Ashok Gehlot Government’s Gifts अपने नवाचारों के लिए देशभर में सुर्खियां बटोर चुकी गहलोत सरकार ने अब एक बार फिर नवाचार करते हुए किसी बीमारी या दुर्घटना से अपनी आंखे खाने वाले लोगों को नया रोशन जीवन देने के उदेश्य से राजस्थान में अंधता नियंत्रण पॉलिसी लागू की है. इस तरह राइट टू साइट विजन के तहत इस पॉलिसी को लागू करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है. इस पॉलिसी के तहत लोगों को बेहतर नेत्र बीमारी संबंधि ट्रीटमेंट मिले और दृष्टिहीन (अंधे) लोगों को नई आंख मिल सके इस पर काम किया जाएगा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मकर संक्रांति पर प्रदेश के बेरोजगार अभ्यर्थियों को नई भर्तियों का तोहफा दिया है. सीएम गहलोत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में 32 हजार पदों की भर्तियों को मंजूरी दी है. इनमें 1765 चिकित्सक, 7860 नर्सिंग ऑफिसर के पद शामिल है.
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 2880 फार्मासिस्ट और 3739 महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, 1090 सहायक रेडियोग्राफर, 2,205 लेब टेक्नीशियन सहित कुल 19,539 नियमित पद और 12,288 पद संविदा पद शामिल हैं. सीएम अशोक गहलोत की इस मंजूरी से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा विभाग, राजमेस तथा झालावाड़ मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल में नियमित रिक्त पदों पर संबंधित सेवा नियमों के अनुसार भर्ती हो सकेगी. उक्त विभागों में रिक्त संविदा पदों पर राजस्थान काॅन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स-2022 के तहत भर्ती की जाएगी.
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यही नहीं इन विभागों में कोविड महामारी के दौरान मार्च, 2020 से मार्च, 2022 तक के संविदा, तदर्थ आवश्यक अस्थाई आधार पर कार्यरत रहे तथा वर्तमान में भी कार्यरत कार्मिकों को आने वाली भर्तियों में बोनस अंक भी दिए जाएंगे. संविदा/ आवश्यक अस्थाई आधार पर नियुक्त कार्मिकों को दो वर्ष से कम अवधि पर 15, दो से तीन वर्ष की कार्य अवधि पर 20, तथा तीन वर्ष या इससे अधिक कार्य अवधि पर 30 बोनस अंक दिए जाएंगे.
वहीं दूसरी तरफ गहलोत सरकार ने राइट टू साइट विजन के तहत राज्य में तीन लाख से अधिक दृष्टिबाधिता से पीड़ित लोगों के जीवन में रोशनी लाने के उद्देश्य से नई पॉलिसी लागू की है. आपको बता दें कि देश में साल 2020 में अंधता प्रसार दर 1.1 प्रतिशत थी, जिसे राइट टू साइट विजन पॉलिसी के तहत 0.3 प्रतिशत तक लाने की दिशा में कार्य किया जाएगा. जिसके लिए गहलोत सरकार इस पॉलिसी के तहत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अनिवार्य रूप से केराटोप्लास्टी सेंटर और आई बैंक संचालित करेगी. इस पॉलिसी के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले निजी संगठनों और एनजीओ की ओर से एकत्रित कॉर्निया को प्राथमिकता से सरकारी संस्थानों को उपलब्ध कराया जाएगा.
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आई डोनेट के लिए चलाया जाएगा अभियान
इसके साथ ही इस पॉलिसी के लागू होने के बाद राज्य में लोगों को आई डोनेट के लिए जागरूक करने का काम किया जाएगा. इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए जिलों में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं, ट्रस्ट, हॉस्पिटलों और अन्य चैरिटेबल संस्थाओं के साथ मिलकर बड़े स्तर पर नेत्रदान के लिए मुहीम चलाई जाएगी.