Politalks.News/Uttarakhand. देवभूमि उत्तराखंड इन दिनों महिला अपराध का गढ़ बनता जा रहा है. महिला अपराध के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच सबसे ज्यादा दुःख तब होता है जब आपकी सुरक्षा की गारंटी देने वाली सरकार के कुछ नेता ही इस तरह की गतिविधियों में शामिल हों. उत्तराखंड के ऋषिकेश जिले के वनन्तरा रिजॉर्ट से गायब हुई रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी हत्या मामले में खुलासे के बाद से प्रदेश एवं देश की सियासत गरमाई हुई है. इस मामले में भाजपा के पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य का नाम सामने आने के बाद धामी सरकार निशाने पर आ गई है. मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी नेता का बेटा अंकिता भंडारी को वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेलना चाहता था, लेकिन उसके मना करने पर पुलकित ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर शव को चीला शक्ति नहर में फेंक दिया. इस मामले के सामने आने के बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि, ‘इस हत्याकांड से बीजेपी की हकीकत सामने आ गई है.’
आपको बता दें कि देशभर में महिलाओं और खासकर बेटियों के साथ अन्याय और दर्दनाक घटनाओं की संख्या बढ़ोत्तरी जारी है. कभी उत्तर प्रदेश तो कभी झारखंड कभी मध्यप्रदेश तो कभी उत्तराखंड. बेटियों के साथ घटने वाली दर्दनाक घटनाओं की कहानी एक ही होती है बस राज्य बदल जाता है. अब उत्तराखंड यानि देवभूमि भी शर्मसार हो गई है. पांच दिन से लापता एक रिजार्ट में रिशेप्शन की जॉब करने वाली अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. शुक्रवार को लक्ष्मण झूला थाने में एडीशनल एसपी शेखर सुयाल ने बताया कि किस तरह वनन्तरा रिजॉर्ट मालिक एवं पूर्व राज्यमंत्री एवं भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित ने मिलकर अंकिता भंडारी की हत्या कर उसकी बॉडी को चीला शक्ति नहर में फेंक दिया. हालांकि पुलिस ने पुलकित आर्या समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने अपना जुर्म भी स्वीकार कर लिया है.
यह भी पढ़े: भागवत के मुस्लिम प्रेम पर दिग्गी राजा ने जताया आभार, इमाम से पुछा- किसके दबाव में कहा राष्ट्रपिता?
पुलिस ने बताया कि, ’20 तारीख को अंकिता की मिसिंग रिपोर्ट लिखाई गई थी. मामला संदिग्ध होने पर इसे उच्च अधिकारियों को ट्रांसफर कर दिया गया था. इसके बाद पुलिस ने रणनीति के तहत जहां से बच्ची की मिसिंग रिपोर्ट लिखाई गई वहां पुलिस गई लेकिन शिकायत पत्र में जो लिखा था घटना वैसी नहीं थी. पुलिस ने बताया कि मामला वहीं से संदिग्ध शुरू हुआ. होटलकर्मियों के बयान अलग थे. जिस कमरे से बच्ची की मिसिंग रिपोर्ट लिखाई गई उस कमरे में उस रात कोई रुका ही नहीं था. जबकि कर्मचारियों ने पूछताछ में बताया कि गायब होने की रात अंकिता संचालक और मैनेजरों के साथ बाहर गई थी पर वापस नहीं लौटी. इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल ट्रेसिंग के जरिये सबूत बटोरने शुरू किए. फुटेज में ये साफ़ हो गया कि, होटल से गये तो 4 लोग थे और लौटे सिर्फ तीन लोग ही.’
सबूत हाथ लगने के बाद जब पुलिस ने तीनों आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि, ’18 सितंबर की शाम पुलकित व अंकिता रिजार्ट में थे तब उनमें किसी बात को लेकर विवाद हुआ. पुलकित ने कहा कि अंकिता गुस्से में है, इसे लेकर ऋषिकेश चलते हैं. जिस पर वे तीनों अलग-अलग गाड़ियों से ऋषिकेश चले गए. वह तीनों अंकिता को लेकर बैराज तक लेकर आ गए थे.’ पुलिस ने बताया कि, ‘बैराज पर पहुंचकर उन्होंने फॉस्ट फूड खाया और शराब पी. इसके बाद अंकिता धमकी देने लगी कि वह सभी को यह बात बता देगी कि पुलकित आर्य उस पर ग्राहकों के साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाता है. इसी बीच अंकिता ने पुलकित का मोबाइल नहर में फेंक दिया. दोनों में हाथापाई शुरू हो गई और तीनों लोगों ने गुस्से में अंकिता को नहर में धक्का दे दिया.’
वहीं अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में हुए खुलासे के बाद से लोगों में आक्रोश है. आक्रोशित ग्रामीणों ने तथाकथित रिजॉर्ट में तोड़फोड़ करते हुए आग लगाने की भी कोशिश की. ऐसे में मौके पर मौजूद भारी पुलिस बल ने बमुश्किल ग्रामीणों को रोका है. यही नहीं ग्रामीणों ने पुलकित आर्य को कोर्ट ले जा रही पुलिस की गाड़ी को रोककर उसमें तोड़फोड़ भी की, इसके साथ ही आरोपियों की पिटाई भी की गई. वहीं इस मामले को लेकर सूबे की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि, ‘तीर्थ नगरी में हुई अंकिता की हत्या ने न केवल राज्य की कानून व्यवस्था बल्कि भाजपा सरकार के ‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’ नारे की हकीकत भी सामने ला दी है. भाजपा सरकार में शांत पहाड़ों में भी अब बेटियां सुरक्षित नहीं हैं और बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए भाजपा नेता और उनके करीबी लोग जिम्मेदार हैं.’