PTI भर्ती में सीपीएड, डीपीएड और बीपीएड को शामिल करने सहित गहलोत कैबिनेट ने लिए अहम फैसले

एनालिस्ट-कम-प्रोग्रामर (Dy Director) के 80 प्रतिशत पदों को पदोन्नति से भरे जाने, एचसीएम रीपा में पदोन्नति के अवसर बढ़ाने, प्रदेश में नवीन न्यायालय और पदों की सूची को अद्यतन करने सहित कई अन्य महत्वपूर्ण फैसलों पर लगी गहलोत कैबिनेट की मुहर

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Politalks.News/Rajasthan/GehlotCabinet. बीते रोज बुधवार को सीएम आवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की अहम बैठक हुई. बैठक में शारीरिक शिक्षा अध्यापक (PTI) पद के लिए योग्यता निर्धारण में सर्टिफिकेट कोर्स इन फिजिकल एजुकेशन (C.P.ed) के साथ डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन (D.P.ed) एवं बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (B.P.ed) को रखे जाने, एनालिस्ट-कम-प्रोग्रामर (Dy Director) के 80 प्रतिशत पदों को पदोन्नति से भरे जाने, एचसीएम रीपा में पदोन्नति के अवसर बढ़ाने, प्रदेश में नवीन न्यायालय और पदों की सूची को अद्यतन करने सहित कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं.

गहलोत कैबिनेट की बैठक में शारीरिक शिक्षा अध्यापक (PTI) भर्ती में सर्टिफिकेट कोर्स इन फिजिकल एजुकेशन, डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन और बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन तीनों तरह की योग्यता रखने वाले कैंडिडेट्स को शामिल करने का फैसला किया है. इसके लिए कैबिनेट ने राजस्थान एजुकेशनल सर्विस रूल्स-2021 में संशोधन की मंजूरी दे दी है. आपको बता दें, प्रदेश में फिलहाल सीपीएड को इस भर्ती में शामिल नहीं किया जाता है. सीपीएड की जगह पर 12वीं क्लास के बाद डीपीएड कोर्स चलाया जाता है. पीटीआई की पोस्ट पे-मैट्रिक्स लेवल 10 की है. यह 100 फीसदी सीधी भर्ती से ही भरी जाएगी.

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इसके साथ ही गहलोत कैबिनेट ने एनालिस्ट-कम-प्रोग्रामर की 80 फीसदी पोस्ट प्रमोशन से भरने का फैसला लिया है. अभी 50 फीसदी सीधी भर्ती और 50 फीसदी पद प्रमोशन से भरे जाते हैं, जबकि सूचना सहायक, सहायक प्रोग्रामर को प्रमोशन देने का निर्णय लिया है. इसके लिए गहलोत सरकार ने राजस्थान कम्प्यूटर राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम 1992 के सर्विस रूल्स में संशोधन को मंजूरी दी है.

गहलोत कैबिनेट की बैठक में हरिशचंद्र माथुर राजस्थान लोक प्रशासन संस्थान में 02 सीनियर प्रोफेसर के पद सृजित करने का निर्णय लिया गया है. इससे संस्थान में पदोन्नति के अवसर उपलब्ध होंगे. संस्थान का प्रशिक्षण कार्य सुचारू रूप एवं तत्परता से संपादित हो सकेगा. इसके लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग (कृत्यों का परिसीमन) विनियम, 1951 के विनियम 6 के खंड (पी) में सीनियर प्रोफेसर के पद को शामिल किया जा रहा है. जिसके क्रम में उक्त विनियम, 1951 में संशोधन किया है. बता दें कि एचसीएम रीपा में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों की सीधी भर्ती आरपीएससी की ओर से की जाती है और पदोन्नति के लिए विनियम में कोई प्रावधान नहीं है.

इसके साथ ही राज्य मंत्रिमंडल बैठक में राजकीय आयुर्वेद ‘अ’ श्रेणी चिकित्सालय पूंजला एवं आयुर्वेद नर्स-कंपाउंडर प्रशिक्षण केंद्र पूंजला जोधपुर को लेकर भी अहम निर्णय हुआ है. इसे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर से पुनः राज्य सरकार (आयुर्वेद विभाग) के अधीन हस्तांतरित करने का निर्णय लिया गया. दोनों संस्थाओं का राज्य सरकार को हस्तांतरण होने से प्रबंधन एवं संचालन प्रभावी रूप से हो सकेगा. इनमें विभागीय योजनाओं का संचालन भी सुचारू रूप से किया जा सकेगा. इससे आमजन को आयुर्वेद चिकित्सा का समुचित लाभ प्राप्त हो सकेगा.

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वहीं राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में जिला कलेक्टर को चारा-पानी के बंदोबस्त के निर्देश देने का फैसला लिया गया है कि जो जिले अकाल प्रभावित नहीं हैं, लेकिन जहां चारे के भाव बढ़ गए हैं, वहां चारा डिपो खोलने के लिए कलेक्टर ऑथोराइज्ड होंगे. साथ ही पीने के पानी की कमी वाले जिलों के लिए टैंकर से पानी की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टर को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही मंत्रिपरिषद में बिजली की उपलब्धता में कमी और देश में कोयला संकट के बावजूद केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को इम्पोर्टेड कोयला की मात्रा 10 फीसदी तक बढ़ाकर खऱीदने की अनिवार्यता से प्रदेश पर पड़ने वाले वित्तीय भार पर चर्चा की गई.

वहीं कैबिनेट ने कोयले की सप्लाई सुनिश्चित करने और ऐक्सट्रा स्टॉक रखने के लिए भी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. मनरेगा में हर गांव में काम के लिए ग्रामीण विकास विभाग को रेग्युलर मॉनिटरिंग करने को कहा गया है. साथ ही शहरी क्षेत्रों में आवारा पशुओं की समस्याओं को रोकने के लिए कैबिनेट सब कमेटी बनाने का फैसला लिया गया है. राज्य की गौशालाओं और नंदी शालाओं को चलाने और उनके लिए चारागाह जमीन आवंटित कराने के भी निर्देश दिए गए. इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में आवारा पशुओं और गौवंश के रख-रखाव संबंधी कामों को शामिल करने का भी निर्णय लिया गया.

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