Politalks.News/Rajasthan/PhoneTapping. दो साल पहले 2020 में गहलोत सरकार पर आया सियासी संकट भी खत्म हो गया और उस दौरान चली दिग्गज कांग्रेसियों के बीच की खींचतान भी अब खत्म सी हो गई है, लेकिन अगर कुछ जारी है तो वह है उस दौरान सामने आया विधायक, मंत्री और बीजेपी नेता में बीच उठा फ़ोन टैपिंग का मुद्दा. हाल ही में भरतपुर में मीडिया से बातचीत में गहलोत सरकार में पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, जिनका खुद का नाम इस फ़ोन टैपिंग में सामने आया था, ने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के वॉयस सैंपल को लेकर आरोप लगाते हुए बड़ा बयान दिया था. वहीं अब हर घर तिरंगा अभियान के तहत एक कार्यक्रम में शिरकत करने उदयपुर पहुंचे केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने न सिर्फ विश्वेन्द्र सिंह सहित कांग्रेस सरकार पर पलटवार किया बल्कि इस बार गज्जू बना ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने की बात भी कह दी. गहलोत के मंत्री विश्वेंद्र सिंह द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि विश्वेंद्र सिंह को न तो देश के कानून की जानकारी है और न ही इस पूरे विषय की.
आपको बता दें कि आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत आयोजित हर घर तिरंगा अभियान के तहत उदयपुर नगर निगम के दीनदयाल उपाध्याय सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पत्रकारों द्वारा विश्वेन्द्र सिंह के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस पार्टी के पीसीसी अध्यक्ष मुझे वॉयस सैंपल देने से कतराने की बात करते हैं. इन लोगों से मैं पूछना चाहूंगा कि विश्वेंद्र सिंह से वॉइस सैंपल क्यों नहीं मांगते? मंत्री शेखावत ने इससे आगे कहा कि जब से यह मामला सामने आया, तब से लेकर अब तक राजस्थान की पुलिस ने मुझे वॉइस सैंपल देने के लिए एक बार भी नोटिस नहीं दिया. ऐसे में जो लोग देश के कानून व्यवस्था को समझते हैं, वो जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के अनुरूप किसी भी व्यक्ति को अपने खिलाफ एविडेंस देने के लिए पुलिस सीधे तौर पर नोटिस नहीं कर सकती है, बल्कि उसे न्यायालय में जाकर आदेश लेना होता है.
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इसके साथ ही मोदी सरकार में जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आगे बताया कि 2021 में राजस्थान की एंटी करप्शन ब्यूरो जब न्यायालय में गया था, उस दौरान न्यायालय ने उनकी एप्लीकेशन को खारिज कर दिया था. वॉइस सैंपल को लेकर न्यायालय ने पुलिस को अनुमति नहीं दी. इतना ही नहीं पुलिस ने आज तक मुझे इस सम्बंध में कोई नोटिस तक नहीं दिया. ऐसे में वॉइस सैंपल किस तरह से दे सकता हूं. गज्जू बना ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पीसीसी अध्यक्ष के बाद मुख्यमंत्री बार-बार सवाल उठाते हैं, वहीं अब विश्वेंद्र सिंह भी इस पूरे मामले में सुर में सुर मिलाते हुए बोल रहे हैं. शेखावत ने कहा कि जो लोग सवाल उठा रहे हैं, वो मुझे मौका दे रहे हैं, अपने ऊपर मानहानि केस करने का.’
यहां आपको बता दें कि जुलाई 2020 में कांग्रेस के कुछ विधायकों का एक खेमा गहलोत सरकार से नाराज होकर सचिन पायलट के साथ मानेसर के एक होटल में रुका था. उस समय गहलोत सरकार को अस्थिर करने से सम्बंधित केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बीच आपसी बातचीत होने की चर्चा सामने आई थी. इस मामले को लेकर गहलोत सरकार ने कई बार गजेंद्र सिंह शेखावत के वॉयस सैंपल लेने की बात उठाई है. वहीं यह भी बता दें, इसी कांड से सम्बंधित फोन टेप वायरल करने पर सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा के खिलाफ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली क्राइम ब्रांच में एक एफआईआर दर्ज करवाई हुई है.