Politalks.News/The Kashmir Files. फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (‘The Kashmir Files’) को लेकर भारी राजनीति जारी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) खुद इस फिल्म की तारीफ कर चुके हैं. भाजपा इस फिल्म को लेकर काफी एक्टिव है. दूसरी तरफ अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि, ‘इस फिल्म का इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी को दोष देने के लिए किया जा रहा है और यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा है कि उस समय जो कुछ भी हुआ था, तब कांग्रेस देश पर शासन कर रही थी’. पवार ने यह भी कहा कि, ‘अगर हम तब के इतिहास को देखें तो जब कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ तब केंद्र में विश्वनाथ प्रताप सिंह देश का नेतृत्व कर रहे थे. BJP के कुछ लोग जो अब इस मुद्दे पर शोर मचा रहे हैं उस समय वीपी सिंह के समर्थन में थे’.
फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ के रिलीज होने के बाद उस समय की सरकारों पर अंगुली उठ रही हैं. भाजपा के दिग्गज कांग्रेस पर हमलावर हैं. दूसरी तरफ कई लोग कह रहे हैं कि उस समय तो केंद्र में कांग्रेस (Congress) सत्ता में थी ही नहीं. फिर उस पर सवाल क्यों? राज्य में बतौर सीएम फारूक अब्दुल्ला भी इस्तीफा दे चुके थे तो कसूर उनका कैसे? तमाम लोग इस क्यों और कैसे का जवाब जानना चाहते हैं? वे कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार से सहमत हैं, लेकिन ये सवाल उनके मन में कौंध रहे हैं, क्या ये बातें सही हैं? अगर हां, तो इस पूरे मामले में कांग्रेस बैकफुट पर क्यों है? पवार के बयान के बाद कांग्रेस ने कुछ राहत की सांस ली होगी.
यह भी पढ़ें- क्या धामी को मिलेगा दोबारा मौका? विधायकों की बैठक में सांसदों को बुलाकर भाजपा ने बढ़ाया सस्पेंस
वी.पी. सिंह की सरकार को था बीजेपी का समर्थन- पवार
11 मार्च को रिलीज हुई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ सफलता का नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. इसी मसले पर पूछे गए सवाल के जवाब में NCP चीफ शरद पवार ने पुणे के बारामती में दावा किया कि, ‘वी.पी. सिंह की सरकार को बीजेपी के कुछ सदस्यों का समर्थन हासिल था. बीजेपी की ही मदद से मुफ्ती मोहम्मद सईद केंद्रीय गृह मंत्री बने थे’. पवार ने कहा कि, ‘जम्मू-कश्मीर के तात्कालीन राज्यपाल जगमोहन का कांग्रेस से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था. इस फिल्म का इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी को दोष देने के लिए किया जा रहा है और यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा है कि उस समय जो कुछ भी हुआ था, तब कांग्रेस देश पर शासन कर रही थी’.
‘समाज को बांटने वाले लेखन या फिल्म से बचना चाहिए’
विवेक अग्निहोत्री द्वारा लिखित और निर्देशित ‘द कश्मीर फाइल्स’ में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा हिंदू समुदाय के लोगों की सुनियोजित हत्याओं के बाद जम्मू-कश्मीर से कश्मीरी हिंदुओं यानी पंडितों के पलायन को दिखाया गया है. इस पर NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा कि, ‘समाज को बांटने वाले लेखन या फिल्म से बचना चाहिए’.
यह भी पढ़ें- कांग्रेस बनाम बीजेपी और क्षत्रप बनाम भाजपा हो तो दिलचस्प हो सकता है आम चुनाव का मुकाबला!
AIMIM के प्रस्ताव को किया पवार ने खारिज
एआईएमआईएम (AIMIM) सांसद इम्तियाज जलील ने महाविकास अघाड़ी (MVA) को गठबंधन का प्रस्ताव दिया था. इस पवार ने कहा कि, ‘वे बता सकते हैं कि किस पार्टी के साथ जाना है. लेकिन जिस पार्टी में वे शामिल होना चाहते हैं, उसके लिए उन्हें हां कहनी होगी. यह एक राजनीतिक फैसला है. हालांकि, यह राजनीतिक निर्णय महाराष्ट्र के लिए प्रस्तावित किया गया है, लेकिन NCP के रूप में राज्य को ऐसा निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है’. पवार ने कहा कि, ‘राज्य इस संबंध में तब तक निर्णय नहीं ले पाएगा जब तक कि राष्ट्रीय समिति इस संबंध में निर्णय नहीं ले लेती. इसलिए हमारे नजरिये से यह मुद्दा खत्म हो गया है’.