EX-CM त्रिवेंद्र-तीरथ ने भ्रष्टाचार को लेकर खोली PM के दावों की पोल, किया बड़ा खुलासा, विपक्ष हमलावर

भ्रष्टाचार प्रदेश को अंदर से कर रहा है खोखला- त्रिवेंद्र सिंह रावत, जब यूपी में 20 प्रतिशत कमीशन चल रहा था तो जल निगम, जल संस्थान, सड़क और फलाना, फलाना.... में कमीशन घटकर होना चाहिए था जीरो, लेकिन यूपी के साथ हम भी 20 प्रतिशत से हुए शुरू- तीरथ सिंह रावत, भाजपा सरकार करती है दावा कि भ्रष्टाचार के प्रति है जीरो टॉलरेंस लेकिन हकीकत यह है कि भाजपा का टालरेंस ही हो चुका है जीरो- विपक्ष

'उत्तराखंड में है यूपी से ज्यादा कमीशनखोरी'
'उत्तराखंड में है यूपी से ज्यादा कमीशनखोरी'

Corruption In Uttarakhand. भारतीय जनता पार्टी भले ही कितने भी दम भरते हुए उत्तराखंड की सियासत में वापस आ गई हो. लेकिन चुनावी जीत के साल भर पुरे होने से पहले पार्टी में जारी आंतरिक घमासान एक बार फिर खुलकर सामने आ गया है. भाजपा के दिग्गज नेता एवं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही देश से भ्रष्टाचार के ख़त्म होने के दावे करते हुए आगे बढ़ रहे हों लेकिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अपनी ही सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर बयान दे रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद अब तीरथ सिंह रावत का भी बड़ा बयान सामने आया है. तीरथ सिंह रावत ने कहा कि, ‘आज बहुत जगह बताते हैं, कहीं भी हो कुछ भी बिना प्रतिशत के नहीं होता. मैं मुख्यमंत्री भी रहा आज भी अहम पद पर हूं. लेकिन मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है.’ वहीं खुद सूबे के पूर्व मुख्यमंत्रियों के ‘भ्रष्टाचार’ और ‘पर्सेंटेज’ वाले बयान पर विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है. विपक्ष का कहना है कि, ‘भाजपा का टालरेंस ही जीरो हो चुका है.’

आपको याद दिला दें कि हाल ही में 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा बयान दिया था. पीएम मोदी ने कहा था कि, ‘देश में भ्रष्टाचारी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के कारण राष्ट्रीय राजनीति में नया ध्रुवीकरण हुआ है. भ्रष्टाचार विकास और युवाओं के हितों में सबसे बड़ा बाधक है. ऐसे में हमारी केंद्र एवं राज्य सरकारें जीरो भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस के साथ काम कर रही है.’ भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से भ्रष्टाचार को लेकर पार्टी और सरकार की नीति को लेकर बड़े बड़े बयान दे रहे हो लेकिन हकीकत पर कुछ और ही नजर आ रहा है. उत्तराखंड के दो पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत प्रदेश में फैले भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं. यही नहीं दोनों नेता इसे लेकर खुलकर बयानबाजी भी कर रहे हैं. वहीं दोनों नेताओं के बयान सामने आने के बाद से सियासी गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के कारण उनका दर्द निकल कर सामने आ रहा है.

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सबसे पहले सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि, ‘भ्रष्टाचार प्रदेश को अंदर से खोखला कर रहा है. भ्रष्टाचार दोनों ही हाथों से होता है. ऐसे में इस पर प्रभावी नियंत्रण की जरूरत है.’ वहीं पूर्व सीएम रावत ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप पर कहा था कि, ‘आरोप लगाने वाले ब्लैकमेलर और भेड़िये हैं, जो राज्य सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं. मनी लॉन्ड्रिंग से उनका कोई संबंध नही है.’ वहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद मुख्यमंत्री बनाए गए तीरथ सिंह रावत ने परसेंटेज का जिक्र करते हुए सवाल उठाए. पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि, ‘आज भी बहुत जगह बताते हैं, कहीं भी हो कुछ भी बिना प्रतिशत के नहीं होता. मैं मुख्यमंत्री भी रहा आज भी अहम पद पर हूं लेकिन मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि जब हम उत्तर प्रदेश से अलग हुए तो कमीशनखोरी छोड़कर जीरो पर जाना चाहिए था.’

यही नहीं पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि, ‘दुर्भाग्य क्या हुआ कि जब यूपी में 20 प्रतिशत कमीशन चल रहा था तो जल निगम, जल संस्थान, सड़क और फलाना, फलाना…. में कमीशन दो प्रतिशत, पांच प्रतिशत, 20 प्रतिशत से घटकर जीरो होना चाहिए था. लेकिन हुआ यह कि यूपी में 20 प्रतिशत था तो हम 20 प्रतिशत से शुरू हुए. मैं बार- बार कहता हूं कि हममें से कोई एक व्यक्ति इसके लिए दोषी नहीं है. यह मानसिकता है और यह मेरा प्रदेश है. मेरा परिवार है. यह भाव जब तक नहीं आएगा तब तक ठीक नहीं हो सकता. भ्रष्टाचार के लिए अधिकारी और जनप्रतिनिधि दोनों ही दोषी हैं. ऐसे मामलों में अधिकारियों को तो दंडित किया जा रहा है, लेकिन इसके पीछे शामिल जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई नहीं होती.’ वहीं भाजपा नेताओं के इन बयानों के सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है.

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि, ‘भाजपा सरकार दावा करती है कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस है. हकीकत यह है कि भाजपा का टालरेंस ही जीरो हो चुका है. सोशल मीडिया पर पूर्व सीएम तीरथ रावत के वायरल वीडियो ने इसकी पुष्टि भी कर दी है. सरकार ने भ्रष्टाचार की इंतेहा कर दी है. पूर्व सीएम तीरथ का बयान आने के बाद इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नही रह गया है.’ वहीं कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने कहा कि, ‘आखिर पूर्व सीएम किस की ओर इशारा कर रहे हैं? पिछले 6 सालों से प्रदेश पर भाजपा की सरकार काबिज है.’

वहीं आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि, ‘भाजपा के सांसद और पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने भाजपा की यूपी और उत्तराखंड सरकार के भ्रष्टाचार पर मुहर लगा दी. उत्तराखंड में यूपी से ज्यादा कमीशनखोरी हो रही है.’ इसके साथ ही उत्तराखंड क्रांति दल-उक्रांद के केंद्रीय महामंत्री विजय बौड़ाई ने कहा कि, ‘पार्टी लगातार इस हकीकत को सभी के सामने लाने का प्रयास करती रही है. अब भाजपा के भीतर से ही असल हकीकत सामने आ गई. यहां की सरकारों ने उत्तर प्रदेश की भ्रष्ट संस्कृति को उत्तराखंड में भी ला दिया है. जिसको आज पूर्व मुख्यमंत्री ने सही मानते हुए हमारी बात पर मुहर लगा दी है.’

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