Politalks.News/Rajasthan. वल्लभनगर उपचुनाव का घमासान अपने चरम पर है. भाजपा में रणधीर सिंह भिंडर को लेकर भले ही घमासान है लेकिन नामांकन से पहले बुधवार को जनता सेना के कार्यकर्ताओं की बैठक में कुछ ऐसा हुआ जिसने सभी को चौंका दिया. राजमहल में हुई बैठक में रणधीर सिंह भींडर का दिया एक बयान वल्लभनगर के साथ पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया. यहां कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में रणधीर सिंह भींडर ने कहा कि, ‘एक भाजपा नेता का फोन उनके पास आया है और पूछा गया है कि दीपेन्द्र कुंवर को दे टिकट तो जनता सेना रहेगी क्या साथ? भींडर के यह बोलते ही बैठक में मौजूद हजारों कार्यकर्ताओं ने हाथ लहरा कर कहा कि हम सभी कांग्रेस विरोधी विचारधारा के हैं और आपके साथ हैं और हमेशा आपके साथ रहेंगे‘. आपको बता दें कि दीपेन्द्र कुंवर रणधीर सिंह की पत्नी हैं और भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. हालांकि मजे की बात यह भी है कि भींडर दो दिन पहले ये भी ऐलान कर चुके हैं कि 8 अक्टूबर को खुद जनता सेना के बैनर के तले उपचुनाव का पर्चा भरूंगा, लेकिन सियासत में जो दिखाया जाता है वो होता नहीं और जो होता है….!
मुझे दिल्ली तक पहचान दिलाने के लिए कटारिया जी का धन्यवाद- भींडर
इधर बैठक में भींडर ने ये भी कहा कि, ‘राजस्थान विधानसभा के 200 विधायकों में से कुछ एक को दिल्ली में पहचानते हैं. लेकिन मैं इस बैठक से कटारिया जी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे दिल्ली तक पहचान दिलाई. वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र का कोई कार्यकर्ता दिल्ली जाता है तो वहां भीण्डर का नाम लेते ही सीधे सवाल करते हैं कि रणधीर सिंह भीण्डर के वहां से हो क्या?
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कटारिया और भींडर में है पुरानी अदावत!
आपको बता दें, जनता सेना के कर्ता-धर्ता रणधीर सिंह भींडर कभी भाजपा में ही थे. लेकिन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से अदावत के चलते भींडर ने अपनी नई पार्टी जनता सेना बनाई थी. लेकिन फिर भी भींडर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खास सिपहसालार माने जाते रहे हैं. इन दिनों में दो बार मैडम राजे और भींडर की मुलाकात भी हुई है. वल्लभनगर के भाजपा कार्यकर्ताओं का एक बड़ा धड़ा भी भींडर परिवार के लिए टिकट चाहता है. मगर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के विरोध के चलते इसमें अड़चन आ रही है.
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भाजपा भींडर को सारथी बना दौड़ाना चाहेगी जीत का घोड़ा!
अब बात की जाए भाजपा की तो ये भी तय है कि भींडर परिवार में टिकट देने से एक तीर से कई निशाने साधे जा सकते हैं. आपको बता दें कि भींडर परिवार का वल्लभनगर में खासा प्रभाव है, पिछले विधानसभा चुनाव में रणधीर सिंह दूसरे नंबर पर रहे थे और मात्र ढाई हजार मतों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. अगर भींडर परिवार में टिकट दिया जाता है तो एक तो वल्लभनगर में भाजपा की स्थिति जबरदस्त तरीके से मजबूत होगी. वहीं अगर दीपेन्द्र कुंवर को भाजपा टिकट देती है तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए. भाजपा इस बार वल्लभनगर उपचुनाव को हर हाल में जीतना चाहती है. इसको देखते हुए भींडर को साधने की कोशिश की जा रही है. क्योंकि अगर भींडर अलग चुनाव लड़ते हैं तो यहां बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी. इसी को देखते हुए भींडर की पत्नी दीपेंद्र कुंवर को टिकट देने पर भी बीजेपी में विचार किया जा रहा है.