरने वालों का आंकड़ा 900 के पास यानि 898 लोग अब तक कोरोना के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. अच्छी बात यह है की प्रदेश में करीब 48 हजार कोरोना मरीज अभी तक नेगेटिव हो चुके हैं जिनमें से 47500 के करीब लोगों को डिस्चार्ज भी किया जा चुका है.
मंगलवार को मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने व चिकित्सकीय मदद के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के 80 हजार से ज्यादा स्वास्थ्य मित्रों का चयन कर लिया गया है. दूसरे चरण में शहरी क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य मित्रों के चयन का काम प्रारंभ किया जाना था लेकिन कोविड के चलते नहीं कर पाए थे. अब जल्द ही वार्डवाइज संपूर्ण राज्य के शहरी क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य मित्रों के चयन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. मंत्री शर्मा ने आगे बताया कि प्रदेश में कहीं-कहीं सुपर स्प्रेडर्स के चलते राज्य में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे मामलों पर नियंत्रण के लिए सुपर स्प्रेडर्स की जांच पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. शर्मा ने बताया कि दूध बेचने वाले, सब्जी बेचने, किराना वाले, व्यापारी, डेयरी वाले या जो कोई भी इस श्रेणी में आते हैं, उनकी प्रभावी तरीके से जांच की जाएगी, ताकि संक्रमण का प्रसार रोका जा सके.
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स्वास्थ्य मंत्री डॉ शर्मा ने बताया कि प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में जल्द ही आक्सीजनयुक्त शैय्याओं (वेंटीलेटर्स) में बढोतरी की जाएगी. डॉ शर्मा ने कहा कि सरकार का पूरा जोर कोरोना से होने वाली मृत्युदर को कम करने पर है. सभी अस्पतालों में प्रशिक्षित नर्सिंगकर्मी और स्टाफ लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि रात में ड्यूटी देने वाले नर्सिंगकर्मियों को प्रोत्साहित करने पर भी विचार किया जा रहा है.
मंत्री रघु शर्मा के मुताबिक गहलोत सरकार की कोशिश है कि कोरोनाकाल एवं सामान्य दिनों में चिकित्सकों की कोई कमी नहीं रहे. इसके लिए दो हजार डॉक्टर्स की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इसमें आने वाली सभी परेशानियों को दूर कर लिया गया है. इन चिकित्सकों की जल्द ही नियुक्ति देने के भी निर्देश दिए जा चुके हैं. इसी तरह 12.5 हजार एएनएम, जीएनएम की भर्ती में करीब नौ हजार को नियुक्ति दी जा चुकी है. शेष मामलों में से करीब 2.5 हजार ऐसे अभ्यर्थियों को चयनित कर उन्हें भी नियुक्ति देने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जो किसी भी तरह से न्यायिक प्रक्रिया से संबद्ध नहीं है.
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स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने आगे बताया कि प्रदेश में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की दर भी देश के दस बड़े राज्यों में बेहतरीन है. वर्तमान में प्रदेश में 1.4 प्रतिशत मृत्युदर है. उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा दिया जा रहा है. चालीस हजार की कीमत के जीवनरक्षक इंजेक्शन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं जो नि:शुल्क लगाए जा रहे हैं. डॉ रघु शर्मा ने कहा सरकार की मंशा है कि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति कोरोना के चलते मौत का ग्रास ना बने और ज्यादा से ज्यादा कोरोना मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव होकर सामान्य जीवन जी सकें.