पहले कर्मचारियों की नाराजगी फिर मोदी लहर में गई थी सरकार- कांग्रेस के अधिवेशन बोले सीएम गहलोत

कांग्रेस अधिवेशन में हुई खुली चर्चा, सीएम सलाहकार राजकुमार शर्मा और मंत्री मेघवाल ने लूटी 'मौज', सीएम सलाहकार ने याद दिलाए सियासी संकट के दौरान मिले प्रलोभन, राजकुमार शर्मा बोले- 'हमारे विधायकों को जितने मिले प्रलोभन, उतने में तो पति-पत्नी एक दूसरे को छोड़ दें', ब्यूरोक्रेसी पर बरसे नेता, सभागार में चौथी बार गहलोत सरकार के भी लगे नारे

कांग्रेस के अधिवेशन में 'कुछ ज्यादा' हुई खुलकर चर्चा
कांग्रेस के अधिवेशन में 'कुछ ज्यादा' हुई खुलकर चर्चा

Politalks.News/Rajasthan. जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम (Birla Auditorium in Jaipur) में आयोजित हुए कांग्रेस के प्रांतीय अधिवेशन (Provincial session of Congress) के दौरान आज कांग्रेसजन एक जाजम पर बैठे. इस दौरान मंच से जो बातें कहीं गईं, वो दूर तक जाएंगी और जिनके कई मायने भी निकाले जाएंगे. पूरे दिन के सियासी जलसे की ‘मौज’ सीएम सलाहकार राजकुमार शर्मा (CM Advisor Rajkumar Sharma) और मंत्री गोविंद राम मेघवाल (Minister Govind Ram Meghwal) ने लूट ली. दशक बाद हुए कांग्रेस के खुले अधिवेशन में शनिवार को कांग्रेसी दिग्गजों के निशाने पर प्रदेश की नौकरशाही रही. मंत्री-विधायकों और सीएम के सलाहकारों ने अधिवेशन में खुलकर कमियां गिनाईं. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने मंच से फिर कहा कि, ‘आपके आशीर्वाद से मैं तीसरी बार मुख्यमंत्री बना हूं‘. इस पर सभागार में नारे लगने लगे की ‘चौथी बार गहलोत सरकार‘. लगे हाथ सीएम गहलोत ने अपनी पिछली दो सरकारें जाने के कारण भी गिना दिए. वहीं अधिवेशन की सूचना नहीं दिए जाने को लेकर कई नेताओं ने नाराजगी भी जताई है.

पहले कर्मचारियों की नाराजगी फिर मोदी लहर में गई सरकार- गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि, ‘पहली बार कर्मचारियों की नाराजगी के कारण हम हार गए थे और दूसरी बार मोदी लहर में सरकार चली गई थी. इस बार हम ऐसी योजनाएं लाए हैं जिससे जनता को सीधा फायदा मिल रहा है, आज राजस्थान पूरी तरह से बदल गया, सब सुविधाओं का विस्तार हो गया, आज के अधिवेशन में सबने अपने विचार रखे हैं. कांग्रेस की परिपाटी ही अलग है. गांधी परिवार का राजस्थान से अलग ही नाता था. इंदिरा और राजीव गांधी पीएम बनने के बाद राजस्थान आए थे’ सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘3 साल अच्छा काम किया है, 23 फरवरी को हम शानदार बजट पेश करेंगे. संगठन सरकार को प्रस्ताव देकर काम बताए. कार्यकर्ताओं को लगेगा कि हमारी सरकार ने मांगें मानी हैं.

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राजकुमार का दर्द आया जुबां पर- नहीं सुनती नौकरशाही, मंत्री कहते हैं आप खुद सीएम के सलाहकार हो

सीएम सलाहकार राजकुमार शर्मा और दूसरे नेताओं ने कहा कि, ‘नौकरशाह हावी है. कार्यकर्ता की सुनवाई नहीं हो रही है’. शर्मा ने पुराने वाक्ये का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘मैंने जिला अध्यक्ष को कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्टर के पास भेजा. कलेक्टर ने कहा अध्यक्षजी आप अपना काम करा लो. मैं मंत्रियों के पास जाता हूं तो मंत्री कहते हैं आप खुद सीएम के सलाहकार हो, यह हालत है’.

‘कार्यकर्ताओं को शक की निगाह से देखना करें बंद’

वहीं सीएम के सलाहकार और नवलगढ़ से कांग्रेस विधायक राजकुमार शर्मा ने कहा कि, ‘हमारे मंत्री और अफसर कार्यकर्ता को शक की निगाह से देखते हैं. ब्लॉक से राजधानी तक कार्यकर्ता के काम होने चाहिए. हम रैली करते हैं या कोई कार्यकम करते हैं तो यही कार्यकर्ता काम करता है, उसे भी नीचे किसी को ऑब्लाइज करना होता है. हम कार्यकर्ता के काम करेंगे तभी तो फील्ड में उसके साथ लोग खड़े होंगे, आर्थिक युग है. कार्यकर्ता को शक की निगाह से देखना बंद कीजिए’.

‘…प्रलोभन ऐसे मिले थे कि पति पत्नि और पत्नि पति को छोड़ दे’

सीएम सलाहकार राजकुमार शर्मा ने सियासी संकट का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘आपके पास तो उदाहरण है, कितने कितने प्रलोभन थे हमारे विधायकों के पास, लेकिन आपको और कांग्रेस पार्टी को छोड़कर नहीं गए. इतने प्रलोभन किसी को मिल जाए तो पत्नी पति को और पति पत्नी को छोड़ दे. हमें यह अधिवेशन दो दिन का रखना चाहिए था. अब विधायकों के साथ खूब सम्मेलन कर लिए अब कार्यकर्ताओं के सम्मेलन करने चाहिए’.

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नौकरशाहों की ना हो राजनीतिक नियुक्ति- मेघवाल

सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने नौकरशाह को राजनीतिक नियुक्तियां दिए जाने को लेकर कहा कि, ‘अफसरों को चुनाव के वक्त टिकट नहीं देनी चाहिए. ये लोग जिंदगीभर नौकरी करते हैं और फिर टिकट ले लेते हैं, जबकि पार्टी के लिए काम कार्यकर्ता करता है. मेहनत कार्यकर्ता करें और टिकट अफसरों को मिले तो ग्रासरूट पर वर्कर हताश होता है’. प्रदेश में हाल फिलहाल में पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य और IPS संजय क्षोत्रिय को नियुक्ति दी गई है.

कुछ AICC सदस्यों को नहीं मिली सूचना

वहीं दशकों बाद हुए इस अधिवेशन को लेकर दिल्ली और जयपुर के सियासी गलियारों में एक चर्चा और है कि, ‘राजस्थान जयपुर में आज AICC व PCC सदस्यों का अधिवेशन आयोजित हुआ लेकिन कुछ AICC सदस्यों को सूचना तक नहीं दी गई. वे फोन/मैसेज का इंतजार करते रह गए लेकिन न घन्टी बजी न सन्देशा आया’.

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