पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. तब्लीगी जमात से जुड़ी एक बड़ी जानकारी ईडी के हाथ लगी है. ईडी को एक ट्रस्ट का पता लगा है जिसके जरिए विदेशों में लाखों रुपये का लेनदेन किया गया है. इस ट्रस्ट का नाम ‘काशिफ उल उलूम’ है जिसके तार जमात से जुड़े बताए जा रहे हैं. एक शख्स को खोज निकाला गया है जो विदेशों में पैसे भेजता था. जानकारी के मुताबिक शख्स ने करीब 90 लाख रुपये विदेश भेजे हैं. इस ट्रस्ट का खाता दिल्ली की निजामुद्दीन कॉलोनी में ही है. ईडी खातों की जानकारी के लिए बैंक को नोटिस जारी करने की तैयारी में है.
देशभर में कोरोना फैलाने के आरोपों और मनी लॉन्ड्रिंग के संदेह के घेरे में घिरी तब्लीगी जमात और मरकज के प्रमुख मौलाना साद के संबंध में ईडी के हाथ ये बड़ी और अहम जानकारी लगी है. इसके पहले ईडी ने जमात से जुड़े ट्रस्ट के बारे में आयकर विभाग और अन्य सरकारी संस्थानों से जानकारी मांगी थी लेकिन कोई ट्रस्ट सामने नहीं आया था. लेकिन अब तब्लीगी जमात के कथित ट्रस्ट को ईडी ने खोज निकाला है. इस ट्रस्ट का नाम ‘काशिफ उल उलूम’ है. जमात के करीब निजामुद्दीन कॉलोनी में ही बैंक ऑफ इंडिया में इस ट्रस्ट का खाता है.
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अब ट्रस्ट का नाम सामने आने के बाद इसके तार जमात और मौलाना साद सहित उनके बेटों से जोड़े जा रहे हैं. ईडी अब इस ट्रस्ट को लेकर मौलाना साद और उनके बेटों से भी पूछताछ करेगी. साथ ही ईडी ने उस शख्स को भी खोज निकाला है जो विदेशों में पैसे भेजता था. अब तक लगभग नब्बे लाख रुपए विदेश भेजे बताए गए हैं. इससे पहले ईडी इस बात को लेकर परेशान थी कि आखिर तब्लीगी जमात में पैसा कैसे और कैसे जा रहा है. पैसा किसके पास आता है और किसके पास जाता है. लेकिन अब इन महत्वपूर्ण जानकारियों के सामने आने के बाद ईडी इन सवालों के जवाब जानने में जुट गई है. ईडी बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर ट्रस्ट के खातों के बारे में जानकारी मांगेगा.
ईडी यह भी जानना चाहती है कि इस ट्रस्ट का तब्लीगी जमात से क्या रिश्ता है? साथ ही मौलाना सहित उनके बेटों से इसका क्या लेना देना है? सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच के दौरान कई अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं जिनके तार ट्रस्ट और जमात से जुड़े हुए हैं. इनके जरिए लाखों रुपये का लेनदेन करने की भी आशंका जताई जा रही है. इनमें से कई कारोबारी और इंडस्ट्रलिस्ट हैं.
ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक इस मामले में अब तक जो पूछताछ हुई है, उससे अनेक अहम जानकारियां निकलकर सामने आएंगी. साथ ही दिल्ली पुलिस ने जो दस्तावेज भेजे हैं, उनका उर्दू से हिंदी में अनुवाद कराया जा रहा है जिसके बाद कई अन्य अहम तथ्य सामने आ सकते हैं.
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सूत्रों के मुताबिक, अब तक की जांच में मनी लॉन्ड्रिंग के सीधे तार मौलाना साद से नहीं जुड़े हैं लेकिन जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे मौलाना साद और उसके करीबियों पर शिकंजा कसता जा रहा है. इस मामले में अब होने वाली पूछताछ तथा बैंकों तथा अन्य जगहों से आने वाले दस्तावेज इस शिकंजे को कसने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
गौरतलब है कि तब्लीगी जमात और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की तरफ से विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया हुआ है जिसकी जांच अलग से चल रही है. दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच कर रहा है. इनके अतिरिक्त दिल्ली पुलिस की ओर से मौलाना साद सहित 17 से अधिक जमात से जुड़े लोगों पर धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला भी दर्ज किया गया है.
जमात में लॉकडाउन के दौरान ढाई हजार से अधिक लोगों को मरकज में छिपाया गया था. यहां तक की दिल्ली और यूपी के अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों में 64 फीसदी जमात से निकले लोग हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और दिल्ली सरकार भी कोरोना संक्रमण के बढ़ने का प्रमुख कारण जमातियों को बता चुके हैं.