पॉलिटॉक्स न्यूज. देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है. अभी तक देशभर में कोरोना के 233 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं जबकि चार की मौत हो चुकी है. इसी बीच महाराष्ट्र की उद्दव ठाकरे सरकार ने एक बड़ा आदेश जारी किया है जिसमें तहत अगर किसी को होम क्वारंटाइन किया गया है लेकिन इसके बावजूद कोई बाहर घूमते मिला तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. बता दें, 52 कोरोना संक्रमित के पॉजिटिव मामलों के साथ महाराष्ट्र देश का ऐसा राज्य बन गया है, जहां सबसे ज्यादा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज पाए गए हैं.
इस संबंध में राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि अब तक महाराष्ट्र में 958 लोगों की कोरोना जांच हुई है जिसमें से 913 लोग नेगेटिव पाए गए. जांच में संक्रमण नहीं आने के बावजूद सरकार ने इन सभी को 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन करने का आदेश दिया है. इसके बावजूद कई लोग बाहर घूम रहे हैं. ऐसे लोगों पर सख्ती बरतते हुए आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. जानकारी दे दें कि होम क्वारंटाइन का मतलब घर पर अपने आप को दूसरे लोगों से अलग कर लेना है. अगर आपको कोरोना वायरस से संक्रमित होने का संदेह है या फिर सर्दी-जुखाम लगा हुआ है तो आप एक कमरे में अपने आप को अलग कर लें.
देशमुख ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि सरकार ने कोविड-19 से संक्रमित मरीजों को तीन कैटेगरी में बांटा है. पहली कैटेगरी ‘ए’ में वे लोग हैं, जिनमें यह लक्षण पाया गया है और उन्हें एडमिट कराया गया. ‘बी’ कैटेगरी में वे लोग हैं, जिनमें इंफेक्शन के लक्षण हैं और साथ ही उच्च रक्तचाप की शिकायत पाई गई है. कैटेगरी ‘सी’ में वे लोग हैं जिनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखे और उन्हें घर भेज दिया गया है. इन सभी के हाथ पर 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन की मुहर लगाई गई है.
महाराष्ट्र सरकार ने आदेश जारी होने के तुरंत बाद सख्ती बरतना शुरु कर दिया है. होम क्वारंटाइन के आदेश के बावजूद सिंगापुर से लौटे 6 यात्रियों को बोरीवली स्टेशन पर एक एक्सप्रेस ट्रेन से उतारा गया. ये लोग ट्रेन से अपने घर जा रहे थे. इससे पहले मुंबई से सूरत जा रहे चार लोगों को गरीब रथ ट्रेन से उतारा गया.
22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ का आव्हान, पीएम मोदी ने किए जनता से 9 आग्रह
कोरोना वायरस को दुनियाभर में महामारी का दर्जा दिया जा चुका है. देश में भी ये बिमारी काफी तेजी से अपने पैर पसार रही है. देशभर के करीब करीब सभी सिनेमाघरों, बड़े धार्मिक स्थान और भीड़ भाड़ वाली जगहों को बंद कर दिया है. देशभर के सभी एयरपोर्ट पर वायरस स्केनिंग की जा रही है. स्कूल कॉलेजों की परीक्षाएं फिलहाल के लिए रद्द कर दी गई है. साथ ही बड़े इवेंट रद्द कर दिए गए हैं. अधिकतर सरकारी दफ्तरों में ‘वर्क एट होम’ की सुविधा दी गई है.
दिल्ली सरकार ने सभी मॉल, सैलून और पार्लर को 31 मार्च तक बंद करने का आदेश जारी किया है. साथ ही अगले तीन दिन तक बाजार बंद करने के निर्देश दिए. वहीं महाराष्ट्र सरकार ने चार शहरों को पूरी तरह बंद कर दिया है. जबकि हरियाणा सरकार ने प्रदेशभर में धारा 144 लागू कर दी है.
राजस्थान सरकार ने भी कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते 14 महत्वपूर्ण विभागों को छोड़कर बाकी सरकारी कार्यालयों में शट डाउन के निर्देश जारी किए हैं. प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने स्पष्ट किया कि शट डाउन का मतलब अवकाश नहीं है. कर्मचारियों को आवश्यकता होने पर कार्यालय में उपस्थित होना होगा. वहीं भीलवाड़ा, झुंझनूं जिले में कर्फ्यू लगाया गया है. रविवार को राजधानी में मेट्रो बंद कर दी गई है.
वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की जनता के नाम संदेश जारी करते हुए लोगों को यह भरोसा दिलाया कि राज्य में कोरोनावायरस से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. सरकार ने बचाव के लिए पूरे इंतजाम किए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में भी एक मरीज मिला है. उसके परिवार और संपर्क में आए अन्य लोगों की पहचान कर उन्हें आईसोलेशन में रखा गया है. सभी विदेश से आए लोगों की जांच कर आईसोलेशन में रखा जा रहा है. अगर आपकी जानकारी में भी कोई ऐसा व्यक्ति हो जो विदेश से आया हो मगर जांच न करवाई हो, उनके बारे में स्वास्थ विभाग को 104 नंबर पर फोनकर जानकारी दें.
सीएम बघेल ने कहा कि जानकारी छुपाने से नहीं बल्कि जानकारी देकर सही बचाव करने से ही हम कोरोना से बचाव कर सकते हैं. उन्होंने बच्चों और बजुर्गों को विशेष ध्यान देने की जरूरत बताई. साथ ही बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलने की सलाह दी. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को विशेष भत्ता दिए जाने की घोषणा भी प्रदेश के मुख्यमंत्री कर चुके हैं.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करते हुए कोरोना वारयस और इसके संक्रमण के बारे में जानकारी देते हुए इसकी भयानक स्थिति से देशवासियों को अवगत कराते हुए 22 मार्च (रविवार) को जनता कर्फ्यू लगाने को कहा. साथ ही नसीयत देते हुए कहा कि कुछ सप्ताह के लिए संयम बरतते हुए जब जरूरी हो तभी घर से बाहर निकले. पीएम मोदी ने कहा कि इस संक्रमण का कोई इलाज नहीं है और ये प्रथम और द्यितीय विश्वयुद्ध से भी भयानक हैं. ऐसे में बचाव ही उपाय बताया.