कर्नाटक में सावरकर के पोस्टर को लेकर दो समुदायों के बीच बढ़ा विवाद, शिवमोग्गा में लगा कर्फ्यू

आरएसएस प्रचारक डीडी सावरकर को सच्चा देशभक्त बताते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि सावरकर देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए हैं प्रेरणास्रोत, कर्नाटक सरकार के 'हर घर तिरंगा' अभियान के विज्ञापन में स्वतंत्रता सेनानियों की फ़ोटो में नहीं लगाई गई पंडित नेहरू की फ़ोटो

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Politalks.News/Karnataka. भाजपा शाषित कर्नाटक प्रदेश के शिवमोग्गा में आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अमीर अहमद सर्कल पर आरएसएस विचारक वीडी सावरकर की तस्वीर वाले बैनर लगाए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया. कुछ मुस्लिम युवकों ने हिंदू समर्थकों द्वारा लगाए गए पोस्टर का विरोध किया. हालात को देखते हुए कर्नाटक पुलिस ने शिवमोग्गा जिले के कुछ हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू कर दी. यही नहीं दोनों समूहों के बीच हुई झड़प के बाद प्रशासन ने यहां बड़ी सभाओं पर भी रोक लगा दी है. झड़प की घटना में एक व्यक्ति को चाकू मार दिया गया था. जानकारी के अनुसार एक मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने अमीर अहमद सर्कल पर सावरकर का बैनर लगाने के लिए हिंदू समर्थक कार्यकर्ताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. जिसके बाद दो पक्षों के बीच विवाद बढ़ने बढ़ गया और इस दौरान हुए मारपीट की घटना में एक शख्स घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.

बता दें, मंगलुरु नगर निगम ने पहले मंगलुरु उत्तर भाजपा विधायक वाई भरत शेट्टी के अनुरोध पर सावरकर के नाम पर सर्कल का नाम रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. आधिकारिक तौर पर सर्कल का नाम रखने के लिए नागरिक निकाय सरकार की अनुमति का इंतजार कर रहा है. इसी तरह की एक घटना में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यकर्ताओं द्वारा इस पर आपत्ति जताए जाने के बाद हिंदुत्व के विचारक सावरकर के बैनर को हटाए जाने के बाद मंगलुरु में सुरथकल जंक्शन पर एक बैनर लगाया गया था.

यहां आपको बता दें, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता बीएस येदियुरप्पा ने स्वतंत्रा दिवस की पूर्व संध्या एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा था कि सावरकर देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत हैं. सावरकर को सच्चा देशभक्त बताते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा सावरकर को महज इसलिए निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि उनकी देशभक्त के प्रति मिल रहे सम्मान को वो पचा नहीं पा रहे हैं.

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वहीं इससे पहले बेंगलुरु में टीपू सुल्तान के पोस्टर को फाड़े जाने मामले पर जब पत्रकारों ने कर्नाटक के पूर्व सीएम येदियुरप्पा से उनकी राय जाननी चाही तो उन्होंने कहा, ‘मैं उस घटना पर चर्चा नहीं करना चाहता. मैं केवल शिवमोगा में सावरकर की घटना पर टिप्पणी करना चाहूंगा. जहां तक टीपू सुल्तान के विवाद की बात है तो मैं तथ्यों से अनजान हूं, जानकारी लेने के बाद ही कोई बात कहूंगा.’

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गौरतलब है कि इससे पहले आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान कर्नाटक सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के विज्ञापन पर भी विवाद देखने को मिला था. कर्नाटक सरकार ने पीएम मोदी के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए अखबार में एक विज्ञापन प्रकाशित कराया था. इस विज्ञापन में देश की आजादी में बड़ी भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को जगह दी गई थी. लेकिन खास बात ये है कि राज्य सरकार के इस विज्ञापन से देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू गायब थे, जबकि इनकी जगह विनायक सावरकर को जगह दी गई थी. यह विज्ञापन 14 अगस्त को छपवाया गया था.

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