Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में संविदा पर कार्यरत करीब डेढ़ लाख कर्मियों को जल्द स्थायी नियुक्ति के रूप में दीवाली का तोहफा देने की तैयारी में जुटी है प्रदेश की संवेदनशील गहलोत सरकार. विभिन्न विभागों में कार्यरत इन सभी संविदा कर्मियों को स्थाई नियुक्ति देने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने जा रही है गहलोत सरकार. इसके लिए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में संविदा कर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी ने लगभग अपना कार्य पूरा कर लिया है.
बुधवार को ऊर्जा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने बताया कि उक्त कमेटी ने सचिवालय में अब तक 6 मैराथन बैठकें पूरी कर ली हैं. अब सिर्फ एक आखिरी बैठक करने के बाद यह कमेटी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी. उसके बाद इस रिपोर्ट को कैबिनेट में रखा जाएगा और उसी दिन संविदाकर्मियों के बारे में सुखद निर्णय हो जाएगा. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि दीवाली पर गहलोत सरकार इन डेढ़ लाख लोगों को स्थायी नियुक्ति देकर इनके परिवारों को दीवाली का तोहफा दे सकती है. बता दें, संविदाकर्मियों की समस्याओं को लेकर 16 सितंबर को सचिवालय में कमेटी की छठी बैठक हुई.
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बैठक में वेबीनार से जुड़े अफसरों से पूछा गया कि जो आंकड़े कमेटी को दिए गए हैं वे अंतिम है या इसमें भी संशोधन हो सकता है. साथ ही उनसे यह भी पूछा गया कि संविदाकर्मियों की भर्ती में आरक्षण के नियमों और अन्य मापदंडों का ध्यान रखा गया है या नहीं. अगली बैठक में संविदाकर्मियों से जुड़ी सारी जानकारी लेकर अब कमेटी संविदाकर्मियों के आंकड़े, उनकी स्थिति, उनके संभावित समाधान और सब कमेटी के निर्णय को तय कर लेगी.
गौरतलब है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान अपने चुनावी घोषणापत्र में प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत करीब डेढ़ लाख संविदा कर्मियों को स्थाई नियुक्ति देने का वादा किया था. जानकारी के अनुसार ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में 39 हजार 413, चिकित्सा एवं स्वस्थ्य विभाग में 11 हजार 930 चिकित्सा शिक्षा विभाग में 220, प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में 17 हजार 336 अल्पसंख्यक मामलात विभाग में 6088, पशुपालन विभाग में 152 , सूचना प्रौद्योगिकी विभाग 10 संविदा कर्मी कार्यरत हैं. इसके अलावा कुछ विभागों में सिंगल डिजिट में संविदा पर कमर्चारी लगे हुए है. संविदा कर्मियों की माने तो प्रदेश में डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी संविदा अलग-अलग विभागों में काम कर रहे हैं.
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