आयोग ने वही किया जो मोदी सरकार चाहती थी- ‘शिवसेना’ मुद्दे पर खुलकर उद्धव के पक्ष में आए पवार

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने लगाई मोदी सरकार को फटकार, पीएम मोदी और बीजेपी को बताया देश में भाईचारे को खत्म करने और वाली पार्टी, चुनाव आयोग का दुरुपयोग करने का लगाया आरोप, शिंदे और उद्धव गुट में चल रही नाम और तमगे की लड़ाई

ncp cheif on shivsena and modi government
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Sharad Pawar in favor of Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार को अकसर नपी तुली और उपयोगी बातें करने के लिए जाना जाता है, लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय उद्धव ठाकरे के साथ जो हो रहा है, शरद पवार उससे पूरी तरह से नाखुश दिखाई दे रहे हैं. बता दें, महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने के बाद उद्धव ठाकरे को झटके पर झटके लग रहे हैं. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद उद्धव और उनके परिवार पर लगे कई आरोपों पर जांच शुरू हो गई है. तो वहीं हाल ही में चुनाव आयोग ने उद्धव से शिवसेना की मान्यता और चुनाव चिन्ह लेकर शिंदे गुट को दे दिया. वजह बताई गई कि शिवसेना में बनी कार्यकारिणी की जिम्मेदारियां चुनाव से नहीं, बल्कि बिना किसी चुनाव प्रक्रिया से हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग के फैसले को सही ठहरा दिया है. ऐसे बुरे समय मे खुलकर उद्धव ठाकरे के पक्ष में खड़े हुए शरद पवार ने चुनाव आयोग को गलत ठहराते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने वही किया, जो मोदी सरकार चाहती थी. उन्होंने आयोग का दुरुपयोग किया गया है.

एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार के कहने पर यह फैसला लिया है. हमने चुनाव आयोग का ऐसा फैसला कभी नहीं देखा. एनसीपी सुप्रीमो ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार देश की संस्था पर हमला कर रही है और राजनीतिक दल को काम नहीं करने दे रही है. पवार ने आगे कहा कि एक विचारधारा और पार्टी देश में भाईचारे को खत्म कर रही है. अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे, तब देश की किसी संस्था पर इस तरह का हमला नहीं हुआ था. शरद पवार ने उद्धव ठाकरे का पक्ष लेते हुए कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने अपने आखिरी दिनों में कहा था कि उनके बाद उद्धव ठाकरे को शिवसेना की जिम्मेदारी दी जाएगी. ऐसे में चुनाव आयोग का फैसला दवाब में लिया हुआ लगता है.

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वहीं दूसरी तरफ शिवसेना पर आए चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए बीजेपी नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. सत्यमेव जयते का सूत्र चरितार्थ हुआ है. जब कभी भी 2014 से 2022 के कालखंड का भारत की चुनी हुई सरकारों का इतिहास लिखा जाएगा तो स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा.

गृहमंत्री अमित शाह के इस बयान पर अब उद्धव ठाकरे ने नाराजगी जताते हुए उन्हें मोगैंबो कहकर संबोधित किया. उद्धव ठाकरे ने अमित शाह का नाम लिए बिना कहा ‘मोगैंबो खुश हुआ’. उद्धव ठाकरे ने कहा कि आपको मिस्टर इंडिया फिल्म याद है. मोगैंबो यही तो चाहता था. वो देश के लोगों को आपस में लड़ाकर राज करना चाहते हैं. यही आज के मोगैंबो हैं. वो आज बड़ा खुश हो रहा होगा. उद्धव ने अपने सर्मथकों से कहा कि गली-गली में जाकर लोगों को बताइए कि पार्टी का चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ चोरी हो गया है. वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा, ‘चोर को सबक सिखाने की जरूरत है. वह पकड़ा गया है. मैं चोर को तीर-कमान लेकर मैदान में आने की चुनौती देता हूं और हम एक जलती हुई मशाल से उसका मुकाबला करेंगे.’

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गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान का निशान इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है. आयोग ने पाया कि शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है. उद्धव गुट ने बिना चुनाव कराए अपनी मंडली के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से पदाधिकारी नियुक्त करने के लिए इसे बिगाड़ा. इसके बाद उद्धव ने सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख किया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले को बरकरार रखा और साथ ही 14 दिनों के भीतर दोनों पक्षों को दलील रखने को कहा है.

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