Ashok Gehlot Cabinet on OBC Reservation. गुजरात चुनाव और भारत भारत जोड़ो यात्रा जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के बीच समय निकालकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार यानी कल शाम 5 बजे कैबिनेट की अहम बैठक लेंगे. मुख्यमंत्री निवास पर होने वाली इस बैठक में वैसे तो करीब एक दर्जन विभागों के 15 प्रस्तावों का अनुमोदन होगा. लेकिन सूत्रों की मानें तो कैबिनेट में प्रदेश का बड़ा सियासी मुद्दा बन चुका ओबीसी आरक्षण में विसंगति को लेकर फैसला लिया जाना तय है. इसके अलावा बैठक में विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन पर मुहर लग सकती है. साथ ही मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगों पर विचार संभव है. एक जनवरी 2004 से 31 मार्च 2022 तक रिटायर राज्यकर्मियों को लेकर फैसला होगा. इन राज्यकर्मियों को OPS के दायरे में लाने के एजेंडे को लेकर संशोधन हो सकता. वहीं स्टेट हैंगर में फ्लाइंग क्लब खोलने से जुड़े संशोधन का अनुमोदन हो सकता है.
आपको बता दें हालांकि अभी मंत्रिमण्डल सचिवालय के आदेशों में बैठक के मिनिट्स जारी नहीं किए गए हैं, फिर भी यह तय माना जा रहा है कि राज्य मंत्रिमण्डल की इस बैठक में ओबीसी आरक्षण की विसंगति पर सरकार निर्णय कर सकती है. याद दिला दें, ओबीसी आरक्षण को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलन हो रहे हैं. पूर्व मंत्री और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी केबिनेट की पिछली बैठक में यह मसला डेफर होने के बाद से गहलोत सरकार से नाराज चल रहे हैं. चौधरी ने इसका हल निकालने के लिए फिर से केबिनेट की बैठक बुलाए जाने की मांग की थी. बता दें कि ओबीसी आरक्षण विसंगतियों का मामला लंबे समय से चल रहा है, ओबीसी वर्ग का आरोप है कि भूतपूर्व सैनिकों को ओबीसी वर्ग के कोटे में आरक्षण दिए जाने से उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसके साथ ही बैठक में ओबीसी आरक्षण विसंगतियों पर चर्चा के अलावा प्रदेश में बढ़ते अपराधों को लेकर भी बैठक में चर्चा हो सकती है. साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर भी कैबिनेट की बैठक में चर्चा होगी.
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पिछली बैठक में डेफर किया गया था ओबीसी आरक्षण का मामला
गौरतलब है कि इससे पहले हुई गहलोत कैबिनेट की बैठक में भी ओबीसी आरक्षण विसंगतियों का मामला एजेंडे में था लेकिन ऐन वक्त पर ओबीसी आरक्षण विसंगति मामले को डेफर कर दिया गया था, जिसके बाद कांग्रेस से जुड़े जनप्रतिनिधियों ने ही गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. अपने ही विधायकों और मंत्रियों के विरोध के चलते अब सीएम गहलोत को फिर से कैबिनेट की बैठक बुलाकर इस मामले पर फैसला लेने का दबाव बढ़ गया था. वहीं ओबीसी आरक्षण विसंगति को दूर करने की मांग को लेकर बायतु से विधायक हरीश चौधरी सहित सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के कई विधायकों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और ओबीसी आरक्षण विसंगतियां दूर नहीं करने पर आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया था.
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बता दें, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी ओबीसी आरक्षण विसंगतियों को जल्द से जल्द दूर करने की मांग कर डाली थी. कांग्रेस विधायकों के साथ-साथ सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक भी गहलोत सरकार के विरोध में उतर आए थे और अंजाम भुगतने की चेतावनी तक दे डाली थी, ऐसे में माना जा रहा है कि इस मामले का हल निकालने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई है. गौरतलब है कि ओबीसी आरक्षण विसंगतियों का मामला लंबे समय से चल रहा है, ओबीसी वर्ग का आरोप है कि भूतपूर्व सैनिकों को ओबीसी वर्ग के कोटे में आरक्षण दिए जाने से उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है.