कांग्रेस के नए अध्यक्ष चुनाव से गांधी परिवार की नहीं हो जाएगी आवाज कम- चिदंबरम का बड़ा बयान

नए अध्यक्ष को कांग्रेस कार्य समिति यानी सीडब्ल्यूसी, संसदीय बोर्ड और पार्टी फोरम पर उनके विचारों को सुनना चाहिए, कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे पर गांधी परिवार के रिमोट कंट्रोल का आरोप है बस एक धारणा- पी चिदंबरम

पी चिदंबरम का बड़ा बयान
पी चिदंबरम का बड़ा बयान

Politalks.News/Delhi. बुधवार को मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं. 17 अक्टूबर को हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 9,800 से ज्यादा कांग्रेस नेताओं ने वोट दिया था जिसका परिणाम 19 अक्टूबर बुधवार को घोषित किया गया. कांग्रेस अध्यक्ष के इस चुनाव में वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे एवं शशि थरूर चुनावी मैदान में थे. खड़गे के समर्थन में जहां 7,897 वोट पड़े तो वहीं, शशि थरूर को 1072 वोटों से ही संतोष करना पड़ा. 416 वोट खारिज कर दिए गए. लेकिन अब मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष चुने जाने पर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. इसी क्रम में कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव से गांधी परिवार की आवाज कम नहीं हो जाएगी.’ वहीं चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए एक पत्रकार द्वारा सोनिया गांधी पर लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया.

बुधवार को मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के बाद से सियासी बयानबाजी दौर जारी है. इसी बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि, ‘मल्लिकार्जुन खड़गे सभी से परामर्श करेंगे. वह युवा, वरिष्ठ नेताओं से परामर्श करेंगे. इसके लिए उनके पास एक परामर्श प्रणाली होगी. वह चुने गए बॉस हैं और बॉस होंगे.’ हालांकि चिदंबरम ने यह भी स्पष्ट किया कि आगामी दिनों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा लिए जाने वाले फैसलों में गांधी परिवार की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. उन्होंने कहा, ‘गांधियों का पार्टी पर काफी प्रभाव है. उनका कभी भी बंद दरवाजे वाला रुख नहीं रहा.’

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पी चिदंबरम ने आगे कहा कि, ‘ये कोई नहीं कह रहा है कि गांधी परिवार की आवाज कम हो जाएगी. नए अध्यक्ष को कांग्रेस कार्य समिति यानी सीडब्ल्यूसी, संसदीय बोर्ड और पार्टी फोरम पर उनके विचारों को सुनना चाहिए. गांधी परिवार के रिमोट कंट्रोल का आरोप बस एक धारणा है. क्या आपको लगता है कि चुनाव के माध्यम से जिला स्तर पर नेताओं के चुने जाने के बाद गांधी परिवार हुक्म चलाने में सक्षम रह जाएगा?’ वहीं पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए एक पत्रकार के बयान पर भी पलटवार किया. दरअसल बीजेपी मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष चुने जाने पर उनकी तुलना पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कर रही है जिनके बारे में भाजपा अक्सर कहा करती थी कि वह एक रबर स्टांप पीएम हैं. बुधवार को एक अंग्रेजी न्यूज चैनल पर डिबेट के दौरान एक पत्रकार ने यह तुलना की, जिसको लेकर पी चिदंबरम भड़क गए.

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पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘कल इंडिया टुडे के एक टीवी शो में एक वरिष्ठ पत्रकार ने डॉ. मनमोहन सिंह के खिलाफ बेहूदा और अपमानजनक आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन कर पीएमओ की गुप्त फाइलें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास ले जाया गया. शो देखकर मैंने तुरंत इसका विरोध किया. पैनल में शामिल प्रवीण चक्रवर्ती ने उन्हें सबूत पेश करने की चुनौती दी है.’ अपने अगले ट्वीट में पी चिदंबरम ने लिखा कि, ‘कुछ रक्षात्मक जवाबों के बाद वह सबूत पेश करने के लिए तैयार हो गईं. हम उन्हें याद दिलाना चाहते हैं कि सबूत पेश करने का उनका समय शुरू हो चुका है. हम उन्हें चुनौती देते हैं कि वह पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ अपने बेतुके और गैर-जिम्मेदाराना आरोप को साबित करें.’

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